| परिकल्पना पर आज :'' हो गयी हर घाट पर पूरी व्यवस्था , शौक़ से डूबें जिसे भी डूबना है ''  हो गयी हर घाट पर पूरी व्यवस्था , शौक़ से डूबें जिसे भी डूबना है '' दुष्यंत ने आपातकाल के दौरान ये पंक्तियाँ कही थी , तब शायद उन्हें भी यह एहसास नहीं रहा होगा कि आनेवाले समय में बिना किसी दबाब के लोग स्वर्ग या फिर नरक लोक की यात्रा करेंगे । वैसे जब काफी संख्या में लोग मरेंगे , तो नरक हाउस फुल होना लाजमी है , ऐसे में यमराज की ये मजबूरी होगी कि सभी के लिए नरक में जगह की व्यवस्था होने तक स्वर्ग में ही रखा जाये ।....आगे पढ़ें ============================================================ ============================================================ शब्द शब्द अनमोल पर आज : गुरु का अभिप्राय   गुरु (संस्कृत शब्द, अर्थात भारी या महत्वपूर्ण, इसलिए आदरणीय या श्रद्धेय ), हिन्दू धर्म में एक व्यक्तिगत अध्यात्मिक शिक्षक या निर्देशक, जिसने अध्यात्मिक अंतर्दृष्टि प्राप्त कर ली हो । कम से कम उपनिषदों के समय से भारत में धार्मिक शिक्षा में गुरुकुल पद्धति के महत्व पर जोर दिया जाता रहा है । आगे पढ़ें .... ============================================================ ============================================================ वटवृक्ष पर आज :!!प्रेम..... !!  प्यार ....... कहते ही एक सिहरन सी होती है, पलकें भारी हो उठती हैं , पैरों से रुनझुन के गीत बजते हैं ...क्या है यह प्यार ? कि सब कहते हैं - 'मैं तख्तो ताज को ठुकरा के तुझको ले लूँगा कि तख्तो ताज से तेरी गली की ख़ाक भली 'ओह ! प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम ना दो.......आगे पढ़ें | 
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बहुत सटीक और सार्थक .......
जवाब देंहटाएंधन्यवाद !
सार्थक प्रस्तुति ।
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