मंगलवार, 17 सितंबर 2013

नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान ने किया भारतीय ब्लॉगरों का सम्मान

रवीन्द्र प्रभात की अगुवाई में शामिल हुए अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन काठमाण्डौं के प्रतिभागी


 
भारत व नेपाल के साहित्यकारों का समागम


काठमांडौं स्थित नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान (Nepal Academy), भवानी भिक्षु स्मृति प्रतिष्ठान तथा अवधि सांस्कृतिक विकास परिषद्‌ के तत्वाधान में अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में भारत से आये हुए साहित्यकारों तथा नेपाली साहित्यकारों का एक विचार विनिमय कार्यक्रम नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान के सभागार में सम्पन्न हुआ जिसकी अध्यक्षता नेपाल के वरिष्ठ अवधी साहित्यकार विश्वनाथ पाठक ने की। भारतीय साहित्यकारों एवं ब्लॉगरों का प्रतिनिधित्व परिकल्पना समय के प्रधान सम्पादक लखनऊ निवासी रवींद्र प्रभात ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान के सदस्य सचिव सनत रेग्‌मी थे तथा विशिष्ट अतिथि भारत से आये अवधी साहित्यकार तथा अवध ज्योति के सम्पादक डॉ. राम बहादुर मिश्र थे ।


नेपाल एवं भारत के साहित्यकारों को  सम्बोधित करते रवीन्द्र प्रभात
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए परिकल्पना समय के प्रधान सम्पादक रवींद्र प्रभात ने कहा नेपाली और अवधी साहित्य की विरासत और परम्परा साझी है। नेपाली की लिपि देवनागरी होने के कारण नेपाल और भारत दोनों देशों में एक दूसरे की भाषा समझने में कठिनाई नहीं होती है।

इस अवसर पर नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान द्वारा प्रकाशित कृति ‘अवधी निबंध’ जिसमें नेपाली तथा हिंदी के प्रतिष्ठित साहित्यकारों के निबंधों का अनुवाद किया गया है, परिचर्चा की गयी। नेपाल के अवधी साहित्यकार प्रो. विष्णुराज आत्रेय तथा भारत के अवधी साहित्यकार डॉ. रामबहादुर मिश्र ने अवधी भाषा साहित्य की दोनों देशों में वर्तमान स्तिथि पर चर्चा की। डॉ. राम बहादुर मिश्र ने अवधी निबंध को महत्वपूर्ण तथा उल्लेखनीय कृति बताते हुए अनुवादक विक्रम मणि त्रिपाठी की अनुवाद कला की प्रशंसा की और कहा कि इससे अवधी गद्य की अनुवाद कला की प्रशंसा की और कहा कि इससे अवधी गद्य की मानक स्वरूप निर्धारित करने में सहायता मिलेगी।

नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान में आयोजित विशेष सत्र का दृश्य
प्रज्ञा प्रतिष्ठान के सचिव सनत रेग्‌मी ने भारत से आये हुए विद्वानों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत और नेपाल के सम्बंधों को मजबूती देने के लिए यह आवश्यक है कि भारत में भी नेपाली भाषा को महत्वपूर्ण स्थान दिया जाये। भारत की उपेक्षा नेपाल को खलती है। नेपाल और भारत की मैत्री को व्यापक स्वरूप देने का प्रयास किया जाये। नेपाल और भारत की भाषा और संस्कृति साझा है। मैथिली, भोजपुरी, अवधी, थारु आदि भाषाएँ दोनों देशों में बोली और समझी जाती है। नेपाल में सभी भाषाओं को राष्ट्रीय भाषा का दर्ज़ा देने का प्रयास किया जा रहा है। नेपाल और भारत की भाषा पर साझा कार्यक्रम करने की आवश्यकता है यह दुर्भाग्य यह है कि नेपाली तो भारत और वहाँ की भाषा को सम्मान देते हैं किंतु भारत में यह भाव नहीं।

इस कार्यक्रम में इं. विनय प्रजापति, डॉ. नमिता राकेश, श्रीमती सम्पत देवी मुरारका, मुकेश सिन्हा, सुशीला पुरी, मनोज पाण्डेय, रामबाबू गुप्ता (भारत) , तपानाथ शुक्ला, सुमित्रा मानंधर, डॉ. संजिता वर्मा, आलोक तिवारी, रामभरोस कापड़ी, आलोक तिवारी (नेपाल) आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन नेपाल के प्रतिष्ठित अवधी साहित्यकार विक्रममणि त्रिपाठी ने किया।

(काठमाण्डौं से डॉ. राम बहादुर मिश्र की रपट)

रविवार, 15 सितंबर 2013

ऐतिहासिक रहा काठमाण्डौं का अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन

परिकल्पना सम्मान से नवाजे गये हिंदी, नेपाली, भोजपुरी, अवधी, छतीसगढ़ी, मैथिली आदि भाषाओं के ब्लॉगर्स

नेपाल सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री - श्री अर्जुन नरसिन्ह केसी
भारत और नेपाल नदी की दो धाराओं की भाँति हैं जिनकी धार्मिक सांस्कृतिक और साहित्यिक परम्पराएँ तथा विरासतें एक समान हैं जो दोनों देशों के मैत्री समबन्धों को प्रगाढ़ बनाती हैं। ये उद्गार नेपाल सरकार के पूर्व मंत्री तथा संविधान सभा के अध्यक्ष अर्जुन नरसिन्ह केसी ने अंतरराष्ट्रीय ब्लागर सम्मेलन के उदघाटन अवसर पर व्यक्त किये। श्री केसी परिकल्पना समय लखनऊ भारत द्वारा लेखनाथ साहित्य सदन सोरहखुटे सभागार में ब्लॉगरों के सम्मेलन का उद्‌घाटन करने के बाद मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे।

मुख्य अतिथि केसी ने कार्यक्रम के संदर्भ में बोलते हुए आगे कहा कि आज मेरे देश नेपाल में मित्र राष्ट्र भारत से आये साहित्यकारों विद्वानों विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन के संयोजक रवींद्र प्रभात जी का मैं आभारी हूँ जिन्होंने काठमाण्डौं में कार्यक्रम आयोजित करके मुझे इसमें प्रतिभाग करने का सुअवसर प्रदान किया।

वह भवन जो इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का साक्षी बना

इस अवसर पर सम्मेलन के संयोजक रवींद्र प्रभात ने कार्यक्रम के संदर्भ में अपना मंतव्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि परिकल्पना ब्लॉगोत्सव के अंतर्गत मनाया जाने वाला यह कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीसरी बार मनाया जा रहा है। इससे पूर्व यह समारोह भारत देश की राजधानी दिल्ली एवं प्रदेश उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सफलतापूर्वक आयोजित किया जा चुका है।



उद्‌घाटन सह सम्मान सत्र 
उद्‌घाटन सत्र के पश्चात्‌ पाँच सद्य: प्रकाशित कृतियों का लोकार्पण किया गया। लोकार्पण मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथियों द्वारा किया गया। लोकार्पित कृतियों में हिंदी मासिक परिकल्पना समय के नेपाली हिंदी विशेषांक (सम्पादक रवींद्र प्रभात) धरती पकड़ निर्दलीय (उपन्यास) कथाकार रवींद्र प्रभात, साँसों की सरगम (हाइकू संग्रह) कवियत्री डॉ. रमा द्विवेदी, यात्रा क्रम (द्वितीय खंड) सम्पत देवी मुरारका तथा मनोज भावुक के प्रथम भोजपुरी ग़ज़ल के प्रथम भोजपुरी अलबम प्रमुख थे।

इसके पश्चात देश विदेश से आये हुए चर्चित ब्लॉगरों को परिकल्पना सम्मान 2012 से सम्मानित किया गया। ब्लॉगरों को परिकल्पना ब्लॉग गौरव सम्मान, युवा सम्मान, साहित्य सम्मान, काव्य सम्मान, ब्लॉग विभूषण सम्मान, ब्लॉग भूषण सम्मान, ब्लॉग प्रसार सम्मान, ब्लॉग विमर्श सम्मान, तकनीकी सम्मान, हिंदी भूषण सम्मान, विज्ञान भूषण सम्मान, लोक सम्मान, ब्लॉग गौरव सम्मान, बाल साहित्य सम्मान, ब्लॉग प्रतिभा सम्मान आदि से 40 ब्लॉगरों को सम्मानित किया गया।

उद्‌घाटन सत्र में उपस्थित विशिष्ट अतिथियों विक्रम मणि त्रिपाठी, डॉ. नमिता राकेश, डॉ. रमा द्विवेदी, कुमुद अधिकारी, के के यादव, राजी व शंकर मिश्र आदि ने ब्लॉग, फेसबुक, वेबसाइट आदि की आधुनिक तकनीक के माध्यम से साहित्य सृजन के प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राम बहादुर मिश्र ने किया। कार्यक्रम के सन्योजक रवींद्र प्रभात ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों, देश-विदेश से आये ब्लॉगरों तथा स्थानीय संयोजकों के प्रति आभार व्यक्त किया।



परिकल्पना समय के नेपाली अंक का लोकार्पण
ब्लॉगर सम्मेलन में न्यू मीडिया के सामाजिक सरोकार, साहित्य में ब्लॉगिंग की भूमिका तथा ब्लॉग निर्माण एवं ब्लॉगिंग के टूल्स - विषयों पर ब्लॉगरों तथा विद्वानों ने चर्चा की। परिचर्चा में गिरीश पंकज, इं. विनय प्रजापति डॉ. राम बहादुर मिश्र, रवींद्र प्रभात, के के यादव, राजीव शंकर मिश्र, मनोज पाण्डेय आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।
समारोह का दूसरा दिन ब्लॉग और ब्लॉगरों के परिदृश्य पर केंद्रित जो तीन सत्रों में सम्मान हुआ। पहले सत्र का विषय था - 'न्यू मीडिया के सामाजिक सरोकार' जिसकी अध्यक्षता गिरीश पंकज ने की। वक्ताओं के रूप में के के यादव, सुनीता प्रेम यादव, डॉ. रमा द्विवेदी, श्रीमती सुशीला पुरी तथा ललित शर्मा ने अपने विचार व्यक्त किये। डॉ. राम बहादुर मिश्र ने परिचर्चा का सारांश प्रस्तुत किया।

12 बजे से दूसरा सत्र प्रारम्भ हुआ जिसका विषय था 'साहित्य में ब्लॉगिंग की भूमिका' । इस सत्र की अध्यक्षता डॉ. नमिता राकेश ने की तथा डॉ. राम बहादुर मिश्र, सम्पत देवी मुरारका, मनोज भावुक, संजीव तिवारी, मुकेश सिन्हा और मुकेश तिवारी ने अपने विचार व्यक्त किये। श्रीमती आकांक्षा यादव ने परिचर्चा का सारांश प्रस्तुत किया।

नेपाली संस्कृति की संगीतमय मनमोहक प्रस्तुति

तीसरा सत्र 3 बजे से प्रारम्भ हुआ जिसकी अध्यक्षता बी एस पाबला ने की जिसका विषय था - 'ब्लॉग निर्माण एवं इसके टूल्स' इस सत्र में इं. विनय प्रजापति, अशोक कुमार गुप्ता व अंतर सोहिल ने अपने विचार व्यक्त किये। इस सत्र के सारांशक थे शैलेश भारतवासी। समापन सत्र की अध्यक्षता रवींद्र प्रभात ने की थी। इस सत्र में सभी सत्रों की समीक्षा प्रस्तुत की गयी।

सांस्कृतिक संध्या में मुम्बई फ़िल्म इंडस्ट्री से पधारे संगीतकार सरोज सुमन की प्रस्तुति ने समाँ बाँध दिया।



नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान के सचिव सनत रेग्मी के सान्निध्य में कवि सम्मेलन
द्वितीय दिवस का समापन सर्वभाषा कवि सम्मेलन से हुआ जिसके मुख्य अतिथि थे प्रज्ञा प्रतिष्ठान के सदस्य सचिव सनत रेग्मी। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता की तथा संचालन डॉ. राम बहादुर मिश्र ने किया। कवि सम्मेलन में विनय प्रजापति, सुशीला पुरी (लखनऊ), सुनीता यादव (औरंगाबाद), सम्पत देवी मुरारका (हैदराबाद), मुकेश कुमार सिन्हा (दिल्ली), मनोज कुमार तिवारी (इंदौर), मनोज भावुक (दिल्ली), डॉ. नमिता राकेश (फ़रीदाबाद), डॉ. रमा द्विवेदी (हैदराबाद), गिरीश पंकज (छतीसगढ़), आदि ने काव्य पाठ किया। इस कार्यक्रम में हिंदी, नेपाली, उर्दू, उड़िया, भोजपुरी, मैथिली, अवधी, छतीसगढ़ी, पंजाबी, मराठी आदि भाषाओं में काव्य पाठ किया गया।

तीसरे दिन काठमाण्डौं, ललितपुर और भक्तपुर में स्थित धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया गया।

अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में भारत से आये साहित्यकारों और नेपाली साहित्यकारों का एक विचार विनिमय कार्यक्रम नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान के सभागार में चल रहा है। अगली रिपोर्ट एक विराम के बाद।

(काठमांडौ से डॉ राम बहादुर मिश्र)

मंगलवार, 10 सितंबर 2013

समय सारणी : अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन, काठमाण्डू

 Inernational Bloggers Conference 
अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन 
काठमाण्डू (नेपाल) 
स्थान: होटल रिव्यू प्राइवेट लिमिटेड, थनैल, काठमाण्डू (नेपाल) 
दिनांक: 13-14-15 सितंबर 2013 

प्रस्तावित समय सारणी 

प्रथम दिवस (13 सितंबर 2013) 
12.00- 2.00   -   पंजीकरण 
2.00-5.00      - उदघाटन सह सम्मान सत्र 
                        अध्यक्ष: श्री राम वरन यादव, माननीय राष्ट्रपति, नेपाल
                        मुख्य अतिथि : श्री पुष्प कमल दहल प्रचंड, पूर्व प्रधानमंत्री, नेपाल
                        विशिष्ट अतिथि: श्री हरिहर झा, वरिष्ठ साहित्यकार, मेलबोर्न (आस्ट्रेलिया)
                                                  श्री कुमुद अधिकारी, वरिष्ठ साहित्यकार, नेपाल
                                                   श्री आलोक भारद्वाज, हिन्दी फिल्म अभिनेता, मुंबई (भारत)
                                                   श्री राजीव शंकर मिश्रा, हिन्दी ब्लॉगर, काठमाण्डू, नेपाल
                          वक्ता: श्री गिरीश पंकज, डॉ अरविंद मिश्र और डॉ नमिता राकेश
                          संचालक: श्री रवीन्द्र प्रभात
                          पुस्तकों का लोकार्पण: परिकल्पना समय (हिन्दी मासिक) का नेपाल अंक
                                                             धरतीपकड़ निर्दलीय (उपन्यास) , रवीन्द्र प्रभात
                                                             साँसों की सरगम (हाइकू संग्रह) , डॉ रमा द्विवेदी
                                                              यात्रा क्रम (द्वितीय खंड), सम्पत देवी मुरारका

5.00 -6.00    सूक्ष्म जलपान 

6.00 -8.00    मुंबई फिल्म इंडस्ट्री से आए संगीतकार श्री सरोज सुमन की संगीत प्रस्तुति 

8.00             रात्रि भोज 

द्वितीय दिवस (14 सितंबर 2013)

8.00-10.00    सुबह का नाश्ता 

10.00- 12.00  न्यू मीडिया के सामाजिक सरोकार पर चर्चा 
                      अध्यक्ष: श्री गिरीश पंकज
                      वक्ता: श्री के. के. यादव, श्री अविनाश वाचस्पति, डॉ रमा द्विवेदी, श्री मती सुशीला पुरी, श्री                                        ललित शर्मा एवं श्री संतोष त्रिवेदी
                       साराशंक : डॉ अरविंद मिश्र

12.00-2.00    साहित्य में ब्लोगिंग की भूमिका पर चर्चा 
                     अध्यक्ष: डॉ नमिता राकेश
                     वक्ता: श्रीमती सम्पत देवी मुरारका, डॉ राम बहादुर मिश्र, श्री मनोज भावुक, श्री संजीव तिवारी,                        श्री मुकेश कुमार सिन्हा और श्री मुकेश तिवारी
                      सारांशक: श्रीमती आकांक्षा यादव

2.00-3.00     दोपहर का भोजन 

3.00-5.00    तकनीकी सत्र : ब्लॉग निर्माण एवं ब्लोगिंग के टूल्स 
                    अध्यक्ष: श्री बी एस पावला
                    वक्ता: श्री विनय प्रजापति, श्री शाहनवाज़, श्री गिरीश बिललोरे, श्री ज़ाकिर अली रजनीश, श्री                              अशोक कुमार गुप्ता एवं श्री अंतर सोहील
                   सारांशक: श्री शैलेश भारतवासी

5.00-6.00    सूक्ष्म जलपान 

6.00-7.00   समापन सत्र 
                 अध्यक्ष: श्री रवीन्द्र प्रभात
                  सारांशकों द्वारा सत्र चर्चाओं की संक्षिप्त प्रस्तुति
7.00-9.00   कवि सम्मेलन 

9.00           रात्रि भोज 

तृतीय दिवस (15 सितंबर 2013)
 8.00-2.00    पर्यटन 
 2.00 -          प्रस्थान 

* इस समय सारणी में परिवर्तन संभव है । 

मंगलवार, 3 सितंबर 2013

अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन, काठमांडू से संबंधित कुछ जानकारियाँ

परिकल्पना समय (हिन्दी मासिक) का सितंबर अंक प्रेस में चला गया है,  इस अंक में नेपाल और नेपाली साहित्य के साथ साथ गणतन्त्र नेपाल में हिन्दी की स्थिति की व्यापक समीक्षा की गयी है। साथ ही अभिव्यक्ति का नया माध्यम ब्लॉग पर अत्यधिक पठनीय सामग्रियों को स्थान दिया गया है। 

उल्लेखनीय है, कि   आगामी 13-14-15 सितंबर 2013 को काठमांडू में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन सह परिकल्पना सम्मान समारोह को दृष्टिगत रखते हुये यह अंक न्यू मीडिया पर केन्द्रित किया गया है। 

चलिये अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन से संबंधित कुछ जानकारियाँ (प्रतिभागियों हेतु) साझा करते हैं : 


कार्यक्रम 13 सितंबर को अपराहन बजे से शुरू होगा जो रात्रि बजे तक चलेगा। अगले दिन पुन: सुबह 10 बजे से शुरू होकर तीन सत्रों मे रात्रि बजे तक जारी रहेगा । 13 सितंबर को रात्रि में संगीत का कार्यक्रम और 14 सितंबर को रात्रि में कवि सम्मेलन प्रस्तावित है । 15 सितंबर का दिन पूर्णरुपेण पर्यटन के लिए सुरक्षित रखा गया है । 

 कार्यक्रम स्थल काठमाण्डू स्थित नयी सड़क पर स्थित राजभवन में प्रस्तावित है तथा रहने-ठहरने तथा नाश्ता-भोजन हेतु समस्त प्रतिभागियों के लिए "मारवाड़ी सेवा सदन" न्यू रोडरंजना सिनेमा हॉल के सामनेकाठमांडू (नेपाल) में व्यवस्था की गयी है जो कार्यक्रम स्थल से केवल 500 मीटर की दूरी पर है । एयरपोर्ट से किलोमीटर तथा बस अड्डा से किलो मीटर की दूरी पर है। बस से आने वाले प्रतिभागी बस अड्डे से पहले यदि कलंकी में उतर जाएँ तो काली माटी चौक और त्रिपुरेश्वर होते हुये न्यू रोड पहुँच सकते हैं और यह दूरी केवल किलोमीटर होगी। 

विस्तृत जानकारी के लिए संपर्क करें : 


 
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