गुरुवार, 29 जनवरी 2015

परिकल्पना सार्क शिखर और सार्क सम्मान हेतु प्रविष्टियाँ आमंत्रित


जैसा कि आप सभी को विदित है, कि विगत चार वर्षों से परिकल्पना (संस्था) और परिकल्पना समय (मासिक पत्रिका) के संयुक्त तत्वावधान में प्रत्येक वर्ष 51 ब्लॉगर्स को परिकल्पना सम्मान प्रदान किया जाता रहा है,  किन्तु विगत वर्ष से इस सम्मान प्रक्रिया में आंशिक संशोधन किया गया है। संशोधन के उपरांत ब्लॉगोत्सव में शामिल प्रतिभागियों में से विषयानुसार चयनित सभी सम्मानधारक  कों  "परिकल्पना सम्मान" प्रदान किए जाने की व्यवस्था पूर्ववत रहेगी। 

उल्लेखनीय है, कि विगत वर्ष से शुरू की गयी एक नई पुरस्कार योजना के  अंतर्गत सार्क  देशों में से चयनित किसी भी देश के चार ब्लॉगर अथवा साहित्यकार को  "परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान" प्रदान किए जाने का प्रावधान है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक प्रतिभागियों को 21000/- की धनराशि प्रदान की जाती है ।  साथ ही चार ब्लॉगरो  अथवा साहित्यकारों को  चयन  "परिकल्पना सार्क सम्मान" हेतु  किया जाता है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक प्रतिभागियों को 11000/- की धनराशि प्रदान की जाती है ।

इसी क्रम में वर्ष-2015 हेतु "परिकल्पना सार्क  शिखर सम्मान" और  "परिकल्पना सार्क सम्मान" हेतु प्रविष्टियाँ आमंत्रित:

नियम एवं शर्तें: 

* सम्मानधारक के लिए ब्लॉगर, पत्रकार  अथवा साहित्यकार  होना अनिवार्य है। 

* विगत एक दशक में ब्लॉग, सामाजिक मीडिया, जन संचार, यात्रा वृतांत, कविता, कहानी अथवा उपन्यास से      संबंधित सम्मानधारकों की  न्यूनतम एक पुस्तक, शोध प्रबंध अथवा न्यूनतम 100 ब्लॉग पोस्ट  अवश्य     प्रकाशित हो। 

* सम्मानधारक के लिए दक्षिण एशिया के किसी भी देश का नागरिक होना अनिवार्य है। 

* सम्मानधारक की आयु 30 वर्ष से कम न हो। 

* सम्मान हेतु किसी दो उल्लेखनीय तथा विशिष्ट व्यक्तियों की अनुशंसा प्राप्त हो। यदि सम्मान धारक स्वयं      में अत्यंत विशिष्ट और उल्लेखनीय व्यक्तियों में से एक है, तो अनुशंसा की आवश्यकता नही है। 

प्रक्रिया: इस सम्मान हेतु प्रतिभागी स्वयं भी अपना आवेदन दे सकते हैं, या फिर किसी संस्था अथवा व्यक्ति द्वारा अनुशंसा की जा सकती है। आवश्यक समझे जाने पर दो और उल्लेखनीय तथा विशिष्ट व्यक्तियों की अनुशंसा आवश्यक होगी। 

कृपया निम्न जनकारियों के साथ विषय में "परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान हेतु प्रविष्टि" 
अथवा "परिकल्पना सार्क सम्मान हेतु प्रविष्टि" 
लिखते हुये निम्न विवरण के साथ parikalpnaa00@gmail.com पर मेल करें। 

*नाम:
*पिता/पति का नाम 
*पता: 
* जन्म तिथि: 
*प्रकाशित पुस्तकें: 
*प्राप्त सम्मान: 
*ब्लॉग अथवा जालस्थल का पता: 
* ई मेल आई डी :
* उन्हें  यह सम्मान क्यों दिया जाये? 
(कम से कम 100 शब्दों में अपनी बात रखें) 


अंतिम तिथि: 15 फरवरी  2015

ध्यान दें: समस्त सम्मानधारकों को आगामी 23 से 28 मई 2015 में कोलंबो  (श्रीलंका) में आयोजित "पंचम अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन सह परिकल्पना सम्मान समारोह" में ये विशिष्ट सम्मान प्रदान किए जाएंगे। 

बुधवार, 28 जनवरी 2015

पंचम अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन श्रीलंका में 23 से 28 मई 2015 तक

खनऊ से प्रकाशित "परिकल्पना समय" (हिन्दी मासिक पत्रिका) और "परिकल्पना" (सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था) के संयुक्त तत्वावधान में प्रकृति की अनुपम छटा से ओतप्रोत दक्षिण एशिया का एक महत्वपूर्ण देश श्री लंका की  सांस्कृतिक राजधानी, आध्यात्मिक राजधानी  और  राजनीतिक  राजधानी क्रमश: कैंडी, नेगोंबों बन्दरगाह और कोलंबो   में दिनांक 23 से 28 मई 2015 तक पाँच  दिवसीय "पंचम अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन सह परिकल्पना सम्मान समारोह" का आयोजन किया जा रहा है।

इस अवसर पर आयोजित सम्मान समारोह, आलेख वाचन,चर्चा -परिचर्चा में देश विदेश के अनेक साहित्यकार,चिट्ठाकार,पत्रकार,अध्यापक,संस्कृतिकर्मी,हिंदी प्रचारकों और समीक्षकों की उपस्थिति रहेगी। उल्लेखनीय है, कि ब्लॉग, साहित्य, संस्कृति और भाषा के लिए प्रतिबद्ध संस्था "परिकल्पना" पिछले चार वर्षों से ऐसी युवा विभूतियों को सम्मानित कर रही है जो ब्लॉग लेखन को बढ़ावा देने के साथ-साथ कला, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं। इसके अलावा वह चार अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलनों का संयोजन भी कर चुकी है जिसका पिछला आयोजन भूटान  की राजधानी थिंपु और सांस्कृतिक राजधानी पारो में किया गया था ।

सम्मेलन का मूल उद्देश्य स्वंयसेवी आधार पर दक्षिण एशिया में ब्लॉग के विकास हेतु पृष्ठभूमि तैयार करना, हिंदी-संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना, भाषायी सौहार्द्रता एवं सांस्कृतिक अध्ययन-पर्यटन का अवसर उपलब्ध कराना आदि है।

इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी के तीन सत्र होंगे जिनके विषय है –"ब्लॉग के माध्यम से दक्षिण एशिया में शांति-सद्भावना की तलाश", " दक्षिण एशिया में भाषाई सद्भाभना और उत्पन्न समस्याएँ" तथा " दक्षिण एशिया में साहित्यिक-सांस्कृतिक आदान-प्रदान"। इसके अलावा सुर-सरस्वती और संस्कृति की त्रिवेणी प्रवाहित करती काव्य संध्या भी आयोजित होगी।

22 मई 2015  की रात्री 12.45 बजे समस्त प्रतिभागी  भारत के प्रमुख महानगर चेन्नई से कोलंबो के लिए वायु मार्ग से प्रस्थान करेंगे।

कोलंबो पहुँचने के पश्चात समस्त प्रतिभागी सड़क मार्ग से श्रीलंका की सांस्कृतिक राजधानी और दूसरा सबसे बड़ा शहर कैंडी (Kandy) के लिए प्रस्थान करेंगे। कंडी के शासकों ने ही बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार किया और इस नगर को एक पहचान दी। ऐसा माना जाता है कि गौतम बुद्ध के दन्त अवशेष भारत से चुरा कर यहाँ लाये गए थे ताकि उन्हें दुष्ट शासकों से संरक्षण प्राप्त हो सके। यह भी मान्यता है कि बुद्ध के दन्त अवशेष जहाँ भी रहेंगे, वहां समृद्धि रहेगी।

सिंहली के साथ साथ तामिल भी यहाँ की राजकीय भाषा है और लोग तामिल अथवा अंग्रेजी भी बोल लेते हैं। यहाँ के पारंपरिक शास्त्रीय नृत्य युद्ध क्रीडा जैसे हैं, जिसमें संगीत और ढोलों का गजब सामंजस्य होते हैं। कंडी के बीचों बीच एक सुन्दर झील है, प्रसिद्द दन्त अवशेष मंदिर (डालडा मलिगवा) से लगी। विश्व भर में बौद्धों की यह पवित्रतम पूजास्थली है। कैंडी का एक दूसरा आकर्षण वहां से ५ मील दूर पेरादेनिया में स्थित राजकीय वनस्पति उद्यान (रोयल बोटानिकल गार्डेन) है जहाँ श्रीलंका के दुर्लभ से दुर्लभ पेड़ पौधों को संगहीत किया गया है। कहते हैं १५० एकड़ में फैले इस उद्यान की स्थापना कंडी के राजाओं के द्वारा १३ वीं सदी में किया गया था। बड़े पेशेवर एवं वैज्ञानिक तरीके से इस उद्यान की देख रेख की जाती है। यहाँ पेड़ पौधों की प्रजाति अनुसार अलग अलग खण्डों में विभाजित किया गया है। यहाँ आपको परंपरिक श्रीलंकाई संस्कृति, हिन्दू आर्किटेक्चर, स्पाइस गार्डेन, बैटिक फैक्ट्री, जेम शॉप तथा वूड करविंग फैक्ट्री आदि स्थलों के भ्रमण का अवसर प्राप्त होगा। रात्री में यहाँ सूर-सरस्वती और संस्कृति की त्रिवेणी प्रवाहित करती काव्य संध्या आयोजित की जाएगी।

*24 मई 2015 को सुबह समस्त प्रतिभागी नुअरा एलिया नामके एक हिल स्टेशन जाएँगे। यह कैंडी से ७० मील की दूरी पर है और अपने चाय बागानों के लिए प्रख्यात है। इसे श्रीलंका का स्विटज़रलेंड भी कहा जाता है। अंग्रेजों के जमाने में यह उनका आरामगाह हुआ करता था। कोलम्बो वासी भी गर्मी से बचने के लिए यहीं आते हैं। हिल स्टेशन के बहुत बड़े भूभाग में चाय बागान और सम्बंधित कारखाने हैं। एक बड़ी झील और सुन्दर उद्यान भी यहाँ के आकर्षण हैं। यहीं हमें सीता मैय्या के मंदिर (सीता एलिया) के भी दर्शन होंगे। इसे ही रामायण की अशोक वाटिका कहा जाता है। यहीं पर पवन पुत्र हनुमान ने अशोक वृक्ष के नीचे सीता मैय्या को ढून्ढ निकाला था। यहाँ हनुमान जी द्वारा छोड़े गए पद चिन्हों को भी देखने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा मजेस्टिक वाटर फॉल का अनुपम आनंद समस्त प्रतिभागियों को प्राप्त होगा। शाम में समस्त प्रतिभागी कैडी वापस आ जाएंगे जहां वे परिचर्चा सत्र में शामिल होंगे।

*25 मई 2015 को सुबह समस्त प्रतिभागी कोलंबो के लिए प्रस्थान करेंगे, जहां पूरे दिन का सम्मेलन सत्र होगा, जिसमें सारस्वत सम्मान, दो परिचर्चा सत्र, भारतीय संस्कृति को आयामीत करने वाली कला प्रदर्शनी, चित्र प्रदर्शनी तथा भारतीय लोकगीत की प्रस्तुति होगी। शाम में कोलंबो शहर के भ्रमण के पश्चात ग्रैंड दिनार होगा जिसमें समस्त प्रतिभागी श्रीलंकाई व्यंजन के साथ-साथ भारतीय व्यंजन का भरपूर लुत्फ़ ले सकेंगे।

*26 मई 2015 को सुबह नाश्ते के बाद नेगोंबों समुद्र तट के लिए समस्त प्रतिभागी प्रस्थान करेंगे। यह समुद्र तट श्री लंका का बेहद खूबसूरत तटों में से एक है, जहां आम तौर पर विश्व भर के सैलानियों के लिए छुट्टी बिताने हेतु एक बहुत अच्छी जगह है, जहां सुनहरी रेत के साथ रेस्तरां और क्लब हैं। यहीं रात्री विश्राम और समापन सत्र होगा।

*27 मई 2015 को सुबह नाश्ते के बाद समस्त प्रतिभागी कोलंबो शहर में तथा खरीददारी हेतु प्रस्थान करेंगे और शाम में कोलंबो एयरपोर्ट के लिए प्रस्थान कर जाएंगे। 

चेन्नई आने के बाद समस्त प्रतिभागी अपने-अपने गंतव्य की ओर सवय के साधन से प्रस्थान करेंगे । 

इस आयोजन को श्रीलंका में आयोजित करने के मूल उद्देश्य यह है कि सांस्कृतिक दृष्टि से भारत और श्रीलंका में कई समानताएं हैं । भारत से निकल कर बौद्ध धर्म जहां श्रीलंकाई संस्कृति में विलीन हो गया वहीं भारतीय नृत्य शैलियों का यहाँ व्यापक प्रसार हुआ । श्रीलंका के शास्त्रीय संगीत चीनी, जापानी, भारतीय ओर इंडोनेशिया के संगीत के बहुत समीप जान पड़ता है। यहां अनेकानेक नृत्य शैलियां हैं जो नाटक से जुड़ी हुई हैं। इनमें रामायण का महत्वपूर्ण स्थान है। इन कार्यक्रमों में भारी परिधानों और मुखोटों का प्रयोग किया जाता है। यहाँ अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉग सम्मलेन आयोजित करने के पीछे पवित्र उद्देश्य है हिंदी संस्कृति को श्रीलंकाई संस्कृति के करीब लाना और हिंदी भाषा को यहाँ के वैश्विक वातावरण में प्रतिष्ठापित करना ।

ठहरने का स्थान: 
(1) कैंडी: पैनोरमा होटल (23 एवं 24 मई 2015)
(2) कोलंबो: कोणकोर्ड  ग्रांड (25 मई 2015) 
(3) नोगोंबों: ओएसिस बीच होटल (26 मई 2015) 

ध्यान दें: इसमें शामिल होने के लिए पासपोर्ट आवश्यक है।

जो प्रतिभागी इस आयोजन में शामिल होने के इच्छुक हो वे
अन्य जानकारी के लिए लिखें: parikalpnaa00@gmail.com:

मंगलवार, 27 जनवरी 2015

थिंपू में हुए अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ब्लॉगर सम्मेलन और अखबारों की सुर्खियां

 15-18 जनवरी 2015 के दौरान भूटान की राजधानी थिंपू में आयोजित चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन और समाचारों के कतरन: 

प्रादेशिक सत्ता (लखनऊ संस्करण)
22 जनवरी 2015
अमर उजाला (लखनऊ संस्करण)
22 जनवरी 2015 

विचार संकलन (लखनऊ संस्करण)
22 जनवरी 2015 

तरुण मित्र (लखनऊ संस्करण)
22 जनवरी 2015 
जनसंदेश टाइम्स (इलाहाबाद संस्करण)
21 जनवरी 2015 
यूनाइटेड भारत (इलाहाबाद संस्करण)
21 जनवरी 2015 
दैनिक हिंदुस्तान (इलाहाबाद संस्करण)
21 जनवरी 2015 
दैनिक जागरण (इलाहाबाद संस्करण)
21 जनवरी 2015 
अमर उजाला (इलाहाबाद संस्करण)
21 जनवरी 2015 
अमर उजाला (इलाहाबाद संस्करण)
21 जनवरी 2015 
श्री टाइम्स (इलाहाबाद संस्करण)
21 जनवरी 2015 
The Pioneer (Allahabad Edition)
21 jan 2015
Northern India Ptrika (Allahabad Edition)
21 jan 2015
Hindustan Times (Allahabad Edition)
22 jan 2015
लोकमत समाचार (नागपुर संस्करण)
21 जनवरी 2015 




दैनिक हिंदुस्तान (बाराबंकी संस्करण)
21 जनवरी 2015 
Times of India (Indore Edition)
12 Jan 2015 
नवभारत टाइम्स (लखनऊ संस्करण)
9 जनवरी 2015 
अमर उजाला  (लखनऊ संस्करण)
9 जनवरी 2015 
डेली न्यूज एक्टिविस्ट (लखनऊ संस्करण)
26 नवंबर 2014 


कोलाज (विभिन्न समाचार पत्रों से )


डेली न्यूज एक्टिविस्ट (इलाहाबाद संस्करण)
26 नवंबर 2014 


पंजाब केसरी (इलाहाबाद संस्करण)
22 जनवरी 2015 
सिटी टाइम्स (इलाहाबाद संस्करण)
23 जनवरी 2015 

राष्ट्रीय सहारा  (इलाहाबाद संस्करण)
23 जनवरी 2015 
दैनिक आज (इलाहाबाद संस्करण)
23 जनवरी 2015 
मिलाप हिन्दी दैनिक (हैदराबाद संस्करण)
22 जनवरी 2015  
स्वतंत्र वार्ता (हैदराबाद संस्करण)
22 जनवरी 2015 
Kuensel (Thimpu Edition)
17 Jan 2015 
अवधनामा  (लखनऊ संस्करण)
24 जनवरी 2015 
दैनिक पूर्वोदय (गुवाहाटी संस्करण)
26 जनवरी 2015  

कुछ महत्वपूर्ण लिंक 

युवा ब्लॉगर कृष्ण कुमार यादव भूटान में “परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान’’ से सम्मानित















बुधवार, 21 जनवरी 2015

भूटान में चार दिवसीय चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन संपन्न

भूटान की राजधानी थिंपु में सम्मानित हुये देश-विदेश के 30 ब्लॉगर्स और साहित्यकार। 



रायपुर, छत्तीसगढ़ की अल्पना देशपांडे  और अदिति देशपांडे की कलाकृतियों की प्रदर्शनी और लखनऊ की कुसुम वर्मा के अवधी लोकगीतों से खुशनुमा हुई थिंपु की एक शाम।  


पाँच पुस्तकों तथा  परिकल्पना समय मासिक पत्रिका के जनवरी अंक के साथ-साथ 
परिकल्पना कोश वेबसाईट का लोकार्पण 


ब्लॉग पर हाशिये का समाज विषय पर आधारित परिचर्चा में खुलकर बोले दक्षिण एशियाई ब्लॉगर्स

भूटान की सांस्कृतिक राजधानी पारो में काव्य संध्या के माध्यम से प्रवाहित हुई
 सुर-सरस्वती और संस्कृति की त्रिवेणी। 


उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद निवासी ब्लॉगर और साहित्यकार कृष्ण कुमार यादव, हैदराबाद की सम्पत देवी मुरारका और रायपुर छतीसगढ़ के ललित शर्मा को विगत 15 से 18 जनवरी 2015 तक भूटान की राजधानी थिम्पू और सांस्कृतिक राजधानी पारो में आयोजित चतुर्थ ‘‘अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन‘‘ के दौरान  सर्वोच्च परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान से नवाजा गया। इस सम्मान के अंतर्गत उन्हें पच्चीस हजार की धनराशि, स्मृति चिन्ह, सम्मान-पत्र और अंगवस्त्र प्रदान किए गए। साथ ही महाराष्ट्र के औरंगाबाद की अनुवादक सुनीता प्रेम यादव को परिकल्पना सार्क सम्मान प्रदान किया गया। इस सम्मान के अंतर्गत उन्हें पाँच  हजार की धनराशि, स्मृति चिन्ह, सम्मान-पत्र और अंगवस्त्र प्रदान किए गए। 

उत्तर प्रदेश के जनपदों मसलन सुल्तानपुर के डॉ राम बहादुर मिश्र को परिकल्पना साहित्य भूषण सम्मान, बाराबंकी के  एडवोकेट रणधीर सिंह सुमन व डॉ विनय दास को क्रमशः परिकल्पना सोशल मीडिया सम्मान और परिकल्पना कथा सम्मान, लखनऊ की कुसुम वर्मा को परिकल्पना लोक-संस्कृति सम्मान, बहराइच के डॉ अशोक गुलशन को परिकल्पना हिन्दी गौरव सम्मान, रायबरेली से सूर्य प्रसाद शर्मा को परिकल्पना साहित्य सम्मान तथा हैदरगढ के ओम प्रकाश जयंत व विष्णु कुमार शर्मा को क्रमशः को परिकल्पना साहित्य श्री सम्मान व परिकल्पना सृजन श्री सम्मान तथा उन्नाव के विश्वंभरनाथ अवस्थी को परिकल्पना नागरिक सम्मान प्रदान किए गए। इसके अलावा इंदौर के प्रकाश हिन्दुस्तानी, रायपुर के गिरीश पंकज,  गगन शर्मा, अल्पना देशपांडे, अदिति देशपांडे, दिल्ली की सर्जना शर्मा और निशा सिंह, मुंबई से आलोक भारद्वाज, सिल्चर की डॉ शुभदा पाण्डेय आदि के साथ-साथ  देश-विदेश के लगभग तीस ब्लोगर्स को विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए परिकल्पना सम्मान से नवाजा गया।
 यह सम्मान भूटान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के महासचिव श्री फूब शृंग के कर कमलों से दिये गए। इस अवसर पर भूटान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उप महासचिव श्री चन्द्र क्षेत्री, सार्क समिति के महिला विंग तथा इन्टरनेशनल स्कूल ऑफ भूटान की अध्यक्ष श्रीमती थिनले ल्हाम, असम विश्वविद्यालय सिल्चर के भाषा विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर नित्यानन्द पाण्डेय, इलाबाद परिक्षेत्र के डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव और हिन्दी के वरिष्ठ व्यंग्यकार श्री गिरीश पंकज विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। 

इस अवसर पर पांच पुस्तकों क्रमशः संपत देवी मुरारका की यात्रा वृत्त तृतीय भाग, कुसुम वर्मा की ह्रदय कँवल, सूर्य प्रसाद शर्मा निशिहर की संघर्षों का खेल, विष्णु कुमार शर्मा की दोहावली, अशोक गुलशन की क्या कहूँ किससे कहूँ और परिकल्पना समय पत्रिका के जनवरी अंक के विमोचन के साथ-साथ परिकल्पना कोश  वेबसाईट का लोकार्पण हुआ, वहीं रायपुर छत्तीसगढ़ की अल्पना देशपांडे और अदिति देशपांडे की कलाकृतियों की प्रदर्शनी का लोकार्पण संपन्न हुआ।  इस अवसर पर कुसुम वर्मा के अवधी लोकगीतों की खुशबू में नहाई भूटान की एक शाम। डॉ राम बहादुर मिश्र के कुशल संचालन में सुर सरस्वती और संस्कृति की त्रिवेणी प्रवाहित करती काव्य संध्या और ब्लॉग पर हाशिए का समाज परिचर्चा में शामिल हुए भारत और भूटान के एक दर्जन से ज्यादा ब्लोगर्स। 

सम्मेलन के दौरान वैश्विक परिप्रेक्ष्य विशेषकर सार्क देशों में हिन्दी के पठन-पाठ्न, हिन्दी साहित्य के प्रचार-प्रसार, न्यू मीडिया के रूप में ब्लॉगिंग के विभिन्न आयामों एवं बदलते दौर में सोशल मीडिया की भूमिका इत्यादि विषयों पर भी चर्चा हुई। सम्मेलन का मूल उद्देश्य दक्षिण एशिया में ब्लॉग के विकास हेतु पृष्ठभूमि तैयार करना, हिंदी-संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना, भाषायी सौहार्द्रता एवं सांस्कृतिक अध्ययन-पर्यटन का अवसर उपलब्ध कराना आदि था।  दिल्ली, लखनऊ, काठमांडू में आयोजन के बाद इस बार 15-18 जनवरी 2015 के दौरान भूटान में चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन का आयोजन हुआ । यहाँ अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉग सम्मलेन आयोजित करने के पीछे उद्देश्य था हिंदी संस्कृति को भूटानी संस्कृति के करीब लाना और हिंदी भाषा को यहाँ के वैश्विक वातावरण में प्रतिष्ठापित करना। अभी कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपनी भूटान यात्रा के दौरान भारत-भूटान के मध्य ऐतिहासिक व सांस्कृतिक संबंधों की चर्चा करते हुए परस्पर सद्भाव व सहयोग की बात कही थी। भूटान में आयोजित यह सम्मेलन भी उसी कड़ी को आगे बढ़ाने का एक प्रयास था। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिन्दी के मुख्य ब्लॉग विश्लेषक रवीन्द्र प्रभात ने तथा संचालन महाराष्ट्र के औरंगाबाद निवासी श्रीमती सुनीता प्रेम यादव ने किया।
 
Top