रविवार, 24 जनवरी 2016

थाईलैंड में षष्टम अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन पूरी भव्यता के साथ संपन्न


साहित्य और  ब्लॉगिंग के बीच सेतु निर्माण करने वाली भारत  की प्रमुख  संस्था परिकल्पना तथा लखनऊ से प्रकाशित  होने वाली मासिक पत्रिका परिकल्पना समय द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किया जाने वाला अन्तर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन 16 से 21 जनवरी 2016 के बीच थाईलैण्ड की सांस्कृतिक राजधानी पटाया और राजनितिक राजधानी बैंकाक में आयोजित किया गया। नई दिल्ली, लखनऊ, काठमांडो (नेपाल),  थिम्मू (भूटान) तथा  कोलम्बो (श्रीलंका) के सफल आयोजनों की श्रृंखला में थाईलैण्ड का यह छठा सम्मेलन भी पूरे वैभव के साथ सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर थाईलैण्ड के प्रमुख शहर पटाया और राजधानी बैंकाक में सम्पन्न हुए सांस्कृतिक एवं साहित्यिक कार्यक्रमों में कवि सम्मेलन, पुस्तक लोकार्पण, परिचर्चा, सम्मान समारोह एवं सांस्कृतिक संध्या जैसे कार्यक्रम सम्पन्न हुए। सभा का संचालन सुनीता प्रेम यादव ने किया।
17 जनवरी की सायं पटाया के गोल्डन बीच होटल के सभागार में रवीन्द्र प्रभात की अध्यक्षता में एक कवि सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें सुनीता प्रेम यादव, डा0 विनयदास, प्रीति, ‘अज्ञात’ डा0 निर्मला सिंह ‘निर्मल’ कुसुम वर्मा, डा0 रामबहादुर मिश्र आदि कवियों ने काव्य पाठ किया।

19 जनवरी को थाईलैण्ड की राजधानी बैंकाक के सीजन स्याम  सभागार में चार सत्रों में सम्मेलन का मुख्य कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। प्रथम उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि उ0प्र0 शासन के पूर्व नगर विकास मंत्री श्री नकुल दुबे थे। अध्यक्षता श्री रवीन्द्र प्रभात ने की,  विशिष्ट अतिथि रहे अन्तर्राष्ट्रीय बाक्सिंग कोच श्री एस0एन0 मिश्र तथा अवध ज्योति के सम्पादक डा0 राम बहादुर मिश्र। 

आयोजन की परिकल्पना पर प्रकाश डालते हुए आयोजक श्री रवीन्द्र प्रभात ने बताया कि हिन्दी साहित्य और ब्लागिंग के बीच सेतु निर्माण एवं योगदान देने के उद्देश्य से संस्था द्वारा 2010 में अन्तर्जाल पर उत्सव की परिकल्पना की गयी तथा नाम दिया गया था परिकल्पना ब्लॉगोत्सव। हमारा उद्देश्य है एक सुन्दर एवं खुशहाल सह अस्तित्व की परिकल्पना को मूर्त रूप देना और हम  दिशा में  के साथ कृतसंकल्पित हैं। 

मुख्य अतिथि श्री नकुल दुबे ने अपने सम्बोधन में कहा कि परिकल्पना का उद्देश्य बहुत ही पवित्र है वह पूरी दुनिया की बेहतरी के लिए काम कर रही है। उसका उद्देश्य सह अस्तित्व और वसुधैव कुटुम्बकम की भावना पर केन्द्रित है। विशिष्ट अतिथि डा0 राम बहादुर मिश्र ने कहा कि ब्लागरों की दस्तक ने साहित्य की दुनिया का स्वरूप बदल दिया है लेकिन लेखन के नाम पर कुछ सतही ब्लागरों की उपस्थिति ने ब्लागरों की छवि को नुकसान पहुंचाया है। वहीँ अन्तर्राष्ट्रीय बाक्सिंग कोच श्री एस0एन0 मिश्र ने कहा कि परिकल्पना ने हिंदी ब्लॉगिंग को पूरी दुनिया में प्रतिष्ठापित किया है और इसके लिए रवीन्द्र प्रभात जी की जितनी प्रशंसा की जाए कम होगी।

लोकार्पण सत्र में मुख्य अतिथि ने सद्यः प्रकाशित साहित्यक कृतियों का लोकार्पण किया इनमें प्रमुख थी अवधी पत्रिका अवध ज्योति का अवधी कविता विशेषांक (सं0 डा0 राम बहादुर मिश्र) , लफ्जों का सफर (काव्य संग्रह) डा0 अशोक गुलशन, अतुल श्रीवास्तव की पुस्तक फ्रंट पेज, डा0 अनीता श्रीवास्तव की पत्रिका रेवांत, डा0 निर्मला सिंह "निर्मल" की पुस्तक दस्तक हमारी, अग्नि पुरूष की अंतिम उड़ान, शिखर की ओर, धरती रही पुकार आदि।

तीसरा सत्र परिचर्चा का था। डा0 राम बहादुर मिश्र की अध्यक्षता में सम्पन्न हुए प्रथम सत्र का विषय इंटरनेट पर सृजनात्मक साहित्य का विस्तार था। विषय प्रवर्तन किया डा0 संदीप रमाभाऊ ठोकल (महाराष्ट्र) ने किया। मुख्यवक्ता डा0 रमाकांत कुशवाहा ने मुख्य विषय पर बोलते हुए कहा अभिजन की भाषा जन की भाषा पर शासन करना चाहती है किन्तु इण्टरनेट ने जन भाषा को विशेष प्रोत्साहन दिया। परिचर्चा में रवीन्द्र मोहन त्रिपाठी डा0 विनयदास, डा0 विजय प्रताप श्रीवास्तव, डा0 उमेश कुमार पटेल आदि ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये।

परिचर्चा का दूसरा सत्र साहित्य की समृद्धि में महिलाओं का योगदान विषय पर केन्द्रित था जिसकी अध्यक्षता डा0 निर्मला सिंह "निर्मल" ने की। इस सत्र में प्रीति अज्ञात, सुनीता प्रेम यादव तथा डा0 अनीता श्रीवास्तव ने अपने विचार रखे, संचालन कुसुम वर्मा ने किया।

अंतिम सत्र सम्मान पुरस्कार अलंकरण में मुख्य अतिथि श्री नकुल दुबे ने प्रतिभागियों को सम्मानित किया जिसका विवरण इस प्रकार है- परिकल्पना सार्क सम्मान 2015 कुसुम वर्मा, परिकल्पना साहित्य सम्मान 2015 प्रीति अज्ञात (अहमदाबाद), परिकल्पना ब्लॉग सम्मान 2015 अतुल श्रीवास्तव (छत्तीसगढ़), परिकल्पना सृजन सम्मान 2015 डा0 निर्मला सिंह "निर्मल" (लखनऊ), परिकल्पना अभिव्यक्ति सम्मान 2015 डा0 विनयदास (बाराबंकी), परिकल्पना हिन्दी प्रसार सम्मान 2015 डा0 विजय प्रताप श्रीवास्तव (कुशीनगर), परिकल्पना हिन्दी गौरव सम्मान 2015 रवीन्द्र मोहन त्रिपाठी (गोरखपुर), परिकल्पना हिन्दी भूषण सम्मान 2015 डा0 रमाकान्त कुशवाहा (देवरिया), परिकल्पना शब्द शिखर सम्मान 2015 डा0 उमेश कुमार पटेल (महराजगंज उ0प्र0) परिकल्पना पत्रकारिता सम्मान 2015 डा0 अनीता श्रीवास्तव (लखनऊ उ0प्र0)।

सांय 6 बजे से सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया जिसका नाम था "एक शाम कुसुम वर्मा के नाम"। इस सांस्कृतिक संध्या में भारत और थाईलैण्ड के प्रतिभागियों की उपस्थिति में कुसुम वर्मा की मोहक प्रस्तुति ने समां बांध दिया। इस प्रकार मुख्य समारोह अपने विविध आयोजनों की वैभवशाली प्रस्तुति से सम्पन्न हुआ। अगले दिन विश्व प्रसिद्ध सफारी वर्ल्ड  के अनेक कार्यक्रमों में पूरा दिन व्यस्त रहा और अंतिम दिन 21 जनवरी को थाईलैण्ड के धार्मिक स्थलों एवं मन्दिरों के दर्शनोपरान्त सांय 4 बजे थाईलैण्ड के सुवर्ण भूमि एयरपोर्ट से उड़ान भरते हुए प्रतिभागियों ने विदा ली।

(बैंकाक से डा0 रामबहादुर मिश्र की रिपोर्ट)

मंगलवार, 5 जनवरी 2016

उत्तर प्रदेश प्रवासी दिवस के बहाने नई संभावनाओं की तलाश

मणेन्द्र मिश्रा ‘मशाल’
उत्तर प्रदेश की वर्तमान अखिलेश सरकार की प्राथमिकता सूची में प्रवासी भारतीयों/भारतीय मूल के विदेशों में रह रहे लोग विशेष महत्व रख रहे हैं। उत्तर प्रदेश में पहली बार आयोजित हो रहे इस आयोजन में सोलह एनआरआई को उत्तर प्रदेश रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। सूबे से जुड़े विदेशो में रह रहे प्रवासियों की महत्ता को ध्यान में रखकर यूपी सरकार ने पिछले 30 नवम्बर 2014 को प्रवासी भारतीयों की सुविधाओं और उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए ‘यूपीएनआरआई’ नाम से एक वेबसाइट की शुरुआत किया था।जिससे एक क्लिक के माध्यम से उत्तर प्रदेश से जुड़े प्रवासियों की विशेष सहायता की जा सके। हालांकि इससे पहले भी सरकार द्वारा ‘उद्योग बन्धु’ योजना के तहत विभिन्न भारतीय दूतावासों के माध्यम से उत्तर प्रदेश से जुड़े व्यक्तियों के बारे में पूरी सूचना एकत्रित करने का कार्य जारी हैं। जिससे उन्हें प्रदेश के विकास का अंग बनाया जा सके।

यूपी सरकार के मुखिया अखिलेश यादव पिछले तीन साल के शासनकाल में पाँच देशों की यात्रा के दौरान सूबे की सेहत को ठीक करने के कार्यों के आधार पर प्रदेश के विकास को गति देने का कार्य करते दिखे, जिनमें अमेरिका, नीदरलैंड, जर्मनी और फ्रांस की यात्रा से प्रदेश को हुए लाभ के आधार पर समझा जा सकता है। इसके साथ ही राजधानी लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर विश्व बिरादरी में स्थापित विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोगों से आधिकारिक मुलाकात करते हुए यूपी को वैश्विक जगत में सकारात्मक चर्चाओं का केंद्र बनाने में सफल होते दिखते रहे हैं। प्रमुख देशों और उत्तर प्रदेश के आपसी सम्बन्धों को और अधिक मजबूत करने के लिए ही पर्यटन विभाग द्वारा गत वर्ष फरवरी में पहली बार ट्रेवल मार्ट का आयोजन किया गया। इस आयोजन में 27 देशो के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था जिनमें अमेरिका, चीन, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, जर्मनी जैसे देशों की प्रमुख भूमिका थी। इस कार्यक्रम का मुख्य विषय प्रदेश की ऐतिहासिकता एवं महत्व से जुड़े हेरिटेज आर्क, बौद्ध सर्किट और वाइल्ड लाइफ था, जिसके बहाने सूबे के ऐतिहासिक धरोहरों और अन्य पर्यटकीय स्थलों की सैर के लिए विदेशियों की आवाजाही को बढ़ाया जा सके, जिसका अगला चरण प्रदेश में हो रहे पहले प्रवासी दिवस के माध्यम से समझा जा सकता है।

वर्तमान अखिलेश सरकार में युवा मुख्यमंत्री ने विदेश यात्राओं के माध्यम से सूबे की बेहतरी के लिए जो प्रयास किया, निश्चय ही उसमें प्रदेश के गौरवबोध को बढ़ाने एवं निवेश के माध्यम से विकास और समृद्धि का नया अध्याय सृजन करने की सम्भावना रही है। यूपी में रोजगार सृजन और गरीबी उन्मूलन सरकार के समक्ष प्रमुख चुनौती है, जिसके समाधान हेतु पर्याप्त निवेश की आवश्यकता है। ऐसे में विदेशों में रह रहे यूपी से जुड़े लोग विशेष रूप से लाभदायक हो सकते हैं। अखिलेश यादव की स्पष्ट सोच और नजरिये से यहाँ के परंपरागत लघु एवं कुटीर उद्योगों को उन्नत तकनीकी से जोड़कर प्रदेश को खुशहाली के रास्ते पर लाने के लिए प्रवासी भारतीयों का सहयोग कारगर उपाय के रूप में उज्जवल भविष्य की उम्मीद पैदा करती है।

पिछले गणतंत्र दिवस के राजकीय अतिथि रहे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का आगरा स्थित ताजमहल को न देख पाने की कसक के स्वीकारोक्ति ने वैश्विक स्तर पर यूपी को ख़बरों में ला दिया था। पर्यटन के लिहाज से सूबे में आगरा एक अलग स्थान रखता है। इस क्रम में सरकार द्वारा समय-समय पर आगरा को प्रोत्साहित करने की नीति का बड़ा असर हो रहा है। पिछले दो वर्षों से यहाँ आयोजित हो रहे आयोजनों की भव्यता बढ़ गयी है। निवेशक मीट, कार रेसिंग प्रतियोगिता, पशु मेला, आगरा महोत्सव सहित वैलेंटाइन डे के अवसर पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनकी सांसद पत्नी डिंपल यादव द्वारा लवर्स सीट की स्थापना ने आगरा की चर्चा को बड़ा मंच प्रदान किया है। एक बार फिर आगरा में आयोजित हो रहे दो दिवसीय आयोजन ने सूबे की बेहतर छवि को विदेशो में रह रहे अपनों को अपने बीच लाकर इसमें सहयोगी बनाना बड़े महत्व का कार्य है।

प्रदेश में पहला प्रवासी दिवस मनाने के पूर्व गत 21 दिसंबर 2014 को “स्वदेश (सिलिकॉन वैली एंड अवधस डेवलपमेंट फॉर इंटरप्रीन्युरियल सर्विसेस फॉर ह्यूमैनिटी)” योजना शुरू की गयी है। जिसके लिए कौशल विकास और स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी सिलिकॉन वैली कंपनी ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया।‘स्वदेश’ के माध्यम से रोजगार और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरतों में भारी निवेश की शुरुआत हो चुकी है, जिसका लाभ सूबे में होने वाले विकास कार्यों में प्रमुखता से देखने को मिल रहा है। विकास से इतर सांस्कृतिक महत्ता को देखते हुए यूपी से जुड़े भोजपुरी मूल के प्रवासियों को जोड़ने के लिए मारीशस में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय भोजपुरी सम्मेलन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय और कैबिनेट मंत्री अम्बिका चौधरी के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल भेजा था। साथ ही आयोजन की सफलता के लिये अपेक्षित सहयोग भी उपलब्ध कराया था। पिछले तीन वर्षों से अधिक के कार्यकाल में महाकुम्भ सहित अनेक महत्वपूर्ण आयोजनों के माध्यम से लगातार प्रदेश से जुड़े प्रवासी भारतीयों को लगातार जोड़ा जा रहा है और उन्हें यहाँ के विकास में महत्वपूर्ण साझीदार भी बनाया जा रहा हैं।

उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा सूबा है। विदेशों में रह रहे अधिकांश भारतीयों का एक बड़ा वर्ग यहीं से आता है। मारीशस, सूरीनाम, फिजी, गुयाना सहित अन्यानेक देशों में यहाँ के भारतवंशी पूरी तरह सरकार भी चला रहे हैं। इसके अतिरिक्त पर्यटन की दृष्टि से भी उत्तर प्रदेश सभी प्रवासी भारतीयों के हृदय में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक सहित मानव सभ्यता के तमाम आयामों से जुड़े स्थलों का केंद्र होने के कारण भारतवंसियों को हमेशा उत्तर प्रदेश आकर्षित करता हैं। आगरा, फतेहपुर सीकरी, बनारस, सारनाथ, इलाहाबाद, मथुरा जैसे स्थलों की विविधता और प्रवासियों से जुड़ी महत्ता को कत्तई नाकारा नही जा सकता। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सूबे के विकास में प्रवासी भारतीयों को शामिल किये जाने के लिए पहला प्रवासी दिवस शुरू किया जाना स्वागतयोग्य कदम है।

(मणेन्द्र मिश्रा ‘मशाल’- लेखक उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय के मीडिया प्रभारी हैं।)

 
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