अगले 22 अप्रैल को हमारी-आपकी यह परिकल्पना दस वर्ष की हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि यह कृति आज से ग्यारह वर्ष पूर्व पहले जियोसिटीज़ पर फिर ब्लॉग स्पॉट पर अस्तित्व में आई थी। आगे चलकर यह संस्था के रूप में परिवर्तित भी हुयी और पंजीकृत भी। अबतक छ: अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन क्रमश: दिल्ली, लखनऊ, काठमाण्डू, थिंपु, कोलंबो और बैंकॉक में आयोजित करने का श्रेय हिन्दी ब्लॉग जगत में केवल और केवल परिकल्पना को ही जाता है। जगजाहीर है कि परिकल्पना का ब्लॉग सर्वेक्षण रहा हो अथवा ब्लॉग उत्सव सर्वथा नए-नए आयाम स्थापित हुये हैं। आज पूरे विश्व में बिखरे हुये हिन्दी ब्लॉगरों का एक बड़ा समूह परिकल्पना के साथ जुड़ा हुआ है। लगभग 150 हिन्दी तथा गैर हिन्दी ब्लॉगरों एवं साहित्यकारों को देश-विदेश के मंचों पर सम्मानित करने का श्रेय आपकी परिकल्पना को जाता है। इस पर तथा इसके सहयोगी चिट्ठों पर प्रकाशित सामग्रियों को समेटकर हमने "हिन्दी ब्लॉग का इतिहास" प्रकाशित किया, जो आज भी हिन्दी ब्लॉग जगत के लिए यह एक महत्वपूर्ण सामग्री है।
हमने निश्चय किया है, कि परिकल्पना की सफलतम दशकीय यात्रा के समापन का आगाज अगले एक वर्ष तक विश्व के दस महत्वपूर्ण शहरों में "परिकल्पना दशकीय परिसंवाद" का आयोजन करके किया जाये।
प्रस्ताव इस प्रकार है:
जैसा कि आप सभी को विदित है कि विगत दस वर्षों में परिकल्पना परिवार ने अपने दो महत्वपूर्ण साथियों को खोया है। एक अमर कुमार और दूसरे अविनाश वाचस्पति । इसलिए इन दोनों शख़्सियतों को समर्पित होगा परिकल्पना का समग्र दशकीय परिसंवाद।
साथ ही इन दोनों शख़्सियतों की याद में लखनऊ एवं नई दिल्ली में क्रमश: "अमर कुमार स्मृति ब्लॉग दशक सम्मान" तथा "अविनाश वाचस्पति व्यंग्य दशक सम्मान" से एक- एक ब्लॉगर को सम्मानित किया जाएग। इस सम्मान के अंतर्गत प्रत्येक सममानधारकों को रु 11000/- नकद, अंगवस्त्र और मान पत्र भेंट किए जाएँगे।
साथ ही इन दोनों शख़्सियतों की याद में लखनऊ एवं नई दिल्ली में क्रमश: "अमर कुमार स्मृति ब्लॉग दशक सम्मान" तथा "अविनाश वाचस्पति व्यंग्य दशक सम्मान" से एक- एक ब्लॉगर को सम्मानित किया जाएग। इस सम्मान के अंतर्गत प्रत्येक सममानधारकों को रु 11000/- नकद, अंगवस्त्र और मान पत्र भेंट किए जाएँगे।
शेष जानकारी शीघ्र ही......