tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post3937536471783723533..comments2024-03-27T23:49:38.899+05:30Comments on परिकल्पना: पाचवें दिन की तमन्ना है मियाँ बेकार की ...... ।रवीन्द्र प्रभातhttp://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-10474563029085689982007-10-20T16:10:00.000+05:302007-10-20T16:10:00.000+05:30चार दिन की ज़िंदगी यह चांदनी की हीं तरहपांचवे दिन ...चार दिन की ज़िंदगी यह चांदनी की हीं तरह<BR/>पांचवे दिन की तमन्ना है मियाँ बेकार की । <BR/><BR/>वाह वाह साहब. मुझे एक और शेर एक बडे शाय्रर का याद आ गया <BR/><BR/>उम्रे दराज माँग कर लाये थे चार दिन<BR/> दो आरजू मे कट गये दो इंतजार मे <BR/><BR/>पांचवे दिन का तो सवाल ही नही उठता.<BR/>बह्त खूब्बसंत आर्यhttps://www.blogger.com/profile/15804411384177085225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-16978428782213409392007-10-16T06:28:00.000+05:302007-10-16T06:28:00.000+05:30बहुत सुन्दर और सामयिक!बहुत सुन्दर और सामयिक!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-91968672806039564432007-10-16T00:33:00.000+05:302007-10-16T00:33:00.000+05:30चार दिन की ज़िंदगी यह चांदनी की हीं तरह पांचवे दिन...चार दिन की ज़िंदगी यह चांदनी की हीं तरह <BR/>पांचवे दिन की तमन्ना है मियाँ बेकार की । <BR/><BR/>बहुत अच्छा है हुज़ूर. पते की बात कह गए आप. <BR/><BR/>मीतअमिताभ मीतhttps://www.blogger.com/profile/06968972033134794094noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-42288037585794295772007-10-15T21:29:00.000+05:302007-10-15T21:29:00.000+05:30चार दिन की ज़िंदगी यह चांदनी की हीं तरह पांचवे दिन...चार दिन की ज़िंदगी यह चांदनी की हीं तरह <BR/>पांचवे दिन की तमन्ना है मियाँ बेकार की । <BR/><BR/><BR/>--सच कहा. काश, लोग समझें.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com