tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post4659147650125584390..comments2024-03-27T23:49:38.899+05:30Comments on परिकल्पना: चुप हुये तो हो गए बदनाम क्यों ?रवीन्द्र प्रभातhttp://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-64531650956407953912007-09-16T14:48:00.000+05:302007-09-16T14:48:00.000+05:30वाह भाई, गजल और इतनी सजावट भी, आप कवि ही नही कलाका...वाह भाई, गजल और इतनी सजावट भी, आप कवि ही नही कलाकार के रूप मे आये है इस बार. आपका ब्लाग देख कर तो मुझे बडी खुशी हो रही है. इतने अच्छे ढन्ग से प्रस्तुत कर रहे है कि लोगो की आवाजाही अपने आप बढने लगीहै.टिप्पणी भी खूब आ रही है. लगे रहे भाई.बसंत आर्यhttps://www.blogger.com/profile/15804411384177085225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-76929471007906541032007-09-13T17:49:00.000+05:302007-09-13T17:49:00.000+05:30आपकी गजल अच्छी लगी।आपकी गजल अच्छी लगी। Kumar Mukulhttps://www.blogger.com/profile/04890735360499335970noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-22173339931891115472007-09-13T16:06:00.000+05:302007-09-13T16:06:00.000+05:30सही बात है - आस्था से जुड़े मुद्दे बेहतर है आस्था क...सही बात है - आस्था से जुड़े मुद्दे बेहतर है आस्था के स्तर पर निपटाये जायें. न उन्हे कानून से और न राजनीति से निपटने का प्रयास किया जाये.Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-75218668568270631192007-09-13T15:30:00.000+05:302007-09-13T15:30:00.000+05:30भाई प्रभात,काफ़ी गंभीर अनुभूति . उत्कृष्ट और प्रशं...भाई प्रभात,<BR/>काफ़ी गंभीर अनुभूति . उत्कृष्ट और प्रशंसनीय भी.<BR/>बधाईयाँ ....../Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-25994814392166680092007-09-13T15:00:00.000+05:302007-09-13T15:00:00.000+05:30रामसेतु है जुडा जब आस्था से , माँगते फिर भी अरे प्...रामसेतु है जुडा जब आस्था से , <BR/>माँगते फिर भी अरे प्रमाण क्यों ?<BR/><BR/>आज सुबह का अखबार पढ़ कर कुछ ऐसा ही सोचा मैने, केंद्र सरकार कहती है कि ऐसा कोई ऐतिहासिक चरित्र है ही नही, पूरा पुरा कल्पने के आधार पर है...अब इसका क्या जवाब दें?कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.com