tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post5085631493709804874..comments2024-03-27T23:49:38.899+05:30Comments on परिकल्पना: क्या परिकल्पना सम्मान को बंद कर दिया जाए ?रवीन्द्र प्रभातhttp://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comBlogger45125tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-29262782827157984542015-01-13T04:19:42.317+05:302015-01-13T04:19:42.317+05:30आप हिंदी साहित्यकारों की सुनो
हिंदी साहित्यकार स...आप हिंदी साहित्यकारों की सुनो<br />हिंदी साहित्यकार सुनेंगे जरूर<br />हिंदी ब्लॉगरों की<br /><br />चाहे पुकारो उन्हें हिंदी ब्लॉगर<br />या समूचे अंतर्जाल के चिट्ठाकार<br />सब सबकी सुनेंगे<br /><br />पाठक, लेखक और प्रकाशक<br />इतना तो तय है कि होगा फायदा<br />नीतियों की उन्नति का कायदा<br /><br />पी एम मोदी ने भी है फरमाया<br />विकास हरेक अपेक्ि<br />शत ने पाया<br />इसमें न कोई भ्रम अौर मा<br />या<br /><br />चलो भूटान मिलो भूटान<br />वहीं मिल जुल मन करेंगे<br />अल्पाहार अौर भोजन<br /><br />अभिव्यक्ति अनुभूति का लिखेंगे<br />रोज नव नूतन इतिहास<br />क्रांति का बिगुल बजायेंगे<br /><br />रोज लिखेंगे इबारत नयी<br />झण्डा हिंदी ब्लॉंगिंग का<br />परचम मनभावन फहराएंगे।नुक्कड़https://www.blogger.com/profile/00641159955741972638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-68410203987069382642011-05-19T12:13:56.593+05:302011-05-19T12:13:56.593+05:30ऐसे रचनात्मक प्रयासों को बढ़ावा देने की जरुरत है..ब...ऐसे रचनात्मक प्रयासों को बढ़ावा देने की जरुरत है..ब्लागिंग के हित में इसे जारी रखें.KK Yadavhttps://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-11249261771093266722011-05-19T05:51:30.409+05:302011-05-19T05:51:30.409+05:30सराहनीय प्रयास जारी रहना चाहिए , सहमति या असहमति क...सराहनीय प्रयास जारी रहना चाहिए , सहमति या असहमति के अधिकारों को ध्यान में रखते हुए !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-28017331740341281252011-05-19T01:03:31.368+05:302011-05-19T01:03:31.368+05:30परिकल्पना से जुड़े सभी लोगों का मेरे ब्लॉग www.prad...परिकल्पना से जुड़े सभी लोगों का मेरे ब्लॉग www.pradip13m.blogspot.com में सादर आमंत्रण है । कविता के क्षेत्र में मैं आपलोगो की तरह बहुत मँजा हुआ नहीं हूँ । पर आप सबसे आग्रह है कि मेरी रचनाओं को पढ़कर शुभकामनाएँ, प्रोत्साहन और सही मार्गदर्शन करें ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12634209491911135236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-55246026141198580872011-05-18T20:20:28.331+05:302011-05-18T20:20:28.331+05:30आप अपना कार्य जारी रखिये..हम आपके साथ हैं..आप अपना कार्य जारी रखिये..हम आपके साथ हैं..Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-46964104715852185442011-05-18T19:24:27.484+05:302011-05-18T19:24:27.484+05:30किसीभी साहित्यकार का सम्मान करना बहुत अच्छी बात है...किसीभी साहित्यकार का सम्मान करना बहुत अच्छी बात है इसे जारी रखें,हम सब आपके साथ है।पूर्णिमाhttps://www.blogger.com/profile/15739774997781645780noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-25636282915678316702011-05-18T18:12:21.904+05:302011-05-18T18:12:21.904+05:30पुरस्कार की बहस तो जारी रहेगी. हम जब स्कूलों में प...पुरस्कार की बहस तो जारी रहेगी. हम जब स्कूलों में पढाई करते थे तब भी ऐसा ही सोचते थे की उसे पुरस्कार मिला हमें क्यों नहीं मिला. जरुर पर्सिलियाटी हुई है. क्या आज भी सभी वैसे ही सोचते है या कुछ बदलाव हुआ है......Sushmajeehttps://www.blogger.com/profile/09668990046782742122noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-56326340009202354882011-05-18T16:45:31.386+05:302011-05-18T16:45:31.386+05:30rai haan ya naa me maangi jati to achchha hota. ab...rai haan ya naa me maangi jati to achchha hota. abhi bhi der nahin hui hai. ek daur haan ya na ka bhee chalna chahiye. koi tika tippani nahin, sirf haan ya naa ?हिन्दी ब्लॉगरhttps://www.blogger.com/profile/04725860353985121555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-43159351808356237532011-05-18T11:36:06.795+05:302011-05-18T11:36:06.795+05:30निसंदेह इस तरह के प्रयास सतत होते रहने चाहिए. परन्...निसंदेह इस तरह के प्रयास सतत होते रहने चाहिए. परन्तु आलोचनाओं से कुछ सीखा जा सकता हो, कुछ सुधार हो सके तो भी बुराई क्या है?रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-42555211297009823842011-05-18T11:28:22.995+05:302011-05-18T11:28:22.995+05:30विचलित होने की ज़रुरत नहीं है. हर काल में अच्छे...विचलित होने की ज़रुरत नहीं है. हर काल में अच्छे कामों की आलोचनाएँ हुई है. भविष्य में भी होंगी. यह मानवीय प्रवृत्ति है. जिसे पुरस्कार नहीं मिलता वह कुंठित हो जाता है, जिन्हें पुरस्कार मिलता है, उनमें भी एकाध मसीहा बनाने की कोशिश करते है. बड़े आयोजनों के साथ यही दिक्कत होती है. हमें अपना मन निर्मल रखना है और माफियागीरी से बच कर रहना है. जानबूझ कर किसी का नाम करना अपराध है. अनजाने में गलती हो सकती है. पुरस्कार देते रहे.अभियान जारी रहे.girish pankajhttps://www.blogger.com/profile/16180473746296374936noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-38849423580742355402011-05-18T11:22:23.644+05:302011-05-18T11:22:23.644+05:30आप एक और जहां इस सम्मानजनक कार्य को करके उत्साहि...आप एक और जहां इस सम्मानजनक कार्य को करके उत्साहित थे, वहीं अब आलोचनाओं से विचलित पर आलोचना तो प्रत्येक सर्वश्रेष्ठ कार्य के बाद होती ही है और आपके इस कार्यक्रम की भी हुई होगी ... पर आप जो कर रहे हैं वह अनुकरणीय है ...सराहनीय है इसे बन्द करके बुरा कहने वालों की मंशा को कामयाब मत होने दीजिएगा ...बस आप अपना यह प्रयास जारी रखिये ...शुभकामनाओं के साथ आभार ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-67025132345809708592011-05-17T19:34:08.719+05:302011-05-17T19:34:08.719+05:30प्रोत्साहन की बिना सृजन संभव नहीं...आप एक बहुत उचि...प्रोत्साहन की बिना सृजन संभव नहीं...आप एक बहुत उचित कार्य कर रहे हैं. चन्द आलोचनाओं से विचलित न हो कर उनसे सीख लेते हुए जारी रहें और हाँ, अनर्गल प्रलापों को नजर अंदाज ही करिये. उनका कोई औचित्य नहीं.<br /><br />शुभकामनाएँ.D.P. Mishrahttps://www.blogger.com/profile/03670379765952413028noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-76507124086485856202011-05-17T16:13:21.965+05:302011-05-17T16:13:21.965+05:30कल से आप की पोस्ट नहीं खुल रही थी। अब जा कर खुली ह...कल से आप की पोस्ट नहीं खुल रही थी। अब जा कर खुली है। <br />निश्चित रूप से इस सम्मान समारोह के लिए जो श्रम आपने किया वह स्तुत्य है। लेकिन मेरी समझ में जो लक्ष्य आप आरंभ में ले कर चले थे उसे किन्ही परिस्थितियों में आप ने त्याग दिया। फिर इस की बागडोर आप के हाथ से निकल गई और परिस्थितियों ने तय किया कि इस सम्मान का स्वरूप क्या हो? कौन लोग इस से जुड़ें और कौन लोग अलग हो जाएँ?<br />परिकल्पना समूह आप का अपना संस्थान है। आप चाहें जिसे पुरस्कृत करें और करते रहें। इस में किसी को क्या आपत्ति हो सकती है? आप आगे न करना चाहें तो न करें, उस में भी किसी को क्या आपत्ति हो सकती है? मैं तो तलाश कर कर के थक गया कि ये परिकल्पना समूह चीज क्या है? मैं समझ नहीं सका और न कहीं आप ने स्पष्ट किया है। थक हार कर उसे मैं ने आप का निजि संस्थान मान लिया। यदि इस मान्यता में कोई त्रुटि हो तो आप स्पष्ट कर दें। <br />आप व्यंग लिखते हैं। न जाने किन-किन पर व्यंग लिखते हैं। कोई आप से आ कर यह नहीं पूछता कि वह जो काम कर रहा है उसे बंद कर दे या नहीं। आप ने राहुलगांधी की आलोचना की, सारे व्यंग्यकार करते हैं। उस ने तो आप से या किसी व्यंग्यकार से नहीं कहा कि क्या वह राजनीति बंद कर दे।<br />आप पुरस्कार जारी रखिए। लेकिन दान की उम्मीद के बूते यह सम्मान बहुत दिनों तक आप न चला पाएंगे। चलाएंगे तो उन की शर्तें भी झेलनी पड़ेंगी। अच्छा तो यह है कि आप परिकल्पना को इतना सशक्त बनाइए कि वह अपने बूते लोगों को सम्मानित कर सके। फिर चाहे वह हर वर्ष इक्यावन के स्थान पर पाँच लोगों को ही सम्मानित क्यों न करे। फिर देखिए उस सम्मान का कितना मान होता है?<br />जहाँ तक सम्मान ग्रहण करने वाले लोगों का सवाल है तो यह उन को तय करना है कि वे आप से सम्मानित होना चाहते हैं या नहीं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-13300103713627748612011-05-17T16:12:41.231+05:302011-05-17T16:12:41.231+05:30log to kuchh na kuchh kahenge hi..chahe aap achchh...log to kuchh na kuchh kahenge hi..chahe aap achchha kro ya bura..par hame in sab baton par dhyan nahi dena chahiye ....<br />keep going.....best of luckसु-मन (Suman Kapoor)https://www.blogger.com/profile/15596735267934374745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-39354845818135268032011-05-17T14:59:35.091+05:302011-05-17T14:59:35.091+05:30आपने ब्लोगरों को जो सम्मान दिया है वह काबिले तारी...आपने ब्लोगरों को जो सम्मान दिया है वह काबिले तारीफ है | मैं तो पहले बार ऐसे आयोजन में हिस्सा लेने पहुंचा था और आश्चर्य चकित रह गया आपके प्रयास को देख कर | आप परिकल्पना सम्मान को बंद करने की सोचियेगा भी मत | ऐसे आयोजन ही तो हम ब्लोगरों में जान डालते हैं | आलोचकों का मुख तो कोई बंद कर नहीं सकता | आप अपना यह अच्छा कार्य करते रहिये | जिनको सम्मान नहीं मिला उनमे ऐसे लोग तो होंगे ही जो आलोचना करेंगे | उनसे विचलित न होवें |Hemant Kumar Dubeyhttps://www.blogger.com/profile/03105494147732905978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-9953285530121971222011-05-17T14:45:35.572+05:302011-05-17T14:45:35.572+05:30जो सम्मानित हुए उन्हें मुबारकवाद,जिन्होंने सम्मानि...जो सम्मानित हुए उन्हें मुबारकवाद,जिन्होंने सम्मानित किया उन्हें धन्यवाद.सम्मान किया जाता है-माँगा नहीं जाता और न ही सम्मान पर टीका-टिप्पणी की जानी चाहिए.यह पूरी तरह आयोजकों पर निर्भर है -वे जारी रखें या समाप्त करें.vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-61412914681369630422011-05-17T14:31:31.325+05:302011-05-17T14:31:31.325+05:30जो लोग ये कह रहे हैं उन से बेहतर और कोई नहीं था इस...जो लोग ये कह रहे हैं उन से बेहतर और कोई नहीं था इसलिये उनको मिला या जो लोग कह रहे हैं नहीं मिला इस लिये ये प्रतिक्रया हैं वो सब अपनी जगह ठीक हैं क्युकी जितनो को मिला हैं उनसब को अगर ये उपलब्धि लगती हैं तो हो सकता हैं उनके लिये उपलब्धि की सीमा पुरूस्कार मिलने तक सिमित होती होगीरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-48493241341639184812011-05-17T14:25:03.995+05:302011-05-17T14:25:03.995+05:30आप को ही नहीं किसी को भी अधिकार हैं पुरूस्कार को प...आप को ही नहीं किसी को भी अधिकार हैं पुरूस्कार को प्रायोजित कर के दिलवाने का . ये सब "व्यक्तिगत " होता हैं लेकिन शुरुवात "एक व्यक्ति " ही करता हैं .<br /><br />मुझे केवल एक आपत्ति हैं और वो में आप के ब्लॉग पर आयी शुरू की पोस्ट से कर चुकी हूँ की आप को " पूरी हिंदी ब्लॉग्गिंग " को हिजैक करने का अधिकार नहीं हैं . आप अपनी पसंद के ब्लोगर / ब्लॉग पोस्ट को पुरूस्कार देने के अधिकारी हैं लेकिन आप को ये कहना चाहिये की ये आप के पसंद के ब्लोग्गर हैं और परिकल्पना समूह के ब्लोग्गर हैं .<br /><br />ये परिकल्पना समूह का पुरूस्कार समारोह था ना की हिंदी ब्लोगिंग का पुरूस्कार समारोह . जिनको पुरूस्कार मिला आप की नज़र में वो शेष्ठ हो सकते हैं पर वो सब "हिंदी ब्लॉग्गिंग के चेहरे " नहीं हो सकते हैं ,<br /><br />और अगर आप सच में "हिंदी ब्लोगिंग " के लिये पुरूस्कार दे रहे होते तो "परिकल्पना समूह " के लोगो को नहीं यानी उन लोगो को नहीं जिन्होने अपनी पोस्ट भेजी पुरूस्कार देते अपितु जितने भी हिंदी ब्लॉग हैं उनमे आधार बनाकर अपनी पसंद से नामांकन करते<br /><br />रवीन्द्र प्रभात जी आप ने जो तरीका अपनाया हैं पुरूस्कार देने का वो "प्रिंट मीडिया " मै प्रचलित हैं जहां अपनी किताब सबमिट करनी होती हैं पुरूस्कार समिति को और जितने पुस्तके आती हैं उन मै से ही चुनाव होता हैं , लेकिन ब्लॉग प्रिंट मीडिया से अलग हैं . यहाँ का तरीका भी अलग होना चाहिये .<br /><br />पुरूस्कार का आधार आप की पसंद हो सकता हैं पर आप की पसंद के जो नहीं हैं और जो परिकल्पना से नहीं जुड़े हैं वो जिनको पुरस्कार मिला हैं उनसे कमतर है या ये पुरूस्कार "हिंदी ब्लोगिंग का इतिहास " हैं कहना गलत हैं . ये पूरे मीडियम को हाइजैक करने जैसा हैं<br /><br />बहुत से लोगो ने आपत्तियां दर्ज की हैं पर वो यहाँ कमेन्ट बॉक्स मे नहीं दिखे हैं कोई बात नहीं मे तो स्पष्टवादी हूँ २००६-७ से ब्लॉग माध्यम से जुड़ कर हिंदी मे अपनी बात कह रही हूँ अगर नेटवर्क से जुड़ कर पुरस्कार लेना होता तो कभी का नेटवर्क से जुड़ गयी होती लेकिन नेटवर्क से जुडने का अर्थ होता हैं वो कहना या करना जो पुरूस्कार दे रहा हैं चाहता हो<br /><br />किताबो मे भी अगर जितने ज्यादा से ज्यादा ब्लॉग का नाम आता उतना अच्छा होता लेकिन आप ने तो वो भी प्रायोजित किया यानी जो हिंदी ब्लोग्गर कहलाना चाहते हैं वो अपना नाम प्रेषित कर दे प्रति के दाम के साथ<br />यहाँ आप ने प्रिंट मीडिया से उल्टा किया , प्रिंट मीडिया मे किताब छपती हैं तो ज्यादा से ज्यादा और किताबो का नाम होता हैं जहां से भी सन्दर्भ लिया गया हो .<br /><br /> अंत मे यही कहूँगी आप को पूरा क़ानूनी और संवैधानिक अधिकार हैं कुछ भी करने का और उतना ही अधिकार उन सब को भी जिन्हे इस प्रकार के पुरूस्कार गलत लगते हैं क्युकी बात पुरूस्कार की नहीं हैं बात मीडियम के हाइजैक होने की हैंरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-61854398943591277062011-05-17T13:47:24.639+05:302011-05-17T13:47:24.639+05:30भई परेशानियां बढ़ी हैं...
अपेक्षाएं पूरी ना हो सकी ...भई परेशानियां बढ़ी हैं...<br />अपेक्षाएं पूरी ना हो सकी हों...<br />जैसा कि लग रहा है...<br /><br />तो बंद कर ही दीजिए...ऊर्जा को कोई और बेहतर रास्ता ढूंढ़ने का अवसर मिलेगा...रवि कुमार, रावतभाटाhttps://www.blogger.com/profile/10339245213219197980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-78429070740334122322011-05-17T13:22:49.671+05:302011-05-17T13:22:49.671+05:30प्रोत्साहित करते रहें॥ अब जिसको अंगूर खट्टे लगे, व...प्रोत्साहित करते रहें॥ अब जिसको अंगूर खट्टे लगे, वो कुछ न कुछ तो कहेंगे... कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना :)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-56234410997145596132011-05-17T12:52:26.003+05:302011-05-17T12:52:26.003+05:30ये शायद उन लोगो की प्रतिक्रिया है जिन्हें पुरस्कार...ये शायद उन लोगो की प्रतिक्रिया है जिन्हें पुरस्कार नहीं मिला [ वैसे मुझे भी नहीं मिला :( ]<br />पर ये बात शायद समझी जा सकती है की ये तो बस शुरुआत है, जो इस सम्मान से वंचित रह गए किसी भी कारण से इसकी बहुत संभावना है ये सम्मान जारी रहेगा तो आने वाले वर्षों में उनको भी ये प्राप्त हो जाए .<br />अगर ये प्रयास अभी बंद कर देंगे तो दोहरा नुकसान है एक अच्छे प्रयास के बंद हो जाने का और भविष्य में सम्मान मिलने की संभावना भी नहीं होगी .<br />जो लोग सिर्फ सम्मान करने के लिए ब्लॉग्गिंग कर रहे हैं तो उनकी एक सूची बना लीजिये हम मिलकर उनका सम्मान कर देंगे :)नवीन प्रकाशhttps://www.blogger.com/profile/04109411995246793338noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-17379193330677006372011-05-17T12:17:28.525+05:302011-05-17T12:17:28.525+05:30कामयाबियों को दुबारा और कामयाब बनाने वाले और कमियो...कामयाबियों को दुबारा और कामयाब बनाने वाले और कमियों को दुरुस्त करके आगे बढ़ने वाले ही इतिहास बनाते हैं.और जो कामयाबियों के दंभ में चूर हो जाते हैं अथवा कमियों से सबक नहीं लेते वह इतिहास में गुम हो जाया करते हैं. <br /><br />आपने तो एक नए इतिहास की शुरआत की है, इसे परवान चढ़ाना है... अभी तो बहुत लम्बा फासला तय करना है. याद रखिये आपके विरोधी ही आपकी सबसे बड़ी ताकत होते हैं, चापलूसी तो सभी कर लेते हैं, लेकिन हकीक़त से रूबरू करना हर एक के बस की बात नहीं है. <br /><br />बस अपनी आलोचनाओं में से स्वस्थ आलोचनाओं पर ध्यान दीजिये और आपसे जल कर जो आलोचना कर रहे हैं उनको और जलाते रहिये.<br /><br />मेरी ओर से आपको ढेर सारी कामयाबियों के लिए ढेर सारी शुभकामनाएँ!Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-90172160537617315362011-05-16T23:51:08.136+05:302011-05-16T23:51:08.136+05:30नए लोगो को प्रोत्साहन मिलता है ऐसे कार्यक्रम से
आ...नए लोगो को प्रोत्साहन मिलता है ऐसे कार्यक्रम से <br />आप इसे ऐसे बंद नहीं कर सकते .....<br />आप सब से नए लेखको की उम्मीद बंधी हुई हैAnju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-88770061391657071532011-05-16T23:49:23.540+05:302011-05-16T23:49:23.540+05:30आप पहले प्रदान किए गए परिकल्पना सम्मानों को वापि...आप पहले प्रदान किए गए परिकल्पना सम्मानों को वापिस लेने के संबंध में तो गंभीर नहीं हैं। आपको भी एक पुरस्कार मिलना बनता है। यूं ही फोकट में कीबोर्ड की कट कट विद ब्लॉगों और ब्लॉगरों की झक झक के साथ कब तक .......... महर्षि बने रहेंगे रवीन्द्र भाई।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-48948966378839508712011-05-16T23:33:22.006+05:302011-05-16T23:33:22.006+05:30आलोचनाओं की आँधी सदैव अच्छे कलमकारों को हतोत्साहित...आलोचनाओं की आँधी सदैव अच्छे कलमकारों को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से चलाई जाती है। जब तक ब्लॉगरों को प्रोत्साहन व सम्मान नहीं मिलेगा। तब तक वे लोग एकजुट होकर कार्य नहीं कर पाएँगे और यह तो अच्छे कार्य का सम्मान है। जिसे अवश्य जारी रखना चाहिए ताकि ब्लॉगिंग की यह विधा जन-जन के बीच प्रचलित हो व उनकी आवाज भी सत्ता के गलियारों तक पहुँचे।डॉ. गायत्री शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09608141295029562141noreply@blogger.com