tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post5427136762027995222..comments2024-03-27T23:49:38.899+05:30Comments on परिकल्पना: जुगनुओं रोशनी में नहाना फ़िज़ूलरवीन्द्र प्रभातhttp://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-54860853653321439652007-10-20T16:30:00.000+05:302007-10-20T16:30:00.000+05:30कहता है खूबसूरत ग़ज़ल जानिब ,छुपा करके दीवान रखता है...कहता है खूबसूरत ग़ज़ल जानिब ,<BR/>छुपा करके दीवान रखता है । <BR/><BR/>कही ये शेरे आपने अपने बारे मे तो नही कही है.बसंत आर्यhttps://www.blogger.com/profile/15804411384177085225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-56664731206443619602007-10-01T04:23:00.000+05:302007-10-01T04:23:00.000+05:30लफ्ज़ को बिन तटोले हुये ये '' प्रभात ''बज़्म में क...लफ्ज़ को बिन तटोले हुये ये '' प्रभात ''<BR/>बज़्म में कोई भी गीत गाना फ़िज़ूल । <BR/><BR/>है जो तहज़ीव से नही वाकिफ , घर में गीता - कुरान रखता है<BR/><BR/>आपकी दोनो गज़ले बहुत पसंद आयीं ...आनंद आ गया ...ऎसे ही लिखते रहें ..बधाईReetesh Guptahttps://www.blogger.com/profile/12515570085939529378noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-18692823022970040442007-09-30T05:25:00.000+05:302007-09-30T05:25:00.000+05:30दोनों ग़ज़लें छू गईं। बलॉग्स में बहर में लिखी हुई ...दोनों ग़ज़लें छू गईं। बलॉग्स में बहर में लिखी हुई ग़ज़लें बहुत कम दिखाई देती हैं।<BR/>आपकी यह ग़ज़लें देख कर बड़ी मसर्रत हुई।महावीरhttps://www.blogger.com/profile/00859697755955147456noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-70758338110784468092007-09-29T19:07:00.000+05:302007-09-29T19:07:00.000+05:30बहुत खूब!बहुत सुन्दर!!पढ़कर अच्छा लगा.बहुत खूब!बहुत सुन्दर!!<BR/>पढ़कर अच्छा लगा.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-42925237372805204352007-09-29T15:14:00.000+05:302007-09-29T15:14:00.000+05:30शर्त है प्यार मे प्यार की बात हो,प्यार को बेवजह आज...शर्त है प्यार मे प्यार की बात हो,<BR/>प्यार को बेवजह आजमाना फ़िजूल.<BR/><BR/>है जो तहजीव से नही वाकिफ़,<BR/>घर मे गीता-कुरान रखता है.<BR/><BR/>गजब, आदमियत की असली कमजोरी खोज निकाली, बधाई. <BR/>आज पहली बार ब्लाग देखा, बहुत सुन्दरManas Pathhttps://www.blogger.com/profile/17662104942306989873noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-33929140136158874712007-09-29T10:05:00.000+05:302007-09-29T10:05:00.000+05:30दोनों ग़ज़लें अच्छी हैं।दोनों ग़ज़लें अच्छी हैं।सुभाष नीरवhttps://www.blogger.com/profile/03126575478140833321noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-4788050831749611632007-09-28T21:36:00.000+05:302007-09-28T21:36:00.000+05:30है जो तहज़ीव से नही वाकिफ , घर में गीता - कुरान रखत...है जो तहज़ीव से नही वाकिफ , <BR/>घर में गीता - कुरान रखता है । <BR/><BR/><BR/>--वाह वाह!! क्या बात है. बहुत खूब!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-1791389777813518052007-09-28T21:22:00.000+05:302007-09-28T21:22:00.000+05:30बेहद शानदार…।कई बाते उठाई हैं और सही तर्क प्रस्तुत...बेहद शानदार…।<BR/>कई बाते उठाई हैं और सही तर्क प्रस्तुत करते हुए यह गज़ल और भी अद्भुत बन गई है…।<BR/>कुछ कहना भी नहीं के बराबर ही होगा…।Divine Indiahttps://www.blogger.com/profile/14469712797997282405noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-25696549452086475632007-09-28T20:30:00.000+05:302007-09-28T20:30:00.000+05:30"बहुत खराब है ''प्रभात'' ये शराब ,क्यों मौत का साम..."बहुत खराब है ''प्रभात'' ये शराब ,<BR/>क्यों मौत का सामान रखता है ?"<BR/><BR/>क्या बात है प्रभात, कम शब्दों में सशक्त अभिव्यक्ति -- शास्त्री जे सी फिलिप<BR/><BR/>मेरा स्वप्न: सन 2010 तक 50,000 हिन्दी चिट्ठाकार एवं,<BR/>2020 में 50 लाख, एवं 2025 मे एक करोड हिन्दी चिट्ठाकार!!Shastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-73173956100102042442007-09-28T20:20:00.000+05:302007-09-28T20:20:00.000+05:30मैं गजल की तकनीक के विषय में तो नहीं जानता, पर ये ...मैं गजल की तकनीक के विषय में तो नहीं जानता, पर ये दोनों गजलें लगी बहुत अच्छी. पोस्ट के लिये धन्यवाद.Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.com