tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post6937422218442220604..comments2024-03-27T23:49:38.899+05:30Comments on परिकल्पना: नेता है, तो समझो देशभक्त है !रवीन्द्र प्रभातhttp://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-35891392385645733092011-11-29T07:20:56.333+05:302011-11-29T07:20:56.333+05:30जिसमे आदमियत बची वह नेता नहीं है , आम आदमी के मन म...जिसमे आदमियत बची वह नेता नहीं है , आम आदमी के मन में क्या छवि बन रही है नेताओं कि इन्हें फर्क ही कहाँ पड़ता है ...<br />सटीक व्यंग्य !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-42131685055318479112011-11-28T18:20:06.529+05:302011-11-28T18:20:06.529+05:30जो नेता है ,वही देशभक्त है और जो सरकार के साथ नहीं...जो नेता है ,वही देशभक्त है और जो सरकार के साथ नहीं है वही भ्रष्ट है !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-42948803253819851132011-11-28T17:07:52.695+05:302011-11-28T17:07:52.695+05:30बहुत जोरदार है चौबे जी की चौपाल !बहुत जोरदार है चौबे जी की चौपाल !अरविन्द शर्माhttps://www.blogger.com/profile/18424577781107642242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-76494653923419067392011-11-28T17:05:26.665+05:302011-11-28T17:05:26.665+05:30एगो सार्थक शब्द बोले में हमरे नेता लोगन के घंटों प...एगो सार्थक शब्द बोले में हमरे नेता लोगन के घंटों प्रवचन करे के पडत हैं। अपने विशिष्ट और फेंक अंदाज़ मा उनके रोज जनता के शब्द-वाण से पंजा लडावे के पडत हैं। कभी जनता के लुहकारे वाला शब्द तो कभी कनैठी-गर्दनिया देवे वाला शब्द से उनके पाला पडत हैं तो कभी कारपोरेट घराने के मीठे-कुरकुरे और ताज़ा आसंगों वाले शब्द के आत्मसात करे के पडत हैं । कभी हमरे नेता जी ऊ शब्दन के गिलौरी बना के अपने मुंह मा दबा लेत हैं तो कबो कृपालु-श्रद्धालु जनता के ऊपर थूक देत हैं पीकदान समझके।हमरे ई महान नेता लोगन के खातिर सत्ता की सवारी उनके इन्हीं कुछ विग्रही और भड़काऊ शब्दों की सवारी है चाची । यही कारण है सत्ता रूपी भैंस भी उन्हीं के आगे पास खड़ी पगुराती है चाची । अब जेकरे भीतर इतना गुण होगा ऊ विशिष्ट तो होगा हीं । इसी मौजू पर अदम गोंडवी साहब का एक शेर हम भी सुनाए देते हैं, अदम साहब का कहना है कि जितने हरामखोर थे कुर्बो-जबार में,परधान बनके आ गए अगली कतार में ।" <br /><br />समसामयिक विषयों पर सुन्दर कटाक्ष !मनोज पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/12404564140663845635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-63492096131942750542011-11-28T16:53:17.129+05:302011-11-28T16:53:17.129+05:30हाथी प्रदेश है ये तो. यहां का राष्टीय चिन्ह हाथी ह...हाथी प्रदेश है ये तो. यहां का राष्टीय चिन्ह हाथी है. यहां की जनता हाथी है, यहां का शासक हाथी है. यहां की सरकारी मशीनरी हाथी है. यहां के कान हाथी हैं... बाक़ियों का क्या है, उनका तो काम ही भौकते रहना है. प्रदेश अपनी चाल बदल दे क्या ?Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-51807102609795629292011-11-28T16:48:56.143+05:302011-11-28T16:48:56.143+05:30आज के समय के परिपेक्ष्य में चौबे जी चौपाल बहुत जो...आज के समय के परिपेक्ष्य में चौबे जी चौपाल बहुत जोरदार लगी....आभारसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.com