tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post7918673938916745060..comments2024-03-27T23:49:38.899+05:30Comments on परिकल्पना: परिकल्पना और कविता रवीन्द्र प्रभातhttp://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-76721644012659752872013-11-07T11:59:29.658+05:302013-11-07T11:59:29.658+05:30गहरा एहसास ... जीवन से जुड़े रहने का विश्वास ...
क...गहरा एहसास ... जीवन से जुड़े रहने का विश्वास ... <br />कविता भी तभी कविता बनती है जब वो सांस लेती है शब्दों के बीच ... <br />दोनों रचनाएं बहुत ही संवेदनशील ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-40425364707407679702013-11-07T10:33:27.097+05:302013-11-07T10:33:27.097+05:30वाह !
हर तरफ लिख रहा है
पता कहाँ चल पा रहा है
ब...वाह ! <br />हर तरफ लिख रहा है <br />पता कहाँ चल पा रहा है <br />बहुत बहुत गजब लिख रहा है !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-67118842795136395852013-11-07T09:58:11.765+05:302013-11-07T09:58:11.765+05:30खूबसूरत संकलन !खूबसूरत संकलन !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-43713740398790961932013-11-06T14:19:11.643+05:302013-11-06T14:19:11.643+05:30तिवारी जी! ये परम्परायें ही हैं जो बिना वुज़ूद वाले...तिवारी जी! ये परम्परायें ही हैं जो बिना वुज़ूद वाले लोगों को ज़िन्दा रखती हैं और हर सुबह ज़िन्दगी के अगले सफ़े को खोलने की ऊर्जा देती हैं। अनचीन्हे लोगों के लिये लिखी गयी यह रचना आपकी संवेदनशीलता को प्रकाशित करती है । साधुवाद! इस रचना के लिये। और रश्मि जी के लिये क्या कहूँ, उनका अगाध स्नेह है मेरे प्रति। मैं जब कक्षा सातवीं का छात्र था तब सबसे पहले पंत जी से ही प्रभावित हुआ था। साहित्य के प्रति अनुराग के सूत्रधार हैं पंत जी। रश्मि जी भाग्यशाली हैं जो उन्हें पंत जी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त हो सका। बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-16756841325235505952013-11-06T10:54:02.117+05:302013-11-06T10:54:02.117+05:30मोती चुनती
नायाब हीरे होते
समुन्दर से मोती चुनती <br />नायाब हीरे होते <br /> समुन्दर से विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.com