tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post8086654735809319918..comments2024-03-27T23:49:38.899+05:30Comments on परिकल्पना: गरीबों की सुनो मगर गरीबी महसूस न करो ......!रवीन्द्र प्रभातhttp://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-15963310799966738602009-04-17T10:35:00.000+05:302009-04-17T10:35:00.000+05:30अत्यंत सटीक व्यंग्य , बढिया अदायगी.....बढिया रोमां...अत्यंत सटीक व्यंग्य , बढिया अदायगी.....बढिया रोमांच ....धन्यवाद !गीतेशhttps://www.blogger.com/profile/14766567920202691433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-32862255023887848212009-04-17T10:17:00.000+05:302009-04-17T10:17:00.000+05:30सबसे बड़ा सच यह है ,कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद स...सबसे बड़ा सच यह है ,कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से आज तक हर छोटे-बड़े दल के द्वारा भारत में गंदी और बजबजाती झोपडी के अस्तित्व को बचाए रखने की कोशिश की जाती रही है ताकि वोट बैंक कायम रहे ......वाह रे भारतीय लोकतंत्र और इस लोकतंत्र के सिपाह सालार ......बस जय हो -जय हो गाते जाते हैं और वोट बैंक बढाते जाते हैं .....आपका व्यंग्य अत्यंत ही सटीक है , बधाईयाँ !पूर्णिमाhttps://www.blogger.com/profile/15739774997781645780noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-29662831683705254492009-04-17T10:10:00.000+05:302009-04-17T10:10:00.000+05:30चुनाव में गरीबी की नुमाईश से मन में एक अजीब पीडा क...चुनाव में गरीबी की नुमाईश से मन में एक अजीब पीडा का भाव आता है ,पर सवाल यह उठता है की आखिर इसे समूल नष्ट करने हेतु आयेगा कौन ?सही लिखा है.../malahttps://www.blogger.com/profile/09493715792470271562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-45301085751023864262009-04-17T03:23:00.000+05:302009-04-17T03:23:00.000+05:30सारगर्भित बात!!सारगर्भित बात!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-2398976924362223902009-04-16T23:25:00.000+05:302009-04-16T23:25:00.000+05:30बहुत बढिया लिखा...बहुत बढिया लिखा...संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-39281120479332715482009-04-16T21:24:00.000+05:302009-04-16T21:24:00.000+05:30समयचक्र: चिठ्ठी चर्चा : देख तेरे संसार की हालत, क्...<A HREF="http://mahendra-mishra1.blogspot.com/2009/04/blog-post_16.html#links" REL="nofollow">समयचक्र: चिठ्ठी चर्चा : देख तेरे संसार की हालत, क्या हो गई भगवान,कितना बदल गया इन्सान</A> साथ में आपकी चिठ्ठी भीसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-59077503370739816292009-04-16T18:48:00.000+05:302009-04-16T18:48:00.000+05:30"इस अंगीठी तक गली से कुछ हवा आने तो दो ।
जब तलक ख..."इस अंगीठी तक गली से कुछ हवा आने तो दो । <br />जब तलक खिलते नहीं ये कोयले देंगे धुंआ ।<br /><br />प्रभात जी<br />सही लिखा है...........इस शेर में पूरा दर्शन उडेल दियादिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.com