tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post856053635483021892..comments2024-03-27T23:49:38.899+05:30Comments on परिकल्पना: दिल्ली में ही होगा ब्लॉग अकादमी का कार्यालयरवीन्द्र प्रभातhttp://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-53778949604199206652011-10-13T00:04:44.555+05:302011-10-13T00:04:44.555+05:30बहुत अच्छा प्रयास ... ब्लोगिंग को नए आयाम मिलेंगेबहुत अच्छा प्रयास ... ब्लोगिंग को नए आयाम मिलेंगेसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-80947289502856531212011-10-08T18:22:30.437+05:302011-10-08T18:22:30.437+05:30yah to nischit hi ek saarthak pahal hogi...
Meri b...yah to nischit hi ek saarthak pahal hogi...<br />Meri bhi haardik shubhkamnayen sweekar karen..कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-82286517550016286882011-10-07T17:07:41.825+05:302011-10-07T17:07:41.825+05:30meri bhi shubhakamanayen le leejiye. dhanyavad.meri bhi shubhakamanayen le leejiye. dhanyavad.निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-34824907344333853762011-10-07T16:43:33.809+05:302011-10-07T16:43:33.809+05:30पहल तो अच्छी है। मेरी ओर से शुभकामनाएं। किन्तु य...पहल तो अच्छी है। मेरी ओर से शुभकामनाएं। किन्तु यह भी ध्यान रखना होगा कि इसमें संस्थावाद एवं अकादमीवाद की तमाम समस्याएं भी आ सकती हैं।जीवन और जगत https://www.blogger.com/profile/05033157360221509496noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-51938728795986998302011-10-06T10:38:10.186+05:302011-10-06T10:38:10.186+05:30आप सब को विजयदशमी पर्व शुभ एवं मंगलमय हो।आप सब को विजयदशमी पर्व शुभ एवं मंगलमय हो।vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-56578228837880114142011-10-05T12:51:52.131+05:302011-10-05T12:51:52.131+05:30शानदार पहल है , मगर दिनेशजी जी की टिप्पणी पर गौर क...शानदार पहल है , मगर दिनेशजी जी की टिप्पणी पर गौर करना भी ज़रूरी है ...<br />शुभकामनाये!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-84049421318068772372011-10-05T09:19:08.434+05:302011-10-05T09:19:08.434+05:30बिलकुल शिखा जी !
कदाचित मेरे समझने में त्रुटी हुय...बिलकुल शिखा जी ! <br />कदाचित मेरे समझने में त्रुटी हुयी है. ब्लॉग की विविधता बनी रहनी चाहिए.बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-66480741371288108792011-10-04T17:33:23.533+05:302011-10-04T17:33:23.533+05:30@ कौशलेन्द्र जी! ब्लॉग की विविधता उसकी पहचान है और...@ कौशलेन्द्र जी! ब्लॉग की विविधता उसकी पहचान है और उसमें साहित्य की मौजूदगी से भी कोई एतराज़ किसी को नहीं है..न मैंने साहित्य की खूबियों को नकारा है .<br />"साहित्य की तर्ज़ न ले" से मेरा मतलब था कि साहित्य के नाम पर उसे आम जन साधारण अभिव्यक्ति से अलग न किया जाये.साहित्य की तरह उसे कुछ तथाकथित ग्रुप का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए.यहाँ दिनेशराय द्वेवेदी जी की टिप्पणी काफी कुछ कहती है.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-52777817154242837082011-10-04T15:06:51.059+05:302011-10-04T15:06:51.059+05:30मतलब बीमार हैं तो दिल्ली वालों को पता ही नहीं। वै...मतलब बीमार हैं तो दिल्ली वालों को पता ही नहीं। वैसे बहुत सुंदर पहल, हिंदी के विकास का मजबूत हल, ब्लॉगिंग को जीवंतता मिलेगी। इसके तहत एक पत्रिका और पुरस्कारों और पुस्तकों का नियमित प्रकाशन भी हो। स्वस्थ हो जाऊं तो मुझे भी नौकरी पर रख लीजिएगा रवीन्द्र भाई।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-16124775723167756422011-10-04T13:30:30.990+05:302011-10-04T13:30:30.990+05:30अच्छी बात है।अच्छी बात है।siddheshwar singhhttps://www.blogger.com/profile/06227614100134307670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-43242605950663001062011-10-04T11:04:21.585+05:302011-10-04T11:04:21.585+05:30उपयुक्त है...!उपयुक्त है...!पूर्णिमाhttps://www.blogger.com/profile/15739774997781645780noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-7652347586578885292011-10-04T09:53:04.644+05:302011-10-04T09:53:04.644+05:30... इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए
मेरे सीने म...... इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए<br />मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही<br />हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए<br /><br />जल्द ही इस मिशन में की शुरूआत होगी... पर्यावरण दुषित हो रहा है.. कागज के लिए पेड़ व वनस्पतियों पर कहर ढाया जा रहा है। किसी भी मायने में इंटरनेट पर लिखे जाने वाले साहित्य को हम कमजोर नहीं कह सकते। सरकार को इधर ध्यान देने की जरूरत है। अब नहीं तो कब ?अरविन्द श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01248940700970757852noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-37506360493642284582011-10-04T00:57:18.807+05:302011-10-04T00:57:18.807+05:30स्वागत योग्य कदमस्वागत योग्य कदमराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-78335227730871172202011-10-03T22:39:08.927+05:302011-10-03T22:39:08.927+05:30स्वागत योग्य विचार है, और निःसंदेह ये एक सार्थक पह...स्वागत योग्य विचार है, और निःसंदेह ये एक सार्थक पहल होगा. मेरे विचार से इसमें हर विषय को शामिल किया जाना चाहिए. भाषा, साहित्य, विज्ञान, तकनीक, सामाजिक-सांस्कृतिक और धार्मिक सरोकार, हास्य व्यंग, चिकित्सा, स्वास्थय, स्त्री-पुरुष-बच्चे आदि सभी विषय होने से विचारों के आदान प्रदान को साझा करने और विचारों के पोषण में सहायक होंगे तथा सहज विस्तार मिलेगा. इस प्रयास की सफलता के लिए अग्रिम शुभकामनाएँ.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-70110063025249015422011-10-03T22:32:41.723+05:302011-10-03T22:32:41.723+05:30शिखा जी ! उवाच -"ब्लॉग्गिंग ब्लॉग्गिंग ही रहे...शिखा जी ! उवाच -"ब्लॉग्गिंग ब्लॉग्गिंग ही रहे यानि अपनी सहजता और वैचारिक आजादी के साथ.वो साहित्य की तर्ज़ न ले ले...."<br />शिखा जी ! ब्लॉग वह चौराहा है जहाँ मात्र सूचना और बतकही से लेकर साहित्य की मनोरंजन और गंभीर धाराओं को भी स्थान सहज सुलभ है. साहित्य की सीमाएं हैं ....वह ब्लॉग नहीं बन सकता. किन्तु ब्लॉग असीमित है .....वह साहित्य को अपने में समेट सकता है. इन दोनों में यही एक मूलभूत अंतर मैं समझ पाया हूँ अभी तक. जहाँ तक सामाजिक सरोकारों की बात है ...तो ब्लॉग बहुआयामी है...यह समाज से साहित्य की अपेक्षा कहीं अधिक सहजता के साथ बोंड बनाता है. इसकी यह सहजता बनी रहनी चाहिए ......तमाम खुले विकल्पों और शालीनता के साथ. इसे किसी भी एक परिधि में सीमित कर देने के पक्ष में नहीं हूँ मैं. <br />सच पूछा जाय तो ब्लॉग की सीमाएं कब साहित्य की सीमाओं को स्पर्श करने लगती हैं यह बता पाना किंचित मुश्किल सा है. हम कोई एक सुनिश्चित सीमा खींच पाने की स्थिति में नहीं हैं. <br />वैचारिक स्वतंत्रता के पक्ष में मैं भी हूँ. साथ ही इसकी अनंत सीमाओं की तरलता के पक्ष में भी.........<br />मैंने इसीलिए ब्लॉग के वर्गीकरण की बात की है .......बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-28220594668819572582011-10-03T21:17:47.409+05:302011-10-03T21:17:47.409+05:30Jaan kar prasanta hui, bahut badhiya!!!Jaan kar prasanta hui, bahut badhiya!!!Kavita Prasadhttps://www.blogger.com/profile/15387681420571525202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-72210959934256289252011-10-03T17:33:03.009+05:302011-10-03T17:33:03.009+05:30कुछ लोगों के लिए स्थाई रोजगार का जुगाड़ , फिर उन्ह...कुछ लोगों के लिए स्थाई रोजगार का जुगाड़ , फिर उन्हें प्रसन्न करने वालों की पंक्तियाँ, फिर कुछ विवाद फिर उन विवादों पर गर्मागर्म ब्लाग पोस्टें। सचमुच बड़ा आनन्द आएगा।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-27354467659590179322011-10-03T16:47:13.868+05:302011-10-03T16:47:13.868+05:30aap jo karoge, hindi ke behtari ke liye karoge.......aap jo karoge, hindi ke behtari ke liye karoge..........badhai!मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-2875898838476590662011-10-03T16:22:18.179+05:302011-10-03T16:22:18.179+05:30Bahut hi behtreen vichar hai... Aisi har ek pahal ...Bahut hi behtreen vichar hai... Aisi har ek pahal ka hardik swagat hai...Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-91754163557622930552011-10-03T16:21:27.776+05:302011-10-03T16:21:27.776+05:30बिलकुल उपयुक्त है जी !बिलकुल उपयुक्त है जी !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-45786753614212072912011-10-03T16:06:11.356+05:302011-10-03T16:06:11.356+05:30कोई भी सहयोग चाहिये हो तो हम हाजिर हैं।कोई भी सहयोग चाहिये हो तो हम हाजिर हैं।गीतेशhttps://www.blogger.com/profile/14766567920202691433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-31676133319697270982011-10-03T16:05:24.322+05:302011-10-03T16:05:24.322+05:30खुशामदीद,इस पहल का स्वागत है !खुशामदीद,इस पहल का स्वागत है !ब्रजेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/02137664832747366807noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-83215848058829988852011-10-03T15:53:45.658+05:302011-10-03T15:53:45.658+05:30वाह बहुत ही बढ़िया विचार है.बस इतना हो कि ब्लॉग्गि...वाह बहुत ही बढ़िया विचार है.बस इतना हो कि ब्लॉग्गिंग ब्लॉग्गिंग ही रहे यानि अपनी सहजता और वैचारिक आजादी के साथ.वो साहित्य की तर्ज़ न ले ले.<br />समस्त शुभकामनायें.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-39962061899678784252011-10-03T15:41:02.259+05:302011-10-03T15:41:02.259+05:30नयी तकनीक, नयामंच, नये लोग, नयी सोच, नयी विधा, नयी...नयी तकनीक, नयामंच, नये लोग, नयी सोच, नयी विधा, नयी अकादमी, .........<br />आशा है कि कबीलावाद से परे सामाजिक गतिविधियों एक नया स्वरूप वर्गीकृत हो ...सुसज्जित हो.......संस्कारित हो, नयी सुरभि के साथ अस्तित्व में आयेगा. अकादमी की कल्पना मात्र से हम अभिभूत हैं..........जन्म से पूर्व ही स्वागत के लिए आतुर हैं. <br />ब्लॉग जगत में सूचना और बतकही से लेकर गंभीर साहित्य सृजन की कुलबुलाहट तक का अनुभव कर रहा हूँ. बहुत कुछ छंटेगा ....बहुत कुछ उभर कर प्रकाश में आयेगा. अन्धकार से प्रकाश की ओर ..........शीघ्र ही हम अकादमी के आयामों और संविधान के बारे में विचार रखने का प्रयास करेंगे.बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-45194817093684019362011-10-03T15:00:17.111+05:302011-10-03T15:00:17.111+05:30ये तो बहुत ही उम्दा ख्याल है कोई भी सहयोग चाहिये ह...ये तो बहुत ही उम्दा ख्याल है कोई भी सहयोग चाहिये हो तो हम हाजिर हैं।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.com