tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post9009738742143974673..comments2024-03-27T23:49:38.899+05:30Comments on परिकल्पना: एक कतरा जिन्दगी जो रह गयी है, घोल दे सब गंदगी जो रह गयी है ।रवीन्द्र प्रभातhttp://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-30192899779338832922007-10-26T22:35:00.000+05:302007-10-26T22:35:00.000+05:30बहुत बढिया प्रस्तुति.दीपक भारतदीपबहुत बढिया प्रस्तुति.<BR/>दीपक भारतदीपdpkrajhttps://www.blogger.com/profile/11143597361838609566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-21218315687163387992007-10-26T20:48:00.000+05:302007-10-26T20:48:00.000+05:30शुक्रिया, जवाब देने का, और शब्दार्थ पूछने पर न झुँ...शुक्रिया, जवाब देने का, और शब्दार्थ पूछने पर न झुँझलाने का!आलोकhttps://www.blogger.com/profile/03688535050126301425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-69375871343277808692007-10-26T20:08:00.000+05:302007-10-26T20:08:00.000+05:30आलोक भाई, ग़ज़लों और कविताओं में प्रयुक्त होने ...आलोक भाई,<BR/> ग़ज़लों और कविताओं में प्रयुक्त होने वाले शब्द और शब्दों के पर्याय कई अर्थ छोड़ते हैं, कहीं- कहीं शब्दार्थ से ज़्यादा महत्व उसका भावार्थ होता है, बहुत सुंदर प्रश्न किया है आलोक भाई,दोशीजगी यानी ? इस ग़ज़ल में दोशीजगी कॅ अभिप्राय<BR/>''कुँवारापन'' से है, यहशब्द अरवी भाषा से लिया गया है. आपकी जिज्ञाशा हेतु आभार!<BR/>आशा है आप इसीप्रकार अपना स्नेह- संपर्क बनाए रखेंगे. <BR/><BR/><BR/><BR/><BR/>मेरे ब्लोग पर आने का बहुत बहुत धन्यवाद्।रवीन्द्र प्रभातhttps://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-5856989061379037592007-10-26T18:02:00.000+05:302007-10-26T18:02:00.000+05:30दोशीजगी यानी?दोशीजगी यानी?आलोकhttps://www.blogger.com/profile/03688535050126301425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-54121156364705001762007-10-26T17:54:00.000+05:302007-10-26T17:54:00.000+05:30वाह भाई, बहुत खूब!!!वाह भाई, बहुत खूब!!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-7526269178718458902007-10-26T17:11:00.001+05:302007-10-26T17:11:00.001+05:30आपकी गजल अच्छी लगी. कहना मुश्किल है कि आपका गद्य ज...आपकी गजल अच्छी लगी. कहना मुश्किल है कि आपका गद्य ज्यादा अच्छा है या पद्य . आप दोनो ही विधा मे कमाल करते है. करते रहिए. हमारी ही नही काफी लोगो की शुभकामनाये आपके साथ है.बसंत आर्यhttps://www.blogger.com/profile/15804411384177085225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-41352720662434110212007-10-26T17:11:00.000+05:302007-10-26T17:11:00.000+05:30सरल और सुन्दर।सरल और सुन्दर।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-27141500115471664042007-10-26T14:31:00.000+05:302007-10-26T14:31:00.000+05:30बेवसी की बात करना छोड़ दे अब,ख़ुदगर्ज सी ये बंदगी ...बेवसी की बात करना छोड़ दे अब,<BR/>ख़ुदगर्ज सी ये बंदगी जो रह गयी है !<BR/><BR/>आपकी कलम आपसे नाराज़ रहने ही कहां देती है ! दाद कबूल कीजिए ।<BR/><BR/>संजय गुलाटी मुसाफिरSanjay Gulati Musafirhttps://www.blogger.com/profile/16895238398380336879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-70274844091947390292007-10-26T13:37:00.000+05:302007-10-26T13:37:00.000+05:30कविता में दम है प्रभात भाईकविता में दम है प्रभात भाईAshish Maharishihttps://www.blogger.com/profile/04428886830356538829noreply@blogger.com