शुक्रवार, 27 फ़रवरी 2009

मोबाइल की बैटरी जाने पर भी आप कर सकते हैं कॉल








कहा जाता है ,कि आज का युग संचार क्रान्ति का युग है । फ़ोन अब एस्टेट्स सिंबल न होकर आवश्यकता की श्रेणी में आ चुका है । अब तो फोन के बिना जिंदगी अधूरी सी लगने लगी है । हर किसी को चाहिए फोन चाहे वह राजा हो या रंक । आज कोई भी ऐसा व्यक्ति आपको दिखायी नही देगा जिसके पास फोन न हो , यानी फोन नही तो लोन नही ।
.......मेरे एक मित्र हैं शैलेन्द्र सिंह , पेशे से सॉफ्टवेयर इंजिनियर हैं कहते हैं कि यदि रिश्तों के सॉफ्टवेयर में एहसास का पासवर्ड डाल दिया जाय तो इसकी तुलना किसी अन्य शिक्षा से की ही नहीं जा सकती ......अक्सर अजीबो-गरीब जानकारियां देना उनकी फितरत में शामिल है , मगर कभी-कभी काम की जानकारियां भी दे जाता है वह ......कल बात चीत के दौरान मुझे उसने कुछ ऐसी बातें बतायी जिसके बारे में मैं अब तक अनभिज्ञ था , आज मैं वही जानकारिया आपसे बांटने जा रहा हूँ जो है विचित्र किन्तु सत्य ........।

अमूमन आज के दौर में हर किसी के पास है मोबाइल फोन किसी के पास सस्ता तो किसी के पास महँगा और उसका मुख्य उद्देश्य होता है बात करना, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका मोबाइल फोन इमरजेंसी के दौरान आपके बेहद काम का साबित हो सकता है । मोबाइल से जुडी कई ऐसी बातें जिनके बारे में हमें जानकारी नहीं होती लेकिन मुसीबत के बक्त यह मददगार साबित होती है ।



इमरजेंसी नंबर -दुनिया भर में मोबाइल का इमरजेंसी नंबर ११२ है । अगर आप मोबाइल की कवरेज एरिया से बाहर हैं तो ११२ नंबर द्वारा आप उस क्षेत्र के नेटवर्क को सर्च कर लें . ख़ास बात यह है कि यह नंबर तब भी काम करता है जब आपका कीपैड लौक हो !

जान अभी बाकी है- मोबाइल जब बैटरी लो दिखाए और उस दौरान जरूरी कॉल करनी हो , ऐसे में आप *३३७०# डायल करें , आपका मोबाइल फिर से चालू हो जायेगा और आपका सेलफोन बैटरी में ५० प्रतिशत का इजाफा दिखायेगा ! मोबाइल का यह रिजर्व दोबारा चार्ज हो जायेगा जब आप अगली बार मोबाइल को हमेशा की तरह चार्ज करेंगे !

मोबाइल चोरी होने पर- मोबाइल फोन चोरी होने की स्थिति में सबसे पहले जरूरत होती है , फोन को निष्क्रिय करने की ताकि चोर उसका दुरुपयोग न कर सके । अपने फोन के सीरियल नंबर को चेक करने के लिए *#०६# दबाएँ . इसे दबाते हीं आपकी स्क्रीन पर १५ डिजिट का कोड नंबर आयेगा . इसे नोट कर लें और किसी सुरक्षित स्थान पर रखें . जब आपका फोन खो जाए उस दौरान अपने सर्विस प्रोवाइडर को ये कोड देंगे तो वह आपके हैण्ड सेट को ब्लोक कर देगा !

कार की चाभी खोने पर - अगर आपकी कार की रिमोट केलेस इंट्री है और गलती से आपकी चाभी कार में बंद रह गयी है और दूसरी चाभी घर पर है तो आपका मोबाइल काम आ सकता है ! घर में किसी व्यक्ति के मोबाइल फोन पर कॉल करें ! घर में बैठे व्यक्ति से कहें कि वह अपने मोबाइल को होल्ड रखकर कार की चाभी के पास ले जाएँ और चाभी के अनलॉक बटन को दबाये साथ ही आप अपने मोबाइल फोन को कार के दरवाजे के पास रखें , दरवाजा खुल जायेगा ! है न विचित्र किन्तु सत्य ?

मंगलवार, 24 फ़रवरी 2009

तुम्हारी जय हो !


रसूल,गुलज़ार , रहमान , तुम्हारी जय हो । मुट्ठियों में आया आसमान , तुम्हारी जय हो ।।
पहली वार हमारे गाँव आया कोई ऑस्कर , किया है पिंकी का सम्मान , तुम्हारी जय हो ।।
यह भारतीय सिनेमा के लिए वेहद गौरव का क्षण है जब ऑस्कर में हमारा कद उंचा हुआ, लेकिन स्लम डॉग मिल्र्नियर ने कई अनुतरित प्रश्न खड़े किए हैं भारतीय गरीबी से संबंधित जिसका हल हमें ढूँढना होगा मिलकर , दलीय राजनीति से ऊपर उठकर । आज चारो तरफ़ जश्न का माहौल है , किसी शायर ने कहा है, कि " राजपथ पर जब कभी जयघोष होता है , आदमी फूटपाथ का वेहोश होता है .....!" यही है भारतीय गरीबी का कड़वा सच । आईये स्लम डॉग के बहाने कुछ ऐसे ही पहलूओं पर नज़र दौडाते हैं -



स्लम डॉग गरीब , तुम्हारी जय हो ।
ऑस्कर हुआ करीब तुम्हारी जय हो ।।
बॉयल ने दिखा दिया है आईना तुम्हें -
तुम कितने बदनसीब तुम्हारी जय हो ।।
घोल करके पी रहे हो तुम हवाओं में जहर -
तेरे हिस्से में सलीब , तुम्हारी जय हो ।।
लंगोटी बाँध करके खूब खेलो फाग तुम -
यह जिंदगी अजीब , तुम्हारी जय हो ।।
मिट गयी होती हमारे देश से भी झुग्गियां -
पर वोट बदनसीब , तुम्हारी जय हो ।।
खूब उडाया विश्व में हम गरीबों का मजाक-
बनकर हमारा रकीब ,तुम्हारी जय हो ।।
() रवीन्द्र प्रभात

शुक्रवार, 20 फ़रवरी 2009

फागुन के संग पतझड़ आया बहुत दिनों के बाद .....!



फ़िर एक बार लोक सभा चुनाव के बहाने सरगर्मी तेज हो गयी है , हर दल अपने-अपने ढंग से चुनावी जोड़-तोड़ में व्यस्त है । पिछले दिनों लखनऊ से समाजवादी पार्टी के भावी उम्मीदवार के रूप में संजय दत्त ने चुनाव प्रचार की औपचारिक शुरुआत कर दी । बहुत सारे भावनात्मक मुद्दों की बात की गयी । स्व दत्त साहब की पुरानी यादों को ताज़ा कर वोटरों के साथ इमोशनल अत्याचार करने की कोशिश भी की गयी । संजय दत्त के जाने के बाद हर दल के नेता अपने - अपने बिल से बाहर आ गए ...कोई खीश निपोरे हुए तो कोई कथई दांतों के सहारे खोखले बादे करते हुए ....जैसे फागुन के संग पतझड़ आ गया हो शहर में ....प्रस्तुत है चुनावी मंजर पर एक ग़ज़ल -


शीशे के घर पत्थर आया बहुत दिनों के बाद ।
शीशे के घर पत्थर आया बहुत दिनों के बाद ,
अरे चुनावी मंजर आया बहुत दिनों के बाद ।।
दोउ कर जोड़े , खीश निपोरे , बात करे बड़बोले -
दिल्ली से जो चलकर आया बहुत दिनों के बाद ।।
राग-भैरवी छेड़ रहे , पर फटी हुयी आबाज़ -
फागुन के संग पतझड़ आया बहुत दिनों के बाद ।।
चिकनी सूरत वाला सेठ भिखारी के घर जैसे -
चावल में फ़िर कंकड़ आया बहुत दिनों के बाद ।।
सबको रोटी , सबको कपडा ,सबको मिले मकान -
सुनकर मुझको चक्कर आया बहुत दिनों के बाद ।।
इन्द्र धनुषी घटाटोप में उलझाने "प्रभात " कोई -
वोटो का सौदागर आया बहुत दिनों के बाद ।।
()रवीन्द्र प्रभात

शुक्रवार, 13 फ़रवरी 2009

प्यार में दूरियां ठीक है ...!

दर्द में सिसकियाँ , ठीक है - ठीक है
याद में हिचकियाँ , ठीक है- ठीक है
पर विवशता नही हो कभी प्यार में -
प्यार में दूरियां , ठीक है-ठीक है !
() रवीन्द्र प्रभात

गुरुवार, 5 फ़रवरी 2009

देश को अब चाहिए खुशनुमा सा एक प्रभात !


अनुभवों का फ़िर नही कोई बहाना चाहिए ,
सोच जिसमें है नई वह आजमाना चाहिए ।

थक गए हैं जो सफर में दीजिये आराम उनको-
एक इंजन जोश से लबरेज आना चाहिए ।

बेवजह ही ढूँढते हो खोट गमलों में मियाँ-
झुक गया है पौध उसको एक निवाला चाहिए ।

घर में आकर जो हमारे दे गए बेचैनियाँ-
उस पड़ोसी से हमें दूरी बनाना चाहिए ।

जल रहा है जो परिंदा चीख कर यह कह रहा –
रोशनी से इस कदर ना यूँ नहाना चाहिए।

देश को अब चाहिए खुशनुमा सा एक प्रभात-
जिसके पीछे चल सके पूरा ज़माना चाहिए ।

यह ग़ज़ल राष्ट्र को समर्पित है….
() रवीन्द्र प्रभात
 
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