शुक्रवार, 28 मई 2010

तीन दिवसीय प्रथम अन्तराष्ट्रीय हिंदी ब्लॉग उत्सव लखनऊ में ....





नमस्कार
मैं रवीन्द्र प्रभात
आज उपस्थित हूँ ब्लोगोत्सव के उन्नीसवें दिन परिकल्पना पर.......
सबसे पहले आप सभी का आभार
ब्लोगोत्सव-२०१० को हिंदी ब्लॉग जगत में एक नया मुकाम देने के लिए

आप सभी ने और हमारी ब्लोगोत्सव की टीम ने
एक बार फिर यह साबित कर दिया, कि
कर्म ही पूजा है और कामयाबी ही प्रसाद ....

यदि सच्चे मन से कोई काम किया जाए तो बिघ्न बाधाएं स्वत: नष्ट होते चले जाते हैं
काम यानी कर्तब्य इश्वर का सबसे बड़ा बरदान है, जो सृजन रुपी खूबसूरत फूल में सुगंध और चेतना का समावेश करता है . कर्तब्य सफलता का वह पवित्र मन्त्र है, जिसके उच्चारण मात्र से पवित्र हो जाती है जिन्दगी. जिन्दगी की सार्थकता तभी है जब वह सृजन से जुडी हो . जिन्दगी जब सृजन से जुड़ जाती है तो भव्य हो जाती .....जैसे आप सभी के विनम्र सामूहिक प्रयास से भव्य हो गया यह उत्सव !

आज उत्सव अपने  आखिरी चरण में  है, इस उत्सव की सफलता के बाद हम आगामी ०१ जून दिन मंगलवार को आपके लिए गीतों से भरी ब्लोगोत्सव की आखिरी भव्य शाम का आयोजन करने जा रहे हैं उसके बाद ब्लोगोत्सव पर सारस्वत सम्मान का सिलसिला शुरू होगा और सम्मान पाने वाले सभी प्रतिभागियों को आगामी प्रथम अन्तराष्ट्रीय हिंदी ब्लॉग उत्सव में मोमेंटो, सम्मान राशि, अंगवस्त्र, श्रीफल आदि से सम्मानित किया जाएगा ...ऐसी योजना बन रही है !

 लखनऊ ब्लोगर एसोसिएसन के अध्यक्ष की हैसियत से आगामी एसोसिएसन की बैठक में मैं प्रथम अन्तराष्ट्रीय हिंदी ब्लॉग उत्सव का प्रस्ताव रखने वाला हूँ , वैसे मौखिक रूप से एसोसिएसन के पदाधिकारियों से मेरी वार्ता हुई है और सभी ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया है ....एक-दो दिनों में एसोसिएसन के संयोजक के द्वारा बैठक बुलाई जा रही है .

आपको उत्सुकता होगी  इस प्रस्ताव के बारे में विस्तार से जानने की .....थोड़ा धैर्य रखिये मैं अभी थोड़ी देर में उपस्थित होता हूँ ....इसके बारे में विस्तृत चर्चा हेतु

तबतक आप ब्लोगोत्सव पर दीपक शुक्ल की दो कविताएँ पढ़ें .....यहाँ किलिक करें

मिलते हैं एक अल्प विराम के बाद 

9 comments:

  1. सुझाव व प्रस्ताव अति-प्रसश्नीय है और इस हेतु कार्यान्वयन की पूर्ण ज़िम्मेदारी आप पर, हम साथ देने के लिए तत्पर. अन्य पदाधिकारियों से आग्रह कि वे कल एक अनौपचारिक सी बैठक कर लें ताकी इब्तिदा-ए-सम्मलेन की रूप रेखा तय कर लिया जाये. शुभकामनाएं!!!

    आपका छोटा भाई

    सलीम ख़ान
    संयोजक
    Lucknow Bloggers' Association
    लख़नऊ ब्‍लॉगर्स असोसिएशन

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  2. हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि ब्लॉग जगत में यह सम्मेलन इतिहास की तरह याद किया जाएगा।

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  3. इसमें अब संदेह की गुंजाईश कहाँ है यह उत्सव मिल का पत्थर साबित हो चुका है और रवीन्द्र जी जो ठान लेते हैं उसे पूरा करते हैं यह समूचा हिंदी ब्लॉग जगत जानता है . हम सब उनके नेतृत्व में एक हैं और एक रहेंगे ...!

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  4. हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि ब्लॉग जगत में यह सम्मेलन इतिहास की तरह याद किया जाएगा।

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  5. अरे यह तो बहुत ख़ुशी की बात है .....क्या अपने किराए भाड़े से इसमें मैं शामिल हो सकता हूँ ?

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  6. हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि ब्लॉग जगत में यह सम्मेलन इतिहास की तरह याद किया जाएगा।

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  7. सब कुछ अभूतपू्र्व !
    शुभकामनाएं ।

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