बुधवार, 7 जुलाई 2010

प्यार देवता है प्यार ही है अल्लाह ....

कल की विडिओ प्रस्तुति के क्रम में आज प्रस्तुत है एक और मुक्तक -
" प्यार देवता है प्यार ही है अल्ला ,
सच्ची मोहब्बत में यार ही है अल्ला,
खुद को जो समझा, खुदाई को समझा-
खुद पे किया ऐतवार ही है अल्ला !"


4 comments:

  1. बहुत खूब इसी से मिलती जुलती कुछ पंक्तियाँ मैंने अपने ब्लॉग पर भी दी थी ..

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  2. बहुत खूब!
    चंद पंक्तियों में सुन्दर बात....
    शुभकामनायें....

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  3. क्या बात है जनाब !

    वाह वाह !

    आनन्द आ गया .............जय हो

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