बुधवार, 20 अप्रैल 2011

एक ऐसी पहल जो देगी हिंदी चिट्ठाकारों को नई पहचान

जी हाँ, ऐसी ही  एक पहल की जानकारी दे रहे हैं लोकसंघर्ष वाले सुमन जी ......लीजिये आप भी पढ़िए : 

हर ब्लॉगर की अपनी एक अलग पहचान है, कोई साहित्यकार है तो कोई पत्रकार, कोई समाजसेवी है तो कोई संस्कृतिकर्मी , कोई कार्टूनिस्ट है तो कोई कलाकार । हर ब्लॉगर के सोचने का अपना एक अलग अंदाज़ है, एक अलग ढंग है प्रस्तुत करने का । अलग-अलग नियम है, अलग-अलग चलन किन्तु फिर भी एक सद्भाव है जो आपस में सभी को जोड़ता है । नि:संदेह इसकी जड़ों में सहिष्णुता की भारतीय मर्यादा है, जो हमें सद्भावना की शिक्षा देती है । इन्हीं उद्देश्यों के दृष्टिगत.......




 
Top