आंसू
 
 नहीं अश्कों पे जाओ तुम,ये आंसू बरगलाते है
 ख़ुशी हो या हो गम ,आँखों में आंसू आ ही जाते है
 जो पानी आँख से बहता, सदा आंसू नहीं  होता
 ये तो चेहरा बताता है,कोई हँसता है या  रोता
 कोई जब दूर जाता है ,तो आँखें डबडबाती  है
 कोई मुद्दत से मिलता है,तो आँखें भीग जाती है
  कभी जब भावनाओं में,जो विव्हल होता है ये मन
 तो अपने आप होते नम,हमारी  आँख के चिलमन
 निकल जाते है आंसूं ,आँख में कचरा अगर पड़ता 
 दवाई सुरमा डालो तो भी पानी आँख से   बहता 
 रसोई में जो काटो प्याज, आंसू आ ही जाते है
 मिर्च झन्नाट खा लो तेज,आंसू डबडबाते   है
 बहुत ज्यादा हंसी भी आँख में पानी है ले आती
 करुण कोई कहानी सुन के आँखें नीर भर लाती
 बहुत गुस्से में बरसा करते आंसूं बन के अंगारे
 कभी भी,किस तरह के हों,ये आंसू होते है खारे
 मगरमच्छी है कुछ आंसूं,जो होते है दिखाने को 
 किसी की सहानुभूति या किसी का प्यार पाने को
 अपनी जिद्द मनवाते है बच्चे,अस्त्र  है आंसू
 त्रिया हाथ पूरी करवाने को तो ब्रह्मास्त्र है आंसू 
 हसीनो के कपोलों पर ये मोती बन ढलकते है
 तो हो कितने ही पत्थर दिल,सभी के दिल पिघलते है
 बड़े कमबख्त है आंसू,यूं ही आ जाते है जब तब
 बहे गौरी के गालों पर,बिगाड़े चेहरे का मेक अप 
 ह्रदय की भावनायें,वाष्पीकृत हो जो उठती है
 तो हो कंडेंस,आँखों से,वो बन आंसूं ,निकलती है
 आदमी आता है रोता,वो जाता ,हर कोई रोता
 मगर भंडार आंसूं का,कभी खाली  नहीं  होता
 हंसाते है, रुलाते है, मनाते है, सताते   है
 ख़ुशी हो या हो गम,आँखों में आंसूं आ ही जाते है 
 मदन मोहन बाहेती'घोटू' 
 
 
मगरमच्छी है कुछ आंसूं,जो होते है दिखाने को
जवाब देंहटाएंकिसी की सहानुभूति या किसी का प्यार पाने को
बहुत खूब..............