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गुरुवार, 29 नवंबर 2012

कलयुग से परिकल्पना युग


Photo Flipbook Slideshow Maker

बिना प्रयोजन कुछ संभव नहीं 
धरती भी जो बंजर होती है 
उसके पीछे सांकेतिक प्रयोजन होते हैं 
बंजर से उर्वरक होने के रास्ते 
जिजीविषा के मूल तत्व होते हैं ....
अनदेखा अनचाहा व्यवहार 
धरती नदी भी स्वीकार नहीं करती 
पेड़ पौधे पहाड़ अपना अस्तित्व ढूंढते हैं 
स्व के मद में हम उन्हें मिटाते हैं 
सत्य के दावानल में हम मिट जाते हैं !
बीच से ईंट हटाने से दीवारें गिरती हैं 
पाने के लिए खुद को खोकर 
नींव की ईंट पर ईंट रखना 
नई परम्परा 
नई संभावनाओं के प्रदीप्त द्वार खोलते हैं ............................ 
....................
कलयुग के अँधेरे में 
इक परछाईं सी गुम हो रही थी हिंदी साहित्य की साँसें 
ब्लॉग एक निजी डायरी बन उभरा 
रवीन्द्र प्रभात जी ने 
परिकल्पना का सिंचन किया 
समय बन हर दिशाओं में लक्ष्यभेद किया 
कोपलों को समेट 
हमने वटवृक्ष लगाया 
पंछियों के मधुर कलरव ने 
साहित्यिक आँगन को गुंजायमान किया 
......
हिंदी साहित्य से जुड़े प्रायः हर ब्लॉग का उल्लेख 
परिकल्पना को एक युग से परिभाषित करता है 
परिकल्पना युग ने हमेशा आपका सम्मान किया है 
करता रहेगा ....
तो आइये विगत की क्षणिक कटुता को भूल 
हम इस उत्सव का आनंद लें 
समय के हर लम्हे को साझा कर लें ....

15 comments:

  1. हिंदी साहित्य के उत्थान ,प्रचार,प्रसार में निस्वार्थ योगदान है परिकल्पना का और उसके सृजक का
    उन्हें ह्रदय से नमन ,आशा और कामना है उनका अथक प्रयास सफलता की ऊंचाइयां छूएगा ऐसा मेरा विचार ही नहीं ,स्पष्ट मान्यता है इस प्रयास में सांझीदार बनना मेरा सोभाग्य है ,

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  2. परिकल्‍पना का यह प्रयास सराहनीय है ... आपके इस सश्रम प्रयास को मेरी अनंत शुभकामनाएं

    सादर

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  3. सार्थक सराहनीय प्रयास ....शुभकामनायें ।

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  4. समयाभाव के कारण ब्लॉग पर उपस्थिति कम रह पाती है ! आपका मेल मिला तो यहाँ तक आना हुआ ! समय कितना जल्दी बीतता है ये नए ब्लौगोत्सव के आने से पता चलता है ! सीमा जी की बात बिलकुल सही है --"परिकल्‍पना का यह प्रयास सराहनीय है। आपके इस सश्रम प्रयास को मेरी भी अनंत शुभकामनाएं"

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  5. सराहनीय प्रयास ....शुभकामनायें ।

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  6. सार्थक सराहनीय प्रयास ....शुभकामनायें ।

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  7. " परिकल्‍पना का यह प्रयास सराहनीय है .... आपके इस सश्रम प्रयास को मेरी नमन और बहुत-बहुत शुभकामनाएं " ..... !!

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  8. सुन्दर और प्रशंसनीय प्रयास ...बहुत -बहुत शुभकामनाएँ ...

    Dr.Rama Dwivedi

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  9. इस बार सारे विवादों से दूर अच्छा होगा ...इसी कामना के साथ आपको बहुत बहुत शुभकामनाएँ

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  10. सार्थक प्रशंसनीय प्रयास...शुभकामनाएँ !!

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  11. तृतीय ब्लॉगोत्सव के सफल आयोजन के लिए ढेर सारी शुभकामनायें।
    मेरी नयी पोस्ट "10 रुपये के नोट नहीं , अब 10 रुपये के सिक्के" को भी एक बार अवश्य पढ़े ।
    मेरा ब्लॉग पता है :- harshprachar.blogspot.com

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  12. निस्वार्थ योगदान ही परिकल्पना का उद्देश्य है,इसके लिए पूरी टीम को बहुत२ बधाई,,,शुभकामनाए,,,

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  13. बहुत ही सार्थक प्रयास!! जैसा कि कहा था मैंने, उत्सुकता रहेगी, अच्छे रचनाकारों की रचनाएं पढ़ने की!!

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  14. बहुत ही सराहनीय प्रयास, हार्दिक शुभकामनाएँ.

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  15. परिकल्‍पना का यह प्रयास सराहनीय है .... आपके इस सश्रम प्रयास को बहुत-बहुत शुभकामनाएं " ..... !!

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