गुरुवार, 11 अप्रैल 2013

तस्लीम को ही वोट क्यों दिया जाए ?

इस समय विश्व की 14 भाषाओं (6 श्रणियों) में दिया जाने वाला 'बॉब्स अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार-2013', चर्चा में है। पुरस्‍कार के प्रथम चरण में चयनित ब्‍लॉगों के लिए ऑनलाइन वोटिंग कराई जा रही है, जिसके बाद विजेता का चयन किया जाएगा। इस प्रतियोगिता का परिणाम 07 मई को घोषित किया जाएगा और विजेताओं को ये पुरस्‍कार 18 जून 2013 को जर्मनी में प्रदान किए जाएंगे। 

ब्लॉग्स प्रस्तावित करने की डेढ़ महीने से ज़्यादा चली प्रक्रिया के बाद जूरी ने चुनींदा ब्लॉग्स को नामांकित भी कर दिया है । विगत 3 अप्रैल से लेकर आने वाले पांच हफ्तों तक आप अपने पसंदीदा ब्लॉग के लिए वोट कर सकते हैं और उसे विजेता बना सकते हैं।

हिंदी का सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग चयन हेतु नामित 10 ब्लॉग : 
उपरोक्त नामित  ब्लॉग्स की विशेषताओं पर नज़र डालें तो मुझे कुछ ही ब्लॉग्स  ऐसा दिखाता है जो वोट करने योग्य है । मसलन तस्लीम,सर्प संसार, चोखेर वाली,विज्ञान विश्व और मोहल्ला लाइव । क्योंकि इन ब्लॉग्स का चयन निराश नहीं करता । यह वाकई नामित होने योग्य ब्लॉग्स है और इन ब्लॉग्स के साथ मेरी शुभकामनायें है । 

किन्तु  मेरी इच्छा है कि सबसे ऊपर के पायदान पर तस्लीम को ही होना चाहिए । आप कहेंगे क्यों ? 

तो इस विषय पर बिना लाग लपेट के जो मेरी राय है, वह यह है कि "तस्लीम एक विज्ञान ब्लॉग है, जो अंधविश्वास के खिलाफ अपनी मुहिम को तर्कसंगत तरीके से रखता है । इसलिए मैं उसे पसंद करता हूँ ।"

'तस्‍लीम' मूल रूप से एक स्‍वैच्छिक संगठन है, जिसका पूरा नाम है 'टीम फॉर साइंटिफिक अवेयरनेस ऑन लोकल इश्यूज़ इन इंडियन मासेज' और इसका शार्ट रूप है, TSALLIM. इसका औपचारिक गठन चर्चित विज्ञान लेखक डॉ0 अरविंद मिश्र की प्रेरणा से 17 मार्च 2007 को हुआ था और इसके संस्‍थापक संदस्‍य थे डॉ0 अरविंद मिश्र, डॉ0 जाकिर अली रजनीश एवं अर्शिया अली आदि और उद्देश्‍य था समाज में फैले अंधविश्‍वास को दूर करना तथा विज्ञान संचार के प्रति लोगों को जागरूक करना। 

हालांकि वैचारिक भिन्‍नता के कारण बाद के दिनों में डॉ0 मिश्र ने स्‍वयं को तस्‍लीम से मुक्‍त कर लिया, लेकिन फिर भी वे मानसिक स्‍तर पर आज भी उससे जुडे हुए हैं और 'तस्‍लीम' से जुड़ी प्रत्‍येक गतिविधि पर नजर रखते हैं।

'तस्‍लीम' आज भी ब्लॉग जगत का एक सक्रिय नाम है, वरन अपनी रोचक तथा विविधता से भरपूर सामग्री के कारण अलेक्‍सा रैंक में हिन्‍दी के सर्वाधिक लोकप्रिय ब्‍लॉगों में जगह बनाए हुए है। प्रारम्‍भ में तस्‍लीम में चित्र पहेलियों का प्रकाशन प्रारम्‍भ हुआ था, जो काफी सराही गयीं। लेकिन कुछ समय के बाद एक ऐसा दौर भी आया कि जब चारों ओर चित्र पहेलियों की बाढ़ सी आ गयी। ऐसी स्थिति में 'तस्‍लीम' ने नीरसता से बचते हुए 'पहेलियों' को विराम दिया और अन्‍य गम्‍भीर विषयों की ओर ध्‍यान दिया। वर्तमान में इसमें मुख्‍य रूप से अंधविश्‍वास विषयक विभिन्‍न सामग्री की अधिकता देखने को मिलती है। इसके साथ ही साथ यहां पर विज्ञान सम्‍बंधी विविध सामग्री, जैसे पर्यावरण चेतना, विज्ञान पुस्‍तकों, विज्ञान संचार की विभिन्‍न प्रविधियों आदि पर भी भरपूर सामग्री प्रकाशित होती रहती है।

जैसा कि ऊपर बताया गया है कि तस्‍लीम एक स्‍वैच्छिक संगठन है, इसलिए यह ब्‍लॉग जगत के बाहर भी अपनी गतिविधयां करता रहता है और अपनी सार्थक पहलों के द्वारा सामाजिक चेतना के कार्य में संलग्‍न रहता है। तस्‍लीम द्वारा अब तक जो बडे पैमाने पर आयोजन किये गये हैं, उनमें 'विज्ञान लेखन के द्वारा ब्‍लॉग संचार' कार्यशाला'बाल साहित्‍य में नवलेखन' संगोष्‍ठी, 'क्षेत्रीय भाषाओं में विज्ञान कथा लेखन' कार्यशाला के नाम शामिल हैं। 

इसके अलावा 'तस्‍लीम' वर्ष 2012 में 'परिकल्‍पना सम्‍मान समारोह एवं अन्‍तर्राष्‍ट्रीय ब्‍लॉगर सम्‍मेलन' का मुख्‍य आयोजक भी रहा है। इससे स्‍पष्‍ट है कि जमीनी स्‍तर पर भी 'तस्‍लीम' की भागीदारी प्रशंसनीय तथा प्रेरणाप्रद है। 

संक्षेप में हम कह सकते हैं कि 'तस्‍लीम' एक ब्‍लॉग भर नहीं है, यह एक सम्‍पूर्ण आंदोलन है, जो विज्ञान संचार की अपनी सार्थक मुहिम के लिए जाना जाता है। यह ब्‍लॉग नियमित है और इसका लेआउट भी काफी आकर्षक है। यदि यहां पर इसके विजिटर्स की संख्‍या अथवा एलेक्‍सा रैंक को भी शामिल कर लिया जाए, तो यह ब्‍लॉग निश्‍चय ही नामांकित ब्‍लॉगों की सूची में सिरमौर हो जाता है। 

मेरी दृष्टि में 'बॉब्‍स पुरस्‍कारों' के लिए 'हिन्‍दी का श्रेष्‍ठ ब्‍लॉग' कटेगरी में शामिल यह एक ऐसा ब्‍लॉग है, जो वास्‍तव में 'श्रेष्‍ठ ब्‍लॉग' के सम्‍मान का अधिकारी है।

जैसा कि आपको पता ही होगा कि इन पुरस्‍कारों के लिए वोटिंग की सुविधा डायचे वेले की ऑफीशियल वेबसाइट https://thebobs.com/ पर दी गयी है और साइट के नियमों के अनुसार 'फेसबुक', 'टिवटर' एवं 'ओपेन आईडी' से प्रत्‍येक 24 घंटे पर किसी के भी द्वारा वोट किया जा सकता है।


यदि आप मुझसे सहमत हैं तो, अपना वोट तस्लीम को देने के लिए इस लिंक पर अवश्य जाइए...



16 comments:

  1. ...हमने भी यही सोचकर तसलीम को वोट दिया है।
    .
    .मेरी शुभकामनायें इसके व् सर्प-संसार के साथ हैं।

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  2. आपकी अपील पर हमने तस्लीम को वोट कर दिया है !!!

    नववर्ष और नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाए,,,,
    recent post : भूल जाते है लोग,

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  3. आप तथ्यों और परिप्रेक्ष्यों की प्रमाणिक प्रस्तुति करते हैं -इसलिए विशिष्ट हैं !

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  4. आपने तर्क के माध्यम से यह सिद्ध कर दिया है, की तस्लीम का कोई विकल्प नहीं । लीजिये आपके आदेशानुसार मैं भी अपना वोट तस्लीम को देकर आ गया ।

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  5. आदरणीय रवीन्‍द्र जी, बॉब्‍स पुरस्‍कारों के सम्‍बंध में और 'तस्‍लीम' के महत्‍व पर बहुत ही सारगर्भित और प्रामाणिक जानकारी प्रस्‍तुत की है। आभार।

    आपको जानकर प्रसन्‍नता होगी कि आदरणीय बालेन्‍दु शर्मा दाधीच जी ने भी 'तस्‍लीम' को अपना आशीर्वाद प्रदान किया है।

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  6. यह ईनाम तस्लीम को ही जायेगा, चाहे कुछ भी हो जाये... बस हम आपकी तस्लीम हक़दार हैं!

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  7. रवींद्र जी का नज़रिया हमेशा निष्पक्ष रहा है .... यह तर्क भी सारगर्भित है

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  8. आपकी एक-एक बात को तस्‍लीम करता हूं। शुक्रिया, वस्‍तुस्थिति सामने रखने के लिए।

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  9. बॉब्‍स पुरस्‍कारों द्वारा सर्वश्रेष्‍ठ ब्‍लॉग हेतु नामांकित ब्‍लॉगों के पृष्‍ठ पर 'तस्‍लीम' के विवरण के साथ उसका जो लिंक लगा हुआ है, उसे क्लिक करने पर वर्तमान में 'तस्‍लीम' ब्‍लॉग न खुलकरके 'साइंस ब्‍लॉगर्स असोसिएशन' खुल रहा है। इसे देखकर कुछ लोगों द्वारा यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि बॉब्‍स द्वारा नामांकित ब्‍लॉग 'तस्‍लीम' है अथवा 'साइंस ब्‍लॉगर्स असोसिएशन'। इस सम्‍बंध में यह भी कहा जा रहा है कि इस भ्रम के कारण 'तस्‍लीम' का नामांकन भी रद्द हो सकता है।

    इस सम्‍बंध में मैं बताना चाहूंगा कि वास्‍तव में 'बॉब्‍स' की वेबसाइट में कोई गलती नहीं है। संभवत: 'तस्‍लीम' ब्‍लॉग की सेटिंग में ही कोई गडबडी हो गयी है, जिसकी वजह से scientificworld.in/ लिंक खोलने पर ब्‍लॉग आटोमैटिक रूप में http://blog.scientificworld.in/ पर फारवर्ड हो रहा है।

    'बॉब्‍स' में वास्‍तव में 'तस्‍लीम' का ही लिंक लगा है, इसे कन्‍फर्म करने के दो तरीके हैं। पहला उस लिंक के ऊपर अपना कर्सर ले जाएं। ऐसा करने पर उसमें लगा हुआ लिंक स्‍क्रीन पर 'स्‍टार्ट' बटन के पास दिखने लगेगा। दूसरा तरीका यह है कि वेबसाइट में जहां पर 'तस्‍लीम' का यूआरएल लिखा है, उस पूरे मैटर को सेलेक्‍ट करके माउस का राइट बटन दबाएं और 'व्‍यू सेलेक्‍शन सोर्स' को क्लिक कर दें। इससे एक नई विंडो खुल जाएगी और सेलेक्‍ट किये गये मैटर में लगाया गया कोड लिख कर आ जाएगा।

    आशा है इससे सभी लोगों का भ्रम दूर जाएगा।

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  10. तस्‍लीम एवं सर्पसंसार को ही वोट किया है .... बहुत-बहुत शुभकामनाएं एवं बधाई भी इस उपलब्धि पर ...
    .... आपके इस निष्‍पक्षतापूर्ण आलेख एवं प्रस्‍तुति के लिए आभार

    सादर

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  11. सहमत.... तस्लीम को वोट कर दिया है शुक्रिया

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  12. वोट कर दिया आगे के लिए शुभकामनाएँ...

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  13. वाह! बहुत खूब | अपन भी वोट की सोच रहे हैं | नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें |

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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  14. सभी बकवास ब्लॉग नामित हैं ....

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