गुरुवार, 5 मार्च 2015

अंतरराष्ट्रीय मँच पर पहुँची भारत की लेखिकाएँ.....

23 फरवरी 2015 विश्व मैत्री मंच ( संलग्न हेमंत फाउण्डेशन )द्वारा भूटान की राजधानी थिम्फू में अंतरराष्ट्रीय महिला लघुकथा सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें भूटान समेत भारत के विभिन्न राज्यों से आई महिला रचनाकारों ने भाग लिया । सम्मेलन दो सत्रों में सम्पन्न हुआ । प्रथम सत्र की अध्यक्षता पटना से आई जानी मानी लेखिका डा. मिथलेश मिश्र ने की तथा मुख्य अतिथि औरंगाबाद से आईँ वरिष्ठ लेखिका अनुया दलवी थीं ।कार्यक्रम का आरम्भ डा.रोचना भारती (नासिक) की गाई सरस्वती वन्दना से हुआ । संस्था की सदस्याओं ने अतिथियों का स्वागत किया । संस्था की अध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव ने इन पंक्तियों से क़ि " हर परिंदा ज़मीं पर रहता है,हौसला ही उड़ान भरता है " अपने स्वागत भाषण का आरम्भ करते हुए संस्था के उद्देश्यों पर प्तकाश डाला और इस मिशन को विश्व स्तर पर ले जाने के लिए सभी से सहयोग की अपील की । संस्था का परिचय कार्याध्यक्ष डा.ज्योति गजभिये (मुम्बई) ने दिया ।इस अवसर पर विश्व मैत्री मंच द्वारा प्रकाशित कविता संग्रह ' बाबुल हम तोरे अंगना की चिड़िया ' सहित 12 पुस्तकों का लोकार्पण हुआ ।लघुकथा के विभिन्न आयामों पर आलेख पढ़े गए तथा लघुकथा पाठ की समीक्षा संतोष श्रीवास्तव ने की । डा.मिथलेश मिश्र ने अपने अध्यक्षीय भाषण में लघुकथा के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डालते हुए श्रोताओं की शंकाओं का समाधान किया ।कार्यक्रम का संचालन मध् सक्सेना (रायपुर ) ने तथा आभार लक्ष्मी यादव (मुम्बई ) ने किया।

द्वितीय सत्र नीता श्रीवास्तव ( रायपुर)के कुशल संचालन में 18 रचनाकरों ने काव्यपाठ किया । इस सत्र की अध्यक्षता डॉ विद्या चिटको(अमेरिका) ने की। अनुया दलवी ने मराठी नाटक “नट सम्राट” की एकल प्रस्तुति की। कार्यक्रम में भारत के बिहार,मध्यप्रदेश,छ्त्तीसगढ,महाराष्ट्र,मराठवाडा,दिल्ली,तथा अमेरिका एवं भूटान के शिक्षा विभाग से जुड़े हुए जंबा याशी ,करमा वांगमों , लुंगटेंन वांगमों ,सोनम चौटन की उपस्थिति उल्लेखनीय रही ।

(भूटान से मधु सक्सेना की रपट)

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