शनिवार, 21 अप्रैल 2018

हिंदी ब्लागिंग की 15वीं वर्षगाँठ पर....

आज हिंदी ब्लागिंग की 15वीं वर्षगाँठ है। वर्ष 2003 में यूनीकोड हिंदी में आया और तद्नुसार हिन्दी ब्लॉग का शुभारम्भ हुआ। पूर्णतया हिन्दी में ब्लॉगिंग आरंभ करने का श्रेय आलोक कुमार को जाता है, जिन्होंने 21 अप्रैल 2003 को हिंदी के प्रथम ब्लॉग ’नौ दो ग्यारह’ से इसका आगाज किया था। यहाँ तक कि ‘ब्लॉग‘ के लिए ‘चिट्ठा‘ शब्द भी उन्हीं का दिया हुआ है।

आलोक कुमार भारत के एक साफटवेयर इंजीनियर हैं। वे प्रथम हिन्‍दी ब्‍लॉगर्स के रूप में जाने जाते हैं। ब्‍लॉग को उसका हिन्‍दी नाम चिटठा देने का श्रेय उन्‍ही को जाता है। इसके अतिरिक्‍त उन्होंने एक ब्‍लॉग एग्रीगेटर चिटठाजगत डाॅट इन की भी शुरूआत की थी। तकनीकी कारणवश अब वो बन्‍द हो चुका है। आजकल वे अपने ब्‍लॉग देवनागरी डॉट इन पर तकनीकि ज्ञान देते हैं।

वर्ष-2003-2004 को हिंदी ब्लॉगिंग का पूर्वाध काल कहा जा सकता है । इन दोनों वर्षों में हिंदी ब्लॉगिंग का बहुत ज्यादा विकास नहीं हो पाया, हालांकि इस दौर के प्रमुख ब्लॉग हैं - इंदौर के देबाशीश का ब्लॉग नुक्ता चीनी,  रवि रतलामी का हिंदी ब्लॉग  ,पंकज नोरुल्लाशजर बोलता हैअक्षर ग्राम कुछ बतकहीफ़ुरसतिया , मेरी कविताएँ,  सिन्धियत,  मेरा पन्ना,  ठलुआ ,  शब्द साधना,  गुरु गोविन्द,  कटिंग चाय,  समथिंग टू से,  कुछ तो है जो कि  और   हाँ कबाजी आदि । आगे चलकर अमर कुमार जी के ब्लॉग कुछ तो है जो कि का सदस्य मैं भी बना । वर्ष -2005 में जब हिंदी चिट्ठों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई तब उस समय चिट्ठा चर्चा की शुरुआत हुई । वर्ष-2005 के उत्तरार्ध में हिंदी ब्लॉग की संख्या एन केन प्राकेण 100 हुई । हलांकि वर्ष-2005 में मनीष कुमार का Ek Shaam Mere Naam अस्तित्व में आ गया था, किन्तु यह रोमन में लिखा जा रहा था , वर्ष-2006 में मनीष कुमार एक शाम मेरे नाम से दूसरा ब्लॉग पुन: लेकर आये जिसमें उन्हीनें देवनागरी लिपि में सुन्दर संस्मरण प्रस्तुत किया। वर्ष-2006 में हिंदी चिट्ठों का व्यापक बिकास हुआ और उस दौरान उड़न तश्तरी ,इन्द्रधनुषअखंडआलोकपुष्टिमार्गप्रणव शर्माप्रशांतभास्करविनीतश्रवनसंतोषIIFMights का चिट्ठा , थोड़ा और , श्रीश , ई पंडित , नारद, परिचर्चा, हमारा बेंजीमाझी दुनिया , निशिकांत वर्ल्ड,  दीपांजलि , निरंतर तरकश के साथ-साथ अनेक महत्वपूर्ण ब्लॉग अवतरित हुए । वर्ष-2006 हिंदी चिट्ठों के विकास के लिहाज से महत्वपूर्ण अवश्य रहा किन्तु महत्वपूर्ण सामग्री परोसने के लिहाज से बहुत उपयोगी नहीं रहा। हिंदी चिट्ठों का व्यापक बिकास हुआ वर्ष- 2006 के दौरान,  हिन्दी चिट्ठों की संख्या दो हजार को पार कर गयी । वर्ष - 2007 में हिन्दी चिट्ठों की संख्या ज्यादा नहीं थी, लगभग तीन हजार के आसपास थी, इसीलिए ब्लॉग विश्लेषण के अंतर्गत परिकल्पना पर केवल साठ महत्वपूर्ण ब्लॉगस की हीं चर्चा की जा सकी थी। वर्ष-2008 आते आते ब्लॉगस की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ और यह संख्या दस हजार के आसपास पहुँच गयी । वर्ष -2008 में हिन्दी चिट्ठा जगत के लिए सबसे बड़ी बात यह रही कि इस दौरान अनेक सार्थक और विषयपरक ब्लॉग की शाब्दिक ताकत का अंदाजा हुआ।

वर्ष-2009 में हिन्दी चिट्ठों की संख्या लगभग 20,000, वर्ष-2010 में 30,000, वर्ष-2011 में 39,000 और वर्ष-2012 में यह संख्या 50,000 के आसपास पहुँच गयी। वर्ष- 2009 में संवाद सम्मान की शुरुआत हुयी और इसके बाद इसे जारी नहीं किया जा सका। हिन्दी साहित्य और ब्लॉगिंग के बीच सेतु निर्माण एवं उत्थान में अविस्मरणीय योगदान देने वाले हिन्दी चिट्ठाकारों को सम्मानित करने के उद्देश्य से मेरे तथा मेरे कुछ साथियों के द्वारा वर्ष-2010 में अंतर्जाल पर उत्सव की परिकल्पना की गयी। नाम दिया गया परिकल्पना ब्लॉगोत्सव। इसमें शामिल प्रतिभाशाली प्रत्येक वर्ष 51 सृजनधर्मियों का चुनाव करते हुये उन्हें परिकल्पना सम्मान दिये जाने की घोषणा की गयी। इसके अंतर्गत सम्मान धारकों को मोमेंटो, सम्मान पत्र, पुस्तकें, शॉल और एक निश्चित धनराशि के साथ सम्मानित करने की उद्घोषणा हुयी। इसके अंतर्गत अभी तक 500 चिट्ठाकारों को सम्मानित किया जा चुका है।


इस दौरान हिन्दी के कई एग्रीगेटर आए जैसे नारद, ब्लॉगवाणी, चिट्ठाजगत आदि आदि और काल कलवित भी हो गए, लेकिन वर्तमान में सक्रिय दो एग्रीगेटर क्रमश: हमारी वाणी और ब्लॉग सेतु की जीवटता को मेरी शुभकामनायें है। 

वर्ष-2014 और 2015 में हिन्दी चिट्ठों की संख्या में भरी गिरावट आई, कारण था फेसबूक का सर्वाधिक लोकप्रिय होना। वैसे तो फेसबूक का आरंभ 2004 में हार्वर्ड के एक छात्र मार्क ज़ुकेरबर्ग ने की थी, किन्तु इसकी अपार लोकप्रियता 2014-15 में हुयी और अनवरत जारी है।  आज भी ब्लॉग लिखा जा रहा है और हमारे कई साथी इसे ऊंचाई पर प्रतिष्ठापित करने की दिशा में सक्रिय हैं। 


वर्ष-2016-17 और 18 की बात की जाये तो यह दौर हिन्दी ब्लॉगिंग में सन्नाटों का दौर रहा लेकिन हिन्दी ब्लॉग आने का सिलसिला लगातार जारी है। सक्रिय और निष्क्रिय मिलाकर आज  हिन्दी चिट्ठों की संख्या लगभग 60,000 के आसपास है। 

हिन्दी ब्लॉगिंग की 15 वीं वर्षगांठ पर आप सभी को कोटिश: शुभकामनायें.... आइए आज उन सभी लोगों को याद करते हैं और उन्हें धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने हिंदी ब्लागिंग को इस मुकाम तक पहुँचाया... । 

जय हिन्दी ब्लॉगिंग। 


5 comments:

  1. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, जोकर और उसका मुखौटा “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

    जवाब देंहटाएं
  2. शुभकामनाएं। हिन्दी चिट्ठाकारी के 15 वर्ष पूर्ण करने पर।

    जवाब देंहटाएं
  3. हिन्दी ब्लाग की 15वीं वर्षगांठ आप को भी मुबारक हो!

    जवाब देंहटाएं
  4. हिंदी ब्लागिंग की 15वीं वर्षगाँठ पर बहुत अच्छी जानकारी प्रस्तुति हेतु धन्यवाद!
    सबको हार्दिक शुभकामनाएं!

    जवाब देंहटाएं
  5. Sands Casino: Review | 125% Up To $1600
    Casino starvegad Details and Information. 샌즈카지노 Sands Casino offers an incredible array of gaming options for every player to choose from. We have 우리카지노 쿠폰 over 3,000 slot and table games from

    जवाब देंहटाएं

आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.

 
Top