खिल जाए खुशियाँ, घर में उजास हो,
न कोई दु:खी और न कोई उदास हो ,
मस्ती हवा में यूं खुलकर के नाचे ,
जोगीरा कोयलिया व उल्लू भी बांचे,
किसी से कोई भी करे बैर ना,
विद्वेष की अब रहे खैर ना,
गली-कूचे सराबोर रंगों से हो ,
पर न जाती-धरम और न दंगों से हो,
अक्षर के अक्षत से सबका अभिषेक हो ,
भंग हो, रंग हो , विचार मगर नेक हो ,
हर तरफ़ मस्तों की टोली हो, इसबार
ऐसी हीं बिंदास होली हो इसबार ....!
क्योंकि-
जीवन रूपी प्रवृतियों के कलश में
सामूहिकता का रंग भरना ही " होली" है.....!
जीवन रूपी प्रवृतियों के कलश में
सामूहिकता का रंग भरना ही " होली" है.....!
मेरी शुभकामना है ,कि -रंगों का यह निश्छल त्यौहार
आप व आपके परिवार जन की
स्वस्थ प्रवृतियों का श्रृंगार करे
आत्मिक शक्तियों का विकास करे
रखे उल्लसित , उत्साहित और प्रसन्नचित हमेशा
संचारित करे चेतना में सदइच्छा - सदभाव -सदाचार....!
आप सभी के लिए "होली" लाये सुखद समाचार ...!
स्वस्थ प्रवृतियों का श्रृंगार करे
आत्मिक शक्तियों का विकास करे
रखे उल्लसित , उत्साहित और प्रसन्नचित हमेशा
संचारित करे चेतना में सदइच्छा - सदभाव -सदाचार....!
आप सभी के लिए "होली" लाये सुखद समाचार ...!
"होलीकोत्सव" की हार्दिक बधाईयाँ !!
शुभेच्छु -
रवीन्द्र प्रभात
बहुत मन से उल्लास का स्रोत ढ़ूंढ़ रहे हैं हम और वह आपकी कवित में मिलता दीख रहा है। बहुत बधाई हो जी होली की।
जवाब देंहटाएंबड़ी रंगीन तरह से पेश किया है,आपने ज़ज़्बे !काश ऎसे शब्द मैं भी बुन पाता...मेरी शुभकामनायें स्वीकार करें
जवाब देंहटाएं्बहुत बढिया लिखा है। होली की बधाई।
जवाब देंहटाएंsundar blog , badhiya maal! holi mubaraq!
जवाब देंहटाएंभाई प्रभात जी,
जवाब देंहटाएंअनोखे अंदाज़ में ,रंगा आपका ब्लॉग
होली के संग जम गया , रंग फाग का आज !
इसी तरह जमकर लिखते रहिए
और रंगकर जमते रहिए !
बधाई....बधाई.....बधाई.
रविन्द्र - आपके रंग ऐसे ही बारह मास धुंधले हटायें - सपरिवार होली की शुभ कामनाएँ - मनीष
जवाब देंहटाएंआप सभी को परिवार के साथ
जवाब देंहटाएंहोली की शुभ कामनाएं --
रवीन्द्र जी
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना। होली मुबारक।
बंधु,
जवाब देंहटाएंअंधेरे की भाषा में
लिखी गई आलोक की यह इबारत
आपको भी पसंद है.....जानकार खुशी हुई.
धन्यवाद.
खूबसूरत! आपको होली मुबारक अब देर से ही सही...:)
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