शुक्रवार, 9 जनवरी 2009

वर्ष-2008 : हिन्दी चिट्ठा हलचल (भाग- 7)

किसी ने खूब ही कहा है- "हँसना रवि की प्रथम किरण सा, कानन मेंनवजात शिशु सा ।"
हमारा वर्तमान इतना विचित्र है,कि अपनी इस सहज ,सुलभ विशिष्टताको हमने ओढ लियाहै, हर आदमी इतना उदास है,कि उसे हँसने के लिए लाखों जतन करनेपड़ते हैं। हँसने के लिए।कोशिश करना इंसान के लिए बहाने ढूँढना या फिर दिखावाके लिए हँसना हमारे व्यक्तित्व केखोखलापन को उजागर करता है। ईश्वर हर जगहइंसानों को जोर -जोर से हिल-हिल कर हँसनेकी कोशिश करते देख वाकई हँसता होगा, क्योंकि ईश्वर तो उदास नहीं हैं, हम उदास हैं,हमारी मशीनरी दिनचर्या ने हमेंचिरचिरा बना दिया है,हम हँसने के लिए वजहढूँढ़ते हैं,यदि ज़िंदगी को कुछ कमगंभीर कर लिया जाये, तो इस अद्भुत आश्चर्य हँसी कोमहसूस कर सकेंगे।
यह टिपण्णी मेरे द्वारा ०४ अगस्त २००७ को हास्य के एक अति महत्वपूर्ण ब्लॉग "ठहाका " को अपनी शुभकामनाएं अर्पित करते हुए दी गयी थी और कुछ दिनों बाद उसी ब्लॉग से प्रेरित होकर मैं परिकल्पना लेकर आप सभी के बीच आया था । इसी चर्चा के साथ मुझे खुशी हो रही है यह कहते हुए कि परिकल्पना की यह १०० वां पोस्ट है, मगर अफशोस है कि पिछले वर्ष जनवरी में ही बसंत आर्य ने ठहाका लगाना बंद कर दिया ।
इन पंक्तियों के साथ मैं इस चर्चा को आगे बढ़ा रहा हूँ ,कि -" हर शख्स के भीतर इक नयाअहसास जगाया जाय ,कि उनका आईना पलटकर उन्हें ही दिखाया जाय , मगर यह शर्तहो सबके लिए महफ़िल जमे जब भी- न हँसे कोई, न मुस्कुराए, बस ठहाका लगाया जाय ।"
वर्ष- २००८ में हास्य-व्यंग्य रचनाओं के माध्यम से जिन चिट्ठों ने खूब धमाल मचाया ,
वह हैं -हिंदी जोक्स - हिन्दी के चुटकुले, यह चिट्ठा प्रारूप में हैं। तीखी नज़र -इस ब्लॉग पर हास्य-व्यंग्य की क्षणिकाएं लगातार देखने को मिली ।जैसे " लगा रहा आतंक की जो भारत में आग , गायें उसके साथ हम कैसे किरकिट राग , कैसे किरकिट राग, बताए दुनिया हमको , भरा न अब तक घाव भुलाएं कैसे गम कोदिव्यदृष्टि जिस घर में होता मातम भाईनहीं भूल कर कभी बजाता वह शहनाई ....!" बामुलाहिजा यह ब्लॉग कार्टून के माध्यम से आज के सामाजिक , राजनैतिक कुसंगातियों पर व्यंग्य करता है । कार्टूनिष्ट हैं कीर्तिश भट्ट । current CARTOONS ताज़ा राजनैतिक घटनाक्रमों पर आधारित कार्टून का एक और महत्वपूर्ण चिट्ठा । कार्टूनिस्ट हैं -चंद्रशेखर हाडा जयपुर । मजेदार हिंदी एस एम एस चटपटे और मजेदार चुटकुलों अथवा हास्य क्षणिकाओं का अनूठा संकलन । चिट्ठे सम्बंधित कार्टून हिन्दी चिट्ठाजगत में हो रही गतिविधियाँ कार्टून रूप में पेश करने की कोशिश है ।
चक्रधर का चकल्लस यह ब्लॉग हिन्दी के श्रेष्ठ हास्य-व्यंग्य कवि अशोक चक्रधर का है , जिसमें उनके द्वारा सृजित कविता और व्यंग्य प्रकाशित होते है , अपने इस ब्लॉग के सन्दर्भ में श्री अशोक चक्रधर कहते हैं - " इस चक्रधर के मस्तिष्क के ब्रह्म-लोक में एक हैं बौड़म जी। माफ करिए, बौड़म जी भी एक नहीं हैं, अनेक रूप हैं उनके। सब मिलकर चकल्लस करते हैं। कभी जीवन-जगत की समीक्षाई हो जाती है तो कभी कविताई हो जाती है। जीवंत चकल्लस, घर के बेलन से लेकर विश्व हिन्दी सम्मेलन तक, किसी के जीवन-मरण से लेकर उसके संस्मरण तक, कुछ न कुछ मिलेगा। कभी-कभी कुछ विदुषी नारियां अनाड़ी चक्रधर से सवाल करती हैं, उनके जवाब भी इस चकल्लस में )मिल सकते हैं। यह चकल्लस आपको रस देगी, चाहें तो आप भी इसमें कूद पड़िए।"
SAMACHAR AAJ TAK इस ब्लॉग पर आज की ताज़ा खबरें परोसी जाती है मगर मनोरंजक ढंग से और यही इस ब्लॉग की विशेषता है । अज़ब अनोखी दुनिया के ब्लोगर शुभम आर्य कहते हैं कि -" अजाब अनोखी इस दुनिया में घटनाओं को बस्तुत: रिकोर्ड्स कर पाना किसी चमत्कार से कम नही है । आप सभी को हिन्दी ब्लोगिंग जगत में इस प्रकार की विचित्र चित्रावली एवं बहुत सी रोचक बातों से परिचित कराने की कोशिश करूंगा । अंगरेजी जगत में यह काफी दिनों से विद्यमान है, किंतु हिन्दी पाठकों के लिए शायद यह प्रारंभिक प्रयासों में से एक होगा ....!" वैसे काफी दिलचस्प है यह अज़ब अनोखी दुनिया ।
आईये अब मिलते हैं की बोर्ड के खटरागी से यानी अविनाश वाचस्पति से जिनके ब्लॉग का पता है http://avinashvachaspati.blogspot.com/ इस ब्लॉग पर हास्य-व्यंग्य और अबिनाश वाचस्पति के द्वारा अन्य साहित्यिक समाचार पढ़ सकते हैं । यूँ ही निट्ठल्ला..... ताज़ा परिस्थितियों पर व्यंग्य इस ब्लॉग की सबसे बड़ी विशेषता है और इसका प्रस्तुतीकरण अपने आप में अनोखा , अंदाज़ ज़रा हट के , आप भी पढिये और डूब जाईये व्यंग्य के सरोबर में । डूबेजी यह ब्लॉग जबलपुर के ब्लोगर श्री राजेश कुमार डूबे जी का है , ब्लोगर के लिए कार्टून एक विधा से बढ़कर, व्यंग्य के सारथी के समान , एक सामाजिक आन्दोलन है ।
दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान- पत्रिका पर भी कभी-कभार अच्छी और संतुलित हास्य कवितायें देखने को मिल जाती है , यह ब्लॉग सुंदर और सारगर्भित और स्तरीय है । hasya-vyang यह ब्लॉग सुरेश चंद्र गुप्ता जी का है , जो अपने ब्लॉग के बारे में कहते हैं, कि-"हम आज ऐसे समाज में रहते हैं जो बहुत तेजी से बदल रहा है और हम सबके लिए नए तनावों की स्रष्टि कर रहा है। पर साथ ही साथ समाज में घट रही बहुत सी घटनाएं हमारे चेहरे पर मुस्कान ले आती हैं। हमारे तनाव, भले ही कुछ समय के लिए, कम हो जाते हैं। हर घटना का एक हास्य-व्यंग का पहलू भी होता है। इस ब्लाग में हम उसी पहलू को उजागर करने का प्रयत्न करेंगे। " सचमुच इस ब्लॉग पर ब्लोगर हास्य-व्यंग्य के साथ न्याय करता हुआ दीखता है ।
निरंतर यह ब्लॉग जबलपुर के महेंद्र मिश्रा का है , इस पर भी आप व्यंग्य के तीक्ष्ण प्रहार को महसूस कर सकते हैं । अनुभूति कलश ब्लॉग पर आपको मिलेंगे डा राम द्विवेदी की हास्य-व्यंग्य कविताओं से आप रू-ब रू होंगे । इसी प्रकार योगेन्द्र मौदगिल और अविनाश वाचस्पति के सयुक्त संयोजन में प्रकाशित चिट्ठा है हास्य कवि दरबार जिस पर आपको मिलेंगे हास्य-व्यंग्य कविताएं, कथाएं, गीत-गज़लें, चुटकुले-लतीफे, मंचीय टोटके, संस्मरण, सलाह व संयोजन।
...........अभी जारी है ..../

10 comments:

  1. हम भी पढ़ना जारी रखे हुए हैं जनाब!!!

    जवाब देंहटाएं
  2. फिर कहूंगा - आपका यह ब्लॉग शोध बहुत स्तरीय है।

    जवाब देंहटाएं
  3. गजब का शिध चल रहा है-साधुवाद मित्र.

    जवाब देंहटाएं
  4. बेहतरीन .बहुत से ब्लॉग आ गए इस में भी शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  5. हास्य चिट्ठाकारों का यह विश्लेषण सराहनीय है.
    धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  6. हिन्‍दी चिट्ठों पर चल रहा हल

    हर पल, चल निकल रहा हल
    नाम परिकल्‍पना सब कुछ सच
    रवि से प्रभात कह रहा है सच

    जवाब देंहटाएं
  7. मै जल्द ही लौट कर आउंगा. रवीन्द्र जी. आप की शिकायत जायज है

    जवाब देंहटाएं

आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.

 
Top