मंगलवार, 13 जुलाई 2010
वर्ष की श्रेष्ठ लेखिका (कथा-कहानी )
हिंदी ब्लॉगजगत के पास एक ऐसी उत्कृष्ट लेखिका हैं , जिनकी कथा-कहानियों में परिस्थितियों से उत्पन्न विविध प्रकार के भौन्जालों के बीच विवशताभरी छटपटाहट का खुला दस्तावेज सम सम्मुख आता है , साथ ही जन-समुदाय के शोषण, कलह, ईर्ष्या, वर्ण-व्यवस्था से ग्रस्त मन-मानस की कुंठाओं एवं संत्रासों का सहज उदघाटन हो जाता है ।
जानते हैं कौन है वो?
वो हैं निर्मला कपिला ....
विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ किलिक करें
बहुत बधाईयाँ।
जवाब देंहटाएंNirmala JI ko bahut bahut badhai...!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई सही है यह निर्मला जी की कहानियाँ दिल को छु लेती है
जवाब देंहटाएंनिर्मला जी को बहुत-बहुत बधाईयाँ।
जवाब देंहटाएंNirmala jee, ye samman aap ko aur bahut kuchh dene kee takat de. hamen aap se nirantar naye ka intjaar rahega.
जवाब देंहटाएंनिर्मला जी बहुत-बहुत बधाई .....!!
जवाब देंहटाएंनिर्मला जी बहुत-बहुत बधाईयां
जवाब देंहटाएंरविन्द्र जी और परिकल्पना टीम का बहुत बहुत धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंनिर्मला जी बहुत-बहुत बधाईयां
जवाब देंहटाएंनिर्मला जी को बहुत-बहुत बधाईयाँ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत बधाईयाँ.nice
जवाब देंहटाएंनिर्मला जी को बहुत-बहुत बधाईयाँ।
जवाब देंहटाएंनिर्मला जी को बहुत बहुत बधाईयाँ!
जवाब देंहटाएंइस सम्मान हेतु निर्मला जी को हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंसामाजिक सरोकार वाली उनकी कहानियां भाव-प्रणव हैं।
बहुत बहुत बधाई ...
जवाब देंहटाएंइस सम्मान के लिये ...
बधाइयाँ
जवाब देंहटाएंअच्छी पोस्ट,शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंयह पोस्ट ब्लाग4वार्ता पर भी है
बधाई।
जवाब देंहटाएंनिर्मला कपिला जी को बहुत बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंbahut bahut badhai.....
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