.........गतांक से आगे 
ब्लॉग विश्लेषण के १८ भागों में आपने लगभग हर विषय के ब्लोग्स के बारे में जाना,किन्तु हास्य-व्यंग्य को मैंने  सुरक्षित रखा अंतिम भाग के लिए, कारण है कि इसके बाद का भाग ऐसा है जिसमें आप सभी को एक सुखद अनुभूतियों के साथ प्रवेश करना  है,यानी आप हैं  विश्लेषण के अंतिम,किन्तु  अत्यंत महत्वपूर्ण पड़ाव से केवल एक कदम पीछे  !
तो चलिए आज हम आपको ले चलते हैं हास्य-व्यंग्य की दुनिया में !कहा गया है कि हँसना एक चमत्कार है, आश्चर्य है, क्योंकि हँसने से जहाँ ज़ींदगी के स्वरूप और उद्देश्य का भाव प्रकट होता है वहीं नीरसता ,उदासीनता और दुख का भाव नष्ट करते हुए आनन्द्परक वातावरण का निर्माण करता है. यह भाव केवल मनुष्य में ही होता है....पशुओं में नहीं !
वर्ष- २००६ से संचालित हास्य-व्यंग्य का प्रमुख ब्लॉग है चक्रधर का चक्कलस ! यह ब्लॉग हिन्दी के श्रेष्ठ हास्य-व्यंग्य कवि अशोक चक्रधर का है ,वर्ष-२०१० में इस पर कुल ५८ पोस्ट प्रकाशित हुए जो वर्ष-२००८ और २००९ में प्रकाशित पोस्ट के बराबर है अर्थात इस वर्ष अशोक चक्रधर जी के इस ब्लॉग पर सक्रियता अचंभित करती है !
हास्य व्यंग्य पर आधारित ब्लॉग सुदर्शन की सक्रियता लगातार हमें अचंभित करती रही है !विगत दो वर्षों में इस ब्लॉग पर मैंने अनेक अच्छी-अच्छी सामग्रियां देखी है,प्रस्तुतिकरण और भाषा का लालित्य इसकी विशेषता है ,क्योंकि  ब्लोगर के.एम .मिश्रा को स्वस्थ हास्य परोसने में महारत हासिल है !यह ब्लॉग पूरी तरह हास्य और व्यंग्य को समर्पित है !देश के लगभग सभी ज्वलंत मुद्दों पर चुटीली टिप्पणियाँ इस वर्ष यहाँ देखने को मिली है !
 GWALIOR TIMES हास्य व्यंग्य में  पूरे  वर्ष में केवल ८ पोस्ट प्रकाशित हुए, वहीं ठहाका में  केवल ३ पोस्ट ! दीपकबापू कहिन पर यद्यपि इस वर्ष कुछ अच्छी हास्य-व्यंग्य रचनाएँ देखी गयी,  तीखी नज़र पर हास्य-व्यंग्य की क्षणिकाएं लगातार देखने को मिली ।बामुलाहिजा  पर  कार्टून के माध्यम से आज के सामाजिक ,राजनैतिक कुसंगातियों पर पूरे वर्ष भर व्यंग्य बरसते रहे  । कार्टूनिष्ट हैं कीर्तिश भट्ट । current CARTOONS ताज़ा राजनैतिक घटनाक्रमों पर आधारित कार्टून का  महत्वपूर्ण चिट्ठा बनने में सफल रहा  । कार्टूनिस्ट हैं -चंद्रशेखर हाडा जयपुर ।मजेदार हिंदी एस एम एस चटपटे और मजेदार चुटकुलों अथवा हास्य क्षणिकाओं का अनूठा संकलन बनने में सफल रहा इस वर्ष,वहीं  चिट्ठे सम्बंधित कार्टून हिन्दी चिट्ठाजगत में हो रही गतिविधियों को  कार्टून रूप में पेश करने की पूरी कोशिश करता रहा विगत  वर्ष, किन्तु इस वर्ष यह पूरी तरह अनियमित रहा   ।; SAMACHAR AAJ TAK  पर आज की ताज़ा खबरें परोसी  गयी    मगर मनोरंजक ढंग से और यही इस ब्लॉग की विशेषता रही । अज़ब अनोखी दुनिया के काफी दिलचस्प रहा इस वर्ष ।
GWALIOR TIMES हास्य व्यंग्य में  पूरे  वर्ष में केवल ८ पोस्ट प्रकाशित हुए, वहीं ठहाका में  केवल ३ पोस्ट ! दीपकबापू कहिन पर यद्यपि इस वर्ष कुछ अच्छी हास्य-व्यंग्य रचनाएँ देखी गयी,  तीखी नज़र पर हास्य-व्यंग्य की क्षणिकाएं लगातार देखने को मिली ।बामुलाहिजा  पर  कार्टून के माध्यम से आज के सामाजिक ,राजनैतिक कुसंगातियों पर पूरे वर्ष भर व्यंग्य बरसते रहे  । कार्टूनिष्ट हैं कीर्तिश भट्ट । current CARTOONS ताज़ा राजनैतिक घटनाक्रमों पर आधारित कार्टून का  महत्वपूर्ण चिट्ठा बनने में सफल रहा  । कार्टूनिस्ट हैं -चंद्रशेखर हाडा जयपुर ।मजेदार हिंदी एस एम एस चटपटे और मजेदार चुटकुलों अथवा हास्य क्षणिकाओं का अनूठा संकलन बनने में सफल रहा इस वर्ष,वहीं  चिट्ठे सम्बंधित कार्टून हिन्दी चिट्ठाजगत में हो रही गतिविधियों को  कार्टून रूप में पेश करने की पूरी कोशिश करता रहा विगत  वर्ष, किन्तु इस वर्ष यह पूरी तरह अनियमित रहा   ।; SAMACHAR AAJ TAK  पर आज की ताज़ा खबरें परोसी  गयी    मगर मनोरंजक ढंग से और यही इस ब्लॉग की विशेषता रही । अज़ब अनोखी दुनिया के काफी दिलचस्प रहा इस वर्ष । 

 किसी ने कहा है कि  हंसना रवि की प्रथम किरण सा,कानन में नवजात शिशु सा ......हमारा वर्त्तमान इतना विचित्र है कि हमने अपनी सहज-सुलभ विशिष्टताओं को ओढ़ लिया है,आज  हर आदमी इतना उदास है कि उसे हंसाने के लिए लाखों जतन करने पड़ते हैं !ऐसे में यदि कोई हमारे उदास चहरे पर हंसी की  लालिमा फैलाने की  दिशा में कार्य करता है या करती है तो प्रशंसनीय है !हास्य के ऐसे ही एक ब्लॉग से मैं रूबरू हुआ इस वर्ष ,नाम है हास्य फुहार ....इस  ब्लॉग को संचालित करने वाली ब्लोगर का कहना है कि "मैं एक घरेलु महिला हूं , हंसो और हंसाओ में विश्वास रखती हूं।"
किसी ने कहा है कि  हंसना रवि की प्रथम किरण सा,कानन में नवजात शिशु सा ......हमारा वर्त्तमान इतना विचित्र है कि हमने अपनी सहज-सुलभ विशिष्टताओं को ओढ़ लिया है,आज  हर आदमी इतना उदास है कि उसे हंसाने के लिए लाखों जतन करने पड़ते हैं !ऐसे में यदि कोई हमारे उदास चहरे पर हंसी की  लालिमा फैलाने की  दिशा में कार्य करता है या करती है तो प्रशंसनीय है !हास्य के ऐसे ही एक ब्लॉग से मैं रूबरू हुआ इस वर्ष ,नाम है हास्य फुहार ....इस  ब्लॉग को संचालित करने वाली ब्लोगर का कहना है कि "मैं एक घरेलु महिला हूं , हंसो और हंसाओ में विश्वास रखती हूं।"

   हास्य की चर्चा हो और हास्य कवि अलवेला खत्री की चर्चा न हो तो हिंदी ब्लॉगजगत की कोई भी वह चर्चा अधूरी ही मानी जायेगी, क्योंकि अलवेला खत्री टी वी जगत और मंच के मशहूर हस्ताक्षर है, किन्तु ब्लॉग के प्रति उनकी प्रतिबद्धता अनुकरणीय है ! इस महत्वपूर्ण ब्लोगर की चर्चा मैं पूर्व में विस्तार से कर चुका हूँ इसलिए यहाँ केवल प्रसंगवश प्रस्तुत है उनका एक वीडियों-
 हास्य की चर्चा हो और हास्य कवि अलवेला खत्री की चर्चा न हो तो हिंदी ब्लॉगजगत की कोई भी वह चर्चा अधूरी ही मानी जायेगी, क्योंकि अलवेला खत्री टी वी जगत और मंच के मशहूर हस्ताक्षर है, किन्तु ब्लॉग के प्रति उनकी प्रतिबद्धता अनुकरणीय है ! इस महत्वपूर्ण ब्लोगर की चर्चा मैं पूर्व में विस्तार से कर चुका हूँ इसलिए यहाँ केवल प्रसंगवश प्रस्तुत है उनका एक वीडियों-
  
 चलते-चलते आपको बता दूँ कि नई दिल्ली में  27 जुलाई को  हास्य-कविता की कार्यशाला आयोजित हुई, जिसकी  अध्यक्षता राष्ट्रीय कविसंगम के अध्यक्ष श्री जगदीश मित्तल ने की। विषय पर व्याख्यान देने के लिए मंच के जाने-माने हस्ताक्षर श्री अरुण जैमिनी, डॉ. प्रवीण शुक्ला,ब्लोगर चिराग़ जैन, डॉ. प्रवीण शुक्ला  तथा डॉ.विनय विश्वास मौजूद थे।
चलते-चलते आपको बता दूँ कि नई दिल्ली में  27 जुलाई को  हास्य-कविता की कार्यशाला आयोजित हुई, जिसकी  अध्यक्षता राष्ट्रीय कविसंगम के अध्यक्ष श्री जगदीश मित्तल ने की। विषय पर व्याख्यान देने के लिए मंच के जाने-माने हस्ताक्षर श्री अरुण जैमिनी, डॉ. प्रवीण शुक्ला,ब्लोगर चिराग़ जैन, डॉ. प्रवीण शुक्ला  तथा डॉ.विनय विश्वास मौजूद थे।
और अब हास्य से कुछ अलग हटकर -

 कुकुर, बिलार, मोर, सियार, तोता, मैना, हिरन, अनार; बरगद, भालू, सोना, जंगल, सेम की बाती, ख़ूंखार डकैत बराती; सबके बीच चौकन्ना अकेला भागता है आदमी, जैसे नींद और ऊब में घिरी, गिरी, चांदनी के पीछे दौड़ता हो चांद, बेसुध, भाग-भाग-भाग! २२ जनवरी-२०१० को प्रकाशित अजदक में औरत के आदमी की जातक-कथा से हम वर्ष कुछ यादगार पोस्ट की चर्चा की शुरुआत कर रहे हैं !लिव-इन-रिलेशनशिप को शीघ्र ही कानून के दायरे में लाना ही होगा ऐसा कहा दिनेश राय द्विव्व्दी ने २९ मार्च को अनवरत में .....!
कुकुर, बिलार, मोर, सियार, तोता, मैना, हिरन, अनार; बरगद, भालू, सोना, जंगल, सेम की बाती, ख़ूंखार डकैत बराती; सबके बीच चौकन्ना अकेला भागता है आदमी, जैसे नींद और ऊब में घिरी, गिरी, चांदनी के पीछे दौड़ता हो चांद, बेसुध, भाग-भाग-भाग! २२ जनवरी-२०१० को प्रकाशित अजदक में औरत के आदमी की जातक-कथा से हम वर्ष कुछ यादगार पोस्ट की चर्चा की शुरुआत कर रहे हैं !लिव-इन-रिलेशनशिप को शीघ्र ही कानून के दायरे में लाना ही होगा ऐसा कहा दिनेश राय द्विव्व्दी ने २९ मार्च को अनवरत में .....! 
 ०६ मार्च को अंतर सोहिल पर एक आम भारतीय की पीड़ा परिलक्षित हुई रेलवे मंत्रालय के सन्दर्भ में, उनका कहना था की इस बार रेलमंत्री ने 117 रेलों की बढोतरी की है जी देश में। समय पर आने-जाने, सुविधा और सुरक्षा बढाने के बजाय हर साल कुछ रेल बढा दी जाती हैं। लम्बी दूरी की रेलों की पैन्ट्री (रसोई) में खाना बनाने के लिये शौचालय और सफाई के लिये प्रयोग होने वाला पानी उपयोग किया जाता है। रेलों की संख्यां बढने से बडे स्टेशनों पर रेल को प्लेटफार्म खाली ना होने के वजह से आऊटर पर रोका जाता है। नतीजा ट्रेन लेट, फिर उसके पीछे आने वाली ट्रेन लेट। रेलवे फाटक भी बार-बार बन्द करना पडता है, तो सडकों पर भी जाम की स्थिति बनी रहती है। अर्थात एक-आध बोगी ही बढा दी होती !
०६ मार्च को अंतर सोहिल पर एक आम भारतीय की पीड़ा परिलक्षित हुई रेलवे मंत्रालय के सन्दर्भ में, उनका कहना था की इस बार रेलमंत्री ने 117 रेलों की बढोतरी की है जी देश में। समय पर आने-जाने, सुविधा और सुरक्षा बढाने के बजाय हर साल कुछ रेल बढा दी जाती हैं। लम्बी दूरी की रेलों की पैन्ट्री (रसोई) में खाना बनाने के लिये शौचालय और सफाई के लिये प्रयोग होने वाला पानी उपयोग किया जाता है। रेलों की संख्यां बढने से बडे स्टेशनों पर रेल को प्लेटफार्म खाली ना होने के वजह से आऊटर पर रोका जाता है। नतीजा ट्रेन लेट, फिर उसके पीछे आने वाली ट्रेन लेट। रेलवे फाटक भी बार-बार बन्द करना पडता है, तो सडकों पर भी जाम की स्थिति बनी रहती है। अर्थात एक-आध बोगी ही बढा दी होती !
   
 
क्या गरीब अब अपनी बेटी की शादी कर पायेगा ....? २९ मई को यह सवाल पूछा है संजय भास्कर ने आदत.. मुस्कुराने की पर !

अर्थकाम
चुपचाप अपने काम में पूरे मनोयोग से लगे रहना यहाँ से सीखा जा सकता है। ऐसा कहा ०५ जून को गिरिजेश राव ने एक आलसी का चिठ्ठा पर !

आईये अब आपको एक ऐसे ब्लॉग से परिचय करवाते हैं जो संभवत: हिंदी में अनूठा और अद्वितीय है ब्लॉग का नाम है मिसफिट:सीधीबात, ब्लोगर हैं गिरीश बिल्लोरे मुकुल ....हिंदी ब्लॉगजगत में होने वाली हर गतिविधियों पर इनकी तीखी नज़र रहती है और हर आम व ख़ास ब्लोगर के मन की बात पाठको के समक्ष दृढ़ता के साथ परोसना इनकी आदत है !ये अपने ब्लॉग के बारे में बड़े फक्र से कहते हैं कि "जी हां !मिसफ़िट हूं हर उस पुर्ज़े की नज़र में जो हर जो हर ज़गह फ़िट बैठता हो.आप जी आप और आप जो मिसफ़िट हो वो मेरी ज़मात में फ़िट है !!"ऐसे ब्लोगर को अतुलनीय और अद्वितीय न कहा जाए तो क्या कहा जाए ?ये हिंदी ब्लोगिंग में लाईव वेबकास्ट की प्रस्तुति करने वाले पहले ब्लोगर हैं !

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ध्यान दें :
 यहाँ मैं आपको एक स्पष्टीकरण दे दूं कि इस भाग में हास्य-व्यंग्य के साथ वर्ष के कुछ महत्वपूर्ण पोस्ट की चर्चा करते हुए हिंदी के एक विशिष्ट ब्लोगर से भी आपको मिलवाया, ऐसा इसलिए कि इस भाग के साथ विश्लेषण का कार्य पूरा हो रहा है, केवल एक भाग और प्रकाशित होना है जिसमें हम वर्ष के १०० महत्वपूर्ण ब्लोग्स,१०० परुष ब्लोगर्स,१०० नवोदित ब्लोगर्स और १०० महिला ब्लोगर्स के नाम की घोषणा करेंगे परिकल्पना ब्लॉग विश्लेषण के आधार पर ......!
यहाँ मैं आपको एक स्पष्टीकरण दे दूं कि इस भाग में हास्य-व्यंग्य के साथ वर्ष के कुछ महत्वपूर्ण पोस्ट की चर्चा करते हुए हिंदी के एक विशिष्ट ब्लोगर से भी आपको मिलवाया, ऐसा इसलिए कि इस भाग के साथ विश्लेषण का कार्य पूरा हो रहा है, केवल एक भाग और प्रकाशित होना है जिसमें हम वर्ष के १०० महत्वपूर्ण ब्लोग्स,१०० परुष ब्लोगर्स,१०० नवोदित ब्लोगर्स और १०० महिला ब्लोगर्स के नाम की घोषणा करेंगे परिकल्पना ब्लॉग विश्लेषण के आधार पर ......!
.......जारी है विश्लेषण, मिलते हैं एक विराम के बाद
 GWALIOR TIMES हास्य व्यंग्य में  पूरे  वर्ष में केवल ८ पोस्ट प्रकाशित हुए, वहीं ठहाका में  केवल ३ पोस्ट ! दीपकबापू कहिन पर यद्यपि इस वर्ष कुछ अच्छी हास्य-व्यंग्य रचनाएँ देखी गयी,  तीखी नज़र पर हास्य-व्यंग्य की क्षणिकाएं लगातार देखने को मिली ।बामुलाहिजा  पर  कार्टून के माध्यम से आज के सामाजिक ,राजनैतिक कुसंगातियों पर पूरे वर्ष भर व्यंग्य बरसते रहे  । कार्टूनिष्ट हैं कीर्तिश भट्ट । current CARTOONS ताज़ा राजनैतिक घटनाक्रमों पर आधारित कार्टून का  महत्वपूर्ण चिट्ठा बनने में सफल रहा  । कार्टूनिस्ट हैं -चंद्रशेखर हाडा जयपुर ।मजेदार हिंदी एस एम एस चटपटे और मजेदार चुटकुलों अथवा हास्य क्षणिकाओं का अनूठा संकलन बनने में सफल रहा इस वर्ष,वहीं  चिट्ठे सम्बंधित कार्टून हिन्दी चिट्ठाजगत में हो रही गतिविधियों को  कार्टून रूप में पेश करने की पूरी कोशिश करता रहा विगत  वर्ष, किन्तु इस वर्ष यह पूरी तरह अनियमित रहा   ।; SAMACHAR AAJ TAK  पर आज की ताज़ा खबरें परोसी  गयी    मगर मनोरंजक ढंग से और यही इस ब्लॉग की विशेषता रही । अज़ब अनोखी दुनिया के काफी दिलचस्प रहा इस वर्ष ।
GWALIOR TIMES हास्य व्यंग्य में  पूरे  वर्ष में केवल ८ पोस्ट प्रकाशित हुए, वहीं ठहाका में  केवल ३ पोस्ट ! दीपकबापू कहिन पर यद्यपि इस वर्ष कुछ अच्छी हास्य-व्यंग्य रचनाएँ देखी गयी,  तीखी नज़र पर हास्य-व्यंग्य की क्षणिकाएं लगातार देखने को मिली ।बामुलाहिजा  पर  कार्टून के माध्यम से आज के सामाजिक ,राजनैतिक कुसंगातियों पर पूरे वर्ष भर व्यंग्य बरसते रहे  । कार्टूनिष्ट हैं कीर्तिश भट्ट । current CARTOONS ताज़ा राजनैतिक घटनाक्रमों पर आधारित कार्टून का  महत्वपूर्ण चिट्ठा बनने में सफल रहा  । कार्टूनिस्ट हैं -चंद्रशेखर हाडा जयपुर ।मजेदार हिंदी एस एम एस चटपटे और मजेदार चुटकुलों अथवा हास्य क्षणिकाओं का अनूठा संकलन बनने में सफल रहा इस वर्ष,वहीं  चिट्ठे सम्बंधित कार्टून हिन्दी चिट्ठाजगत में हो रही गतिविधियों को  कार्टून रूप में पेश करने की पूरी कोशिश करता रहा विगत  वर्ष, किन्तु इस वर्ष यह पूरी तरह अनियमित रहा   ।; SAMACHAR AAJ TAK  पर आज की ताज़ा खबरें परोसी  गयी    मगर मनोरंजक ढंग से और यही इस ब्लॉग की विशेषता रही । अज़ब अनोखी दुनिया के काफी दिलचस्प रहा इस वर्ष । आईये अब मिलते हैं की बोर्ड के खटरागी से यानी अविनाश वाचस्पति से जिनके ब्लॉग पर हास्य-व्यंग्य और अन्य साहित्यिक समाचार खूब पढ़ने को मिले हैं इस वर्ष । यूँ ही निट्ठल्ला.....  का प्रस्तुतीकरण अपने आप में अनोखा , अंदाज़ ज़रा हट के , आप भी पढिये और डूब जाईये व्यंग्य के सरोबर में ।डूबेजी  के ब्लोगर श्री राजेश कुमार डूबे जी का कार्टून  सामाजिक आन्दोलन की अगुआई करता रहा । दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान- पत्रिका पर भी कभी-कभार अच्छी और संतुलित हास्य कवितायें देखने कोमिलती रही , यह ब्लॉग सुंदर और सारगर्भित और स्तरीय है । hasya-vyang   पर ब्लोगर हास्य-व्यंग्य के साथ न्याय करता हुआ दिखा  ।
सितंबर-२०१० में हास्य-व्यंग्य का एक नया ब्लॉग आया,नाम है वक़्त ही वक़्त कमबख्त !हास्य कविता,व्यंग्य,शायरी व अन्य दिमागी खुराफतों का संकलन (Majaal)है यह !वर्ष-२०१० के आखिरी चार महीनों में इस ब्लॉग पर कुल८९ पोस्ट प्रकाशित हुए जो प्रशंसनीय है !
सितंबर-२०१० में हास्य-व्यंग्य का एक नया ब्लॉग आया,नाम है वक़्त ही वक़्त कमबख्त !हास्य कविता,व्यंग्य,शायरी व अन्य दिमागी खुराफतों का संकलन (Majaal)है यह !वर्ष-२०१० के आखिरी चार महीनों में इस ब्लॉग पर कुल८९ पोस्ट प्रकाशित हुए जो प्रशंसनीय है !

निरंतर  पर भी आप व्यंग्य के तीक्ष्ण प्रहार को महसूस किया गया इस वर्ष  । अनुभूति कलश  पर डा राम द्विवेदी की हास्य-व्यंग्य कविताओं से हम  रू-ब रू हुए  । इसी प्रकार योगेन्द्र मौदगिल और अविनाश वाचस्पति के सयुक्त संयोजन में प्रकाशित चिट्ठा है हास्य कवि दरबार पर आपको मिली  हास्य-व्यंग्य कविताएं, कथाएं, गीत-गज़लें, चुटकुले-लतीफे, मंचीय टोटके, संस्मरण, सलाह व संयोजन। विचार मीमांशा पर भी पढ़े गए इस वर्ष कुछ उच्च कोटि की हास्य रचनाएँ !
कहा गया है कि तसवीरें जब बोलती हैं तो शब्द मौन हो जाते हैं , प्रकंपित हो जाती हैं भावनाएं और व्यक्ति को  समझाने के लिए फिर किसी भी माध्यम की आवश्यकता नहीं पड़ती ! इसका एक नज़ारा देखिये यहाँ-
२७ मई को आमिर धरती गरीब लोग पर अनिल पुसदकर ! 
कार्टून:- गूदड़ी के लाल की गुदगुदी... १४ अगस्त को काजल कुमार के इस कार्टून में छिपी है राजनीति की गहरी समझदारी ! वहीं २७ अगस्त को प्रकाशित कार्टून में राजनीति में आचरण का प्रदुषण !  
 हास्य की चर्चा हो और हास्य कवि अलवेला खत्री की चर्चा न हो तो हिंदी ब्लॉगजगत की कोई भी वह चर्चा अधूरी ही मानी जायेगी, क्योंकि अलवेला खत्री टी वी जगत और मंच के मशहूर हस्ताक्षर है, किन्तु ब्लॉग के प्रति उनकी प्रतिबद्धता अनुकरणीय है ! इस महत्वपूर्ण ब्लोगर की चर्चा मैं पूर्व में विस्तार से कर चुका हूँ इसलिए यहाँ केवल प्रसंगवश प्रस्तुत है उनका एक वीडियों-
 हास्य की चर्चा हो और हास्य कवि अलवेला खत्री की चर्चा न हो तो हिंदी ब्लॉगजगत की कोई भी वह चर्चा अधूरी ही मानी जायेगी, क्योंकि अलवेला खत्री टी वी जगत और मंच के मशहूर हस्ताक्षर है, किन्तु ब्लॉग के प्रति उनकी प्रतिबद्धता अनुकरणीय है ! इस महत्वपूर्ण ब्लोगर की चर्चा मैं पूर्व में विस्तार से कर चुका हूँ इसलिए यहाँ केवल प्रसंगवश प्रस्तुत है उनका एक वीडियों- चलते-चलते आपको बता दूँ कि नई दिल्ली में  27 जुलाई को  हास्य-कविता की कार्यशाला आयोजित हुई, जिसकी  अध्यक्षता राष्ट्रीय कविसंगम के अध्यक्ष श्री जगदीश मित्तल ने की। विषय पर व्याख्यान देने के लिए मंच के जाने-माने हस्ताक्षर श्री अरुण जैमिनी, डॉ. प्रवीण शुक्ला,ब्लोगर चिराग़ जैन, डॉ. प्रवीण शुक्ला  तथा डॉ.विनय विश्वास मौजूद थे।
चलते-चलते आपको बता दूँ कि नई दिल्ली में  27 जुलाई को  हास्य-कविता की कार्यशाला आयोजित हुई, जिसकी  अध्यक्षता राष्ट्रीय कविसंगम के अध्यक्ष श्री जगदीश मित्तल ने की। विषय पर व्याख्यान देने के लिए मंच के जाने-माने हस्ताक्षर श्री अरुण जैमिनी, डॉ. प्रवीण शुक्ला,ब्लोगर चिराग़ जैन, डॉ. प्रवीण शुक्ला  तथा डॉ.विनय विश्वास मौजूद थे।और अब हास्य से कुछ अलग हटकर -
इस कड़ी में हम आपको हिंदी ब्लॉगजगत के कुछ अनछुए पहलूओं 
से आपको रूबरू कराने जा रहे हैं .......विभिन्न तस्वीरों के मार्फ़त -
 कुकुर, बिलार, मोर, सियार, तोता, मैना, हिरन, अनार; बरगद, भालू, सोना, जंगल, सेम की बाती, ख़ूंखार डकैत बराती; सबके बीच चौकन्ना अकेला भागता है आदमी, जैसे नींद और ऊब में घिरी, गिरी, चांदनी के पीछे दौड़ता हो चांद, बेसुध, भाग-भाग-भाग! २२ जनवरी-२०१० को प्रकाशित अजदक में औरत के आदमी की जातक-कथा से हम वर्ष कुछ यादगार पोस्ट की चर्चा की शुरुआत कर रहे हैं !लिव-इन-रिलेशनशिप को शीघ्र ही कानून के दायरे में लाना ही होगा ऐसा कहा दिनेश राय द्विव्व्दी ने २९ मार्च को अनवरत में .....!
कुकुर, बिलार, मोर, सियार, तोता, मैना, हिरन, अनार; बरगद, भालू, सोना, जंगल, सेम की बाती, ख़ूंखार डकैत बराती; सबके बीच चौकन्ना अकेला भागता है आदमी, जैसे नींद और ऊब में घिरी, गिरी, चांदनी के पीछे दौड़ता हो चांद, बेसुध, भाग-भाग-भाग! २२ जनवरी-२०१० को प्रकाशित अजदक में औरत के आदमी की जातक-कथा से हम वर्ष कुछ यादगार पोस्ट की चर्चा की शुरुआत कर रहे हैं !लिव-इन-रिलेशनशिप को शीघ्र ही कानून के दायरे में लाना ही होगा ऐसा कहा दिनेश राय द्विव्व्दी ने २९ मार्च को अनवरत में .....! “हर चीज़ कुर्बान है इश्क की खातिर, पर, 
मादर-ए-वतन के लिए सौ इश्क भी कुर्बान है”
और देखता हूँ कि इससे उसकी जबान वैसे ही साफ़ होती है जैसे भगत सिंह अपनी बन्दूक की नली साफ़ करते थे.
...और ऐसा करते हुए मैं भगत सिंह से कहता हूँ कि “हम ‘आपके मुल्क’ से बेइन्तहां मुहब्बत करते हैं.” सोचालय पर सागर २६ मई को जन-गण मंगल दायक जय हे !  
 
 क्या गरीब अब अपनी बेटी की शादी कर पायेगा ....? २९ मई को यह सवाल पूछा है संजय भास्कर ने आदत.. मुस्कुराने की पर !
.....एक कहानी गुरुदेव ने सुनाई थी कि एक कवि के पास उनके मित्र आये और बोले कि क्या दिन भर बैठे कविता करते रहते हो, कुछ काम क्यूँ नहीं करते? कविवर ने पूछा कि काम करने से क्या होगा? मित्र ने कहा कि उससे पैसा आयेगा. कवि जी ने कहा फिर? मित्र बोले कि फिर और काम करोगे, तो और पैसा..धीरे धीरे कुछ सालों में पैसा ही पैसा हो जायेगा. कवि बोले, फिर? मित्र ने कहा, फिर क्या, फिर रिटायर होकर आराम से बैठना और कविता करना. कवि मुस्कराने लगे कि सो तो मैं अभी ही आराम से बैठा कविता कर रहा हूँ फिर इसके लिए इतनी मशक्कत क्यूँ?? ०७ जून को उड़न तश्तरी पर सिगरेट छुडाने की मशीन और फिजूल के शोध को लेकर एक कवि की चिंता देखने को मिली समीर लाल समीर की कलम से -बेवजह की शोध: फिजूल खर्ची!! 
कम टिप्पणियों का रोना रोने वाले, बात बेबात हो हल्ला मचाने वाले और हिन्दी ब्लॉगरी में गुणवत्ता की कमी की शिकायत करने वाले जरा इस साइट पर हो आएँ। 

अर्थकाम
चुपचाप अपने काम में पूरे मनोयोग से लगे रहना यहाँ से सीखा जा सकता है। ऐसा कहा ०५ जून को गिरिजेश राव ने एक आलसी का चिठ्ठा पर !
आईये अब आपको एक ऐसे ब्लॉग से परिचय करवाते हैं जो संभवत: हिंदी में अनूठा और अद्वितीय है ब्लॉग का नाम है मिसफिट:सीधीबात, ब्लोगर हैं गिरीश बिल्लोरे मुकुल ....हिंदी ब्लॉगजगत में होने वाली हर गतिविधियों पर इनकी तीखी नज़र रहती है और हर आम व ख़ास ब्लोगर के मन की बात पाठको के समक्ष दृढ़ता के साथ परोसना इनकी आदत है !ये अपने ब्लॉग के बारे में बड़े फक्र से कहते हैं कि "जी हां !मिसफ़िट हूं हर उस पुर्ज़े की नज़र में जो हर जो हर ज़गह फ़िट बैठता हो.आप जी आप और आप जो मिसफ़िट हो वो मेरी ज़मात में फ़िट है !!"ऐसे ब्लोगर को अतुलनीय और अद्वितीय न कहा जाए तो क्या कहा जाए ?ये हिंदी ब्लोगिंग में लाईव वेबकास्ट की प्रस्तुति करने वाले पहले ब्लोगर हैं !
और अंत में एक ऐसे ब्लॉग की चर्चा जहां पुराने भारतीय तस्वीरों को संकलित किया गया है,नाम है OLD INDIAN PHOTOS .....यह दुर्लभ ब्लॉग अंग्रेजी में है, किन्तु भारतीय सभ्यता-संस्कृति से जुडा होने के कारण भारतीयों को आकर्षित करता है ! उल्लेखनीय है कि इस ब्लॉग को तलाशने में श्री ललित शर्मा जी और श्री केवल राम जी का सहयोग रहा है, जो अभूतपूर्व है ! 
ध्यान दें :
 यहाँ मैं आपको एक स्पष्टीकरण दे दूं कि इस भाग में हास्य-व्यंग्य के साथ वर्ष के कुछ महत्वपूर्ण पोस्ट की चर्चा करते हुए हिंदी के एक विशिष्ट ब्लोगर से भी आपको मिलवाया, ऐसा इसलिए कि इस भाग के साथ विश्लेषण का कार्य पूरा हो रहा है, केवल एक भाग और प्रकाशित होना है जिसमें हम वर्ष के १०० महत्वपूर्ण ब्लोग्स,१०० परुष ब्लोगर्स,१०० नवोदित ब्लोगर्स और १०० महिला ब्लोगर्स के नाम की घोषणा करेंगे परिकल्पना ब्लॉग विश्लेषण के आधार पर ......!
यहाँ मैं आपको एक स्पष्टीकरण दे दूं कि इस भाग में हास्य-व्यंग्य के साथ वर्ष के कुछ महत्वपूर्ण पोस्ट की चर्चा करते हुए हिंदी के एक विशिष्ट ब्लोगर से भी आपको मिलवाया, ऐसा इसलिए कि इस भाग के साथ विश्लेषण का कार्य पूरा हो रहा है, केवल एक भाग और प्रकाशित होना है जिसमें हम वर्ष के १०० महत्वपूर्ण ब्लोग्स,१०० परुष ब्लोगर्स,१०० नवोदित ब्लोगर्स और १०० महिला ब्लोगर्स के नाम की घोषणा करेंगे परिकल्पना ब्लॉग विश्लेषण के आधार पर ......!.......जारी है विश्लेषण, मिलते हैं एक विराम के बाद
 








 
 
हास्य व्यंग और चक्कलस का मामला इन दिनों चौचक है -बढियां कवरेज किया है !
जवाब देंहटाएंबढ़िया विश्लेषण है रविन्द्र जी
जवाब देंहटाएंआभार
रवीन्द्र जी! आपके प्रत्येक विश्लेषण को मैंने बहुत ही रुचि लेकर पढ़ा और आपकी विश्लेषण क्षमता से अचम्भित हूँ! सचमुच बहुत परिश्रम करते हैं आप!
जवाब देंहटाएंअन्तिम भाग की प्रतीक्षा है।
हास्य व्यंग के बिना सब अधूरा लगता है.अच्छा विश्लेषण किया आपने.
जवाब देंहटाएंहिन्दी ब्लाग जगत पर पुस्तक रुप में प्रकाशित हो सकने योग्य सम्पूर्ण विश्लेषण ।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी श्रृंखला रही। बहुत-बहुत बधाई!
जवाब देंहटाएंबिना हास्य व्यंग के जिक्र से ज़िन्दगी और ब्लॉग चर्चा अधूरी है...वो लोग स्तुत्य हैं जो इन हालातों में हमें हंसाने का काम कर रहे हैं...
जवाब देंहटाएंनीरज
हास्य-व्यंग्य को सहेजता अच्छा विश्लेषण..तमाम नए लिंक मिले..आभार.
जवाब देंहटाएंविश्लेषण कर्म अग्नि परीक्षा से कम नहीं....आप कैसे इस परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाते हैं कभी-कभी सोचता हूँ तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं !
जवाब देंहटाएंदुनिया में सबसे कठिन कार्य है हंसाना, ऐसे ब्लोगर प्रशंसनीय हैं और इन्हें स्थान देकर आपने प्रशंसित कार्य किया है, aapakaa aabhaar !
जवाब देंहटाएंThis is Mile stone of hindi Bloging !
जवाब देंहटाएंसचमुच बहुत परिश्रम करते हैं आप!
जवाब देंहटाएंआपने अब तक जितने भी विश्लेषण किये हैं उनसे मेरे जैसे न जाने कितने ब्लॉगर्स को नवीन जान कारियाँ मिली हैं!
जवाब देंहटाएंविश्लेषण जैसे दुरूह कार्य को अंजाम तक पहुंचाना आसान नहीं था, जो आपने कर दिखाया.....वर्ष-२००७ से लगातार इस कार्य को निष्पक्षता के साथ जो आपने किया है वह केवल अनुभूति ही के जा सकती है, यह भाग भी औरों के तरह नायाब है !
जवाब देंहटाएंसुशिल बाकिलीबाल जी,
जवाब देंहटाएंआप सभी के आशीर्वचन और दुआओं के बल पर ही यह संभव हो पाया है, इस वर्ष के अंत तक आप मेरे समस्त विश्लेषणों ( वर्ष-२००७ से २०१० तक ) को पुस्तक के रूप में देखेंगे, इसपर कार्य शुरू हो चुका है !
बेहतरीन विश्लेषण है
जवाब देंहटाएंइस बहाने पाठकों को कितना ही कुछ नया जानने को मिलता है. आपकी तो जितनी भी प्रशंसा की जाए कम ही है ... पूरा ब्लॉग जगत आपका ऋणी है.
जैसा कि आपने बताया कि वर्ष 2007 से 2010 तक आपके द्वारा किया गया विश्लेषण एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित होने जा रहा है.
यह खबर कमाल की है.
बहुत बहुत शुभ कामनाएं
हास्य व्यंग्य के बिना ब्लॉग अधूरे ही हैं और गंभीरता और समस्याओं के बीच में मुस्कराहट देने वाले ये ब्लॉग संजीवनी बूटी कि तरह होते हैं. सम्पूर्ण विश्लेषण के पुस्तकाकार रूप का इन्तजार हैं.
जवाब देंहटाएंसम्पूर्ण विश्लेषण के लिए एक बार फिर से आपके परिश्रम और धैर्य को नमन.
आप ने इस विश्लेषण पर बहुत समय दिया है और बहुत श्रम किया है। लेकिन इस ने हिन्दी ब्लाग जगत के इतिहास के लेखन का आरंभ कर दिया है।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद श्री रवीन्द्रजी सा.,
जवाब देंहटाएंआपकी इस पुस्तक की भी मुझे ही नहीं अधिकांश ब्लागर साथियों को बेसब्री से प्रतिक्षा रहेगी । आभार...
आपसे प्रायः मेरा नाम मात्राओं के लिहाज से गलत टंकित होने में आता है । कृपया इस पर ध्यान दें ।
पुनः धन्यवाद सहित...
वाह ! अति उत्तम !!
जवाब देंहटाएंमुझे स्थान देने के लिए हार्दिक आभार !
आपने ऋणी कर दिया
-अलबेला खत्री
ब्लॉग इतिहास में आपकी यह परिकल्पना .....बस और कुछ भी नहीं..............................
जवाब देंहटाएंपुस्तक प्रकाशन पर अग्रिम बधाई ..स्वीकार करें
जवाब देंहटाएंबेहतरीन विश्लेषण है
जवाब देंहटाएंसम्पूर्ण विश्लेषण के लिए आपके परिश्रम और धैर्य को नमन
जवाब देंहटाएंadarniya ravinder hi mere blog ko folow karne ke iye ........bahut bahut abhar
जवाब देंहटाएंहिन्दी ब्लॉग के इतिहास लेखन का प्रभात हो चुका है प्रभात जी की लेखनी से ...अत्यंत श्रमसाध्य एवं सराहनीय कार्य किया है उन्होंने. आवश्यकता भी थी इसकी, निश्चित ही यह इतिहास शोधार्थियों के लिए बड़ा सहायक होगा भविष्य में. हम तो केवल नमन ही कर सकते हैं उनके इस जीवट को .
जवाब देंहटाएंसुशील बाकलीवाल जी,
जवाब देंहटाएंपता नहीं कैसे आपके नाम के उच्चारण दोष से मैं बरी नहीं हो पा रहा हूँ , चलिए एक बार और कोशिश करते हैं शायद अब ऐसा न हो !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन पोस्ट लेखन के लिए बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है - पधारें - ठन-ठन गोपाल - क्या हमारे सांसद इतने गरीब हैं - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा
इस बेहतरीन प्रस्तुति के लिये आभार ।
जवाब देंहटाएंप्रभात जी, बहुत ही गहन और विस्तृत विश्लेषण आपने किया ब्लॉगजगत का. इस श्रमसाध्य कार्य के लिये आप वाकई बधाई के पात्र है. आभार .
जवाब देंहटाएंसम्माननीय श्री रवीन्द्र प्रभातजी, नमस्कार...
जवाब देंहटाएं2010 की ब्लाग परिक्रमा के समापन पर एक और सुझाव यदि आप उपर्युक्त समझें तो...
जितने भी खंड आपने डिवाई़ड किये हैं यथा- विज्ञान, स्वास्थ्य, हास्य और जो जो भी. सबमें तीन-तीन सर्वश्रेष्ठ पोस्ट का उल्लेख किया जाकर अंत में इस वर्ष के Top Ten Post का उल्लेख इस प्रयास को संपूर्णता प्रदान कर इस समापन में चार चांद लगा सकता है । ऐसा मेरा विचार है आगे आप और भी बेहतर जैसा कुछ समझें । धन्यवाद सहित...
रविंदर जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
हास्य व्यंग के बिना सब अधूरा लगता है.अच्छा विश्लेषण किया आपने.
हमे प्रतिक्सः है ब्लॉग पुस्तक कि '
सादर
आपका एक कदम हमारे अस्तित्व के लिये संजीवनी सिद्ध होगा।
जवाब देंहटाएंएक निवेदन-
मैं वृक्ष हूँ। वही वृक्ष, जो मार्ग की शोभा बढ़ाता है, पथिकों को गर्मी से राहत देता है तथा सभी प्राणियों के लिये प्राणवायु का संचार करता है। वर्तमान में हमारे समक्ष अस्तित्व का संकट उपस्थित है। हमारी अनेक प्रजातियाँ लुप्त हो चुकी हैं तथा अनेक लुप्त होने के कगार पर हैं। दैनंदिन हमारी संख्या घटती जा रही है। हम मानवता के अभिन्न मित्र हैं। मात्र मानव ही नहीं अपितु समस्त पर्यावरण प्रत्यक्षतः अथवा परोक्षतः मुझसे सम्बद्ध है। चूंकि आप मानव हैं, इस धरा पर अवस्थित सबसे बुद्धिमान् प्राणी हैं, अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि हमारी रक्षा के लिये, हमारी प्रजातियों के संवर्द्धन, पुष्पन, पल्लवन एवं संरक्षण के लिये एक कदम बढ़ायें। वृक्षारोपण करें। प्रत्येक मांगलिक अवसर यथा जन्मदिन, विवाह, सन्तानप्राप्ति आदि पर एक वृक्ष अवश्य रोपें तथा उसकी देखभाल करें। एक-एक पग से मार्ग बनता है, एक-एक वृक्ष से वन, एक-एक बिन्दु से सागर, अतः आपका एक कदम हमारे संरक्षण के लिये अति महत्त्वपूर्ण है।
अच्छा लगा, आभार !
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