 मैंने काफी करीब से देखा है गांधी को ...आपने ?
मैंने काफी करीब से देखा है गांधी को ...आपने ?
आज शहीद दिवस है, सबसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नत मस्तक नमन करते हुए हम उस व्यक्ति का स्मरण करने जा रहे हैं जो न राजनेता था , न समा...
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 मैंने काफी करीब से देखा है गांधी को ...आपने ?
मैंने काफी करीब से देखा है गांधी को ...आपने ?
आज शहीद दिवस है, सबसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नत मस्तक नमन करते हुए हम उस व्यक्ति का स्मरण करने जा रहे हैं जो न राजनेता था , न समा...
 वसंतोत्सव में आज साढ़े आठ दशक पूर्व मनाई गयी होली का दृश्य
वसंतोत्सव में आज साढ़े आठ दशक पूर्व मनाई गयी होली का दृश्य
साहित्य समय की सीमाओं में कभी नहीं बंधता .वह तो शाश्वत होता है.१९२४ की इस साहित्यिक रचना को आज के परिवेश में केन्द्रित कर देखें . क्या 88 ...
 वसंतोत्सव में आज गीतों के राजकुमार
वसंतोत्सव में आज गीतों के राजकुमार
वसंतोत्सव के परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत आचार्य जी पर केन्द्रित पोस्ट पर अपनी टिपण्णी देते हुए श्री अरविन्द मिश्र ने कहा कि आदरणीय जानकी वल्...
 मैंने कभी महाप्राण निराला को नहीं देखा मगर एक व्यक्ति की आँखों में मैंने देखी  है निराला की छवि
मैंने कभी महाप्राण निराला को नहीं देखा मगर एक व्यक्ति की आँखों में मैंने देखी  है निराला की छवि
यह छाया चित्र १२ फरवरी १९९४ का है जब मैं पहली बार मिला आचा...
 वसंत के प्रति शिशिर की उक्ति
वसंत के प्रति शिशिर की उक्ति
बसंत को संस्कृत में बेहद सारगर्भित परंतु संक्षेप में परिभाषित किया गया है। यथा- " वसन्ति अग्नि कण: जीवदायका। यस्मिन काले पदार्थेषु ...
 परिकल्पना पर वसंतोत्सव ..बहेगी बसंत की मादकता के साथ-साथ फगुनाहट की बयार होली तक लगातार ....
परिकल्पना पर वसंतोत्सव ..बहेगी बसंत की मादकता के साथ-साथ फगुनाहट की बयार होली तक लगातार ....
सखि, वसंत आया . भरा हर्ष वन में मन, नवोत्कर्ष छाया . किसलय-वसना नव-वय-लतिका मिली मधुर प्रिय-उर तरु पतिका, मधुप-वृंद वंदी पिक़- स्वर न...
 वह शब्दों से ऐसे खेलता है,जैसे कोई भोला सा बच्चा अपनी माँ से खेलता हो ...
वह शब्दों से ऐसे खेलता है,जैसे कोई भोला सा बच्चा अपनी माँ से खेलता हो ...
कहा जाता है कि समुद्र में जितनी गहराई तक डूबेंगे मोती मिलने की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी .उसीप्रकार भाषा क...
 पुरस्कार श्रेष्ठता का पैमाना नहीं होता लेकिन श्रेष्ठता का सम्मान जरूर होता हैं।
पुरस्कार श्रेष्ठता का पैमाना नहीं होता लेकिन श्रेष्ठता का सम्मान जरूर होता हैं।
बचपन में हमें जहाँ भी खिलौने दिखाई देते थे , हम अनायास ही ठिठक जाते थे । हमारे लिए दुनिया का मंहगा उपहार व्यर्थ था इन खिलौनों के एवज में । ...
कल सुबह अचानक फोन की घंटी .....फोन उठाते ही दूसरी तरफ से आवाज़ आई - "पापा ! मैं रश्मि बोल रही हूँ !" "हाँ ! बोल बेटा कैसी है ...
 हिंदी चिट्ठाकारी में नवीन संभावनाओं का नवीन प्रकाश कौन ?
हिंदी चिट्ठाकारी में नवीन संभावनाओं का नवीन प्रकाश कौन ?
आज न वीन वर्ष का नवीन दिन , तो क्यों न एक ऐसे नवीन प्रकाश की बात की जाए जो वर्ष-२००९ के आखिरी चार महीनों में सर्वाधिक ४१३ पोस्ट लिखने का ...