
बिक गया अभिमान सस्ते में, मोगैम्बो खुश हुआ !
देश का सम्मान सस्ते में, मोगैम्बो खुश हुआ !!
थैलियों में खो गयी कॉमनवेल्थ की गड्डियां-
लुट गया सम्मान सस्ते में, मोगैंबो खुश हुआ
ऐसी लड़ी है आंख पश्चिम से कि देखो खो गयी-
मनमोहनी मुस्कान सस्ते में, मोगैम्बो खुश हुआ !!
एक-दूजे पे उछाले खूब कीचड, बेच दी नेताओं ने -
अपना हिन्दुस्तान सस्ते में, मोगैम्बो खुश हुआ !!
मिलाई लीद घोडें की धनिया में वो चर्बी तेल में -
बिक गया इंसान सस्ते में , मोगैम्बो खुश हुआ !!
भरोसे राम के ही चल रही संसद हमारे देश की -
नेता बना भगवान सस्ते में , मोगैम्बो खुश हुआ !!
बेचकर सरे-आम अबला की यहाँ अस्मत पुलिस -
कर रही उत्थान सस्ते में , मोगैम्बो खुश हुआ !!
काठ की हांडी चढ़ाके कालमाडी और गुर्गे -
कर गए अपमान सस्ते में, मोगैम्बो खुश हुआ !!
कर दिए खारिज हमारे देश के अस्तित्व को ही -
खो गयी पहचान सस्ते में, मोगैम्बो खुश हुआ !!
अब बचा क्या बिल्लोरानी जान हीं तो शेष है -
कह दो दे दूं जान सस्ते में, मोगैम्बो खुश हुआ!!
() रवीन्द्र प्रभात