A TRIBUTE TO MY GRAND SON 
LATE SHRI PARTH DAVE 
(ONLY 19 YEARS OLD)-BARODA.
MARKAND DAVE.
E-Mail: mdave42@gmail.com
SONG WRITTEN-COMPOSED & SANG BY MARKAND DAVE.
SONG WRITTEN-COMPOSED & SANG BY MARKAND DAVE.
तुम्हारी यादें । (गीत)
हँसाती   है,  हमें   रूलाती   है, कहते   हैं   सब  उसे   यादें..! 
(कोरस- तुम्हारी यादें..बस  यादें!)
आती   हैं, याद  आती   हैं, सपनों में  आ के  जो  सताती  है..! 
(कोरस- तुम्हारी बातें..!)
बस  यादें..तेरी  बातें..!(२)
अंतरा-१.
निर्मल  है, बड़ा  कोमल  है, सब के  दिलों  का  दिली याराना ।
गुल  है, गुलशन  भी   है, यारी की   लगन   सही  नज़राना ।
हँसाती   है,  हमें   रूलाती   है, कहते  हैं   सब  उसे  यादें..! 
(कोरस- तुम्हारी यादें..!)
बस  यादें..तेरी  बातें..!(२)
(दिली= घनिष्ठ; लगन=  दिलचस्पी )
अंतरा-२.
मस्ती  भी,  वहाँ   बसती   है,  ख़ुद  से  दबंग  जहाँ  दोस्ती ।
रूठती,  फिर  मनाती  है,  दिल  में  कहीं   ना   ख़ुदपरस्ती । 
हँसाती   है,  हमें   रूलाती   है, कहते  हैं   सब  उसे  यादें..! 
(कोरस- तुम्हारी यादें..!)
बस  यादें..तेरी  बातें..!(२)
(दबंग= प्रभावशाली; ख़ुदपरस्ती= स्वार्थीपन)
अंतरा-३.
पाना  है, कभी  न  खोना  है, दिल  का  वही  ठिकाना  है । 
जाना   है, पहचाना  है, यारों  का   यही तो   अफ़साना  है ।
हँसाती   है,  हमें   रूलाती   है, कहते  हैं   सब  उसे  यादें..! 
(कोरस- तुम्हारी यादें..!)
बस  यादें..तेरी  बातें..!(२)
आती   हैं, याद  आती   हैं, सपनों में  आ के  जो  सताती  है..! 
(कोरस- तुम्हारी बातें..!)
बस  यादें..तेरी  बातें..!(२)
(अफ़साना= किस्सा-कहानी)
मार्कण्ड दवे । दिनांकः०६-०९-२०१२.
 


 
 
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