समकालीन हिन्दी कविता के सशक्त युवा हस्ताक्षर और जनशब्द ब्लॉग के मोडरेटर मधेपुरा (बिहार) निवासी श्री अरविंद श्रीवास्तव को वर्ष-2017 का अविनाश वाचस्पति परिकल्पना सम्मान देने का निर्णय लिया गया है। उन्हें यह सम्मान आगामी 24 जून को मलेशिया के जोहोर बहरू शहर के सुरिया सिटी सभागार में आयोजित अष्टम अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में हिन्दी के मशहूर कथाकार श्री शिवमूर्ति के हाथों प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर अन्य गणमान्य लोगों के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के पूर्व नगर विकास मंत्री श्री नकुल दुबे भी उपस्थित रहेंगे। इस सम्मान के अंतर्गत उन्हें शॉल, स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र के साथ ग्यारह हजार रुपये की धनराशि परिकल्पना संस्था के द्वारा प्रदान की जाएगी।
समकालीन हिन्दी कविता के युवा हस्ताक्षर और प्रखर ब्लॉगर भाई अरविंद श्रीवास्तव एक ऐसे समर्पित साहित्यकार और ब्लॉगर हैं, जिन्होने जनसंवेदना को एक नया आयाम देकर शब्दों का ऐसा ताना बाना बुना कि देखते-देखते उनकी जन पक्षधरता का मुरीद हो गया हमारा पूरा समकालीन समाज। वे बिहार से हिन्दी के युवा कवि हैं, लेखक हैं। संपादन-रेखांकन और अभिनय -प्रसारण जैसे कई विधाओं में वे अक्सर देखे जाते हैं। जितना वे प्रिंट पत्रिकाओं में छपते हैं, उतनी ही उनकी सक्रियता अंतर्जाल पत्रिकाओं में भी है।
समय-समय पर वागर्थ, वसुधा, पाखी, हंस, शुक्रवार, जनसत्ता, परिकथा, दोआबा, उद्भावना, साक्ष्य (बिहार विधान परिषद), वर्तमान साहित्य, अक्षर पर्व, कृति ओर, प्रतिश्रुति, शेष, जनपथ, एक और अंतरीप, मीडिया विमर्श, साक्षात्कार, देशज, दस्तावेज, उत्तरार्द्ध, सहचर, कारखाना, अभिघा, शीतल वाणी, मुक्तिबोध, शोध दिशा, सारांश, सरोकार, प्रखर, कथाबिंव, योजनगंधा, औरत , आकल्प, शैली, अपना पैग़ाम, संभवा, कला-अभिप्राय, रास्ता, ये पल, मंडल विचार, क्षितिज, आदि पत्रिकाओं मेन उनकी रचनाएँ प्रकाशित हुई है।
उनकी कृतियों में प्रमुख है 'राजधानी में एक उज़बेक लड़की', 'एक और दुनिया के बारे में' एवं अफ़सोस के लिए कुछ शब्द आदि। कविता कभी मरेगी नहीं, 'कैद हैं स्वर सारे' के संपादन और संयोजन का भी उन्हें अनुभव है। कारखाना (जर्मन साहित्य पर केन्द्रित अंक-27) का उन्होने संयोजन किया है । इसके अलावा उन्होने ’सिलसिला´ पत्रिका एवं `सुरभि´का संपादन भी किया है। हिन्दी,उर्दू एवं मैथिली पुस्तक एवं पत्रिकाओं में रेखाकंन- आवरण के साथ साथ उन्होने क्षे़त्रीय फिल्मों में अभिनय भी किया है।
स्थानीय स्तर पर सम्मान सहित सह्स्राब्दी विश्व हिन्दी सम्मेलन, नई दिल्ली में वे सम्मानित हो चुके हैं। इसके अलावा उन्हें हिन्दी साहित्य में उल्लेखनीय कार्य के लिए ’हिन्दी ब्लोग प्रतिभा सम्मान-२०११’ ’कवि मथुरा प्रसाद गुंजन स्मृति सम्मान 2012’से सम्मानित किया जा चुका है। साथ ही अनेक प्रसारण केन्द्रों - रेडियो बर्लिन इन्टरनेशनल, रे. ताशकंद, रे.बुडापेस्ट आदि द्वारा भी वे पुरस्कृत हो चुके हैं। भाई अरविंद को इस सम्मान हेतु चयन के लिए परिकल्पना परिवार की ओर से कोटिश: बधाइयाँ और अनंत आत्मिक शुभकामनाएं।
अरविंद श्रीवास्तव जी को हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंअरविंद श्रीवास्तव जी को बहुत बहुत शुभकामनाएं।
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