उसी बापू को मेरा फ़िर नमन आज श्रद्धा का यारों । उसी बापू को मेरा फ़िर नमन आज श्रद्धा का यारों ।

(शहीद दिवस पर विशेष ) जहाँ पे खुशनुमा गुल से सजा हो गुलिस्तां यारों समझ लेना वही है गांधी का हिन्दुस्तां यारों । हमेशा अम्न के ही वास्ते...

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12:59 pm

भारतीय गणतंत्र का ६० वें वर्ष में प्रवेश , मुबारक हो मेरे देश ! भारतीय गणतंत्र का ६० वें वर्ष में प्रवेश , मुबारक हो मेरे देश !

सर पे हिमालय का मुकुट चरणों में सागर है , ज़रा नजदीक से देखो हंसी भारत का मंजर है । सभी को प्यार से पानी पिलाने की मेरी तहजीब- मेरे पुरखों का...

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12:42 pm

वर्ष-2008 : हिन्दी चिट्ठा हलचल (भाग-11) वर्ष-2008 : हिन्दी चिट्ठा हलचल (भाग-11)

"रोज गिर जाती है दीवार तेरे वादों की रोज हम मौत के साए में रहा करते हैं!" बस यही है सच्चाई हमारे समाज की, लेकिन इस समाज में कुछ ऐ...

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2:39 pm

वर्ष-2008 : हिन्दी चिट्ठा हलचल (भाग-10) वर्ष-2008 : हिन्दी चिट्ठा हलचल (भाग-10)

हिन्दी चिट्ठा हलचल - २००८ अब समापन की ओर तेजी से अग्रसर है, किंतु जो महत्वपूर्ण विषय अभी तक छूटे हुए हैं उसके बिना इस महायज्ञ की पूर्णाहुति...

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4:07 pm

वर्ष-2008 : हिन्दी चिट्ठा हलचल (भाग- 9) वर्ष-2008 : हिन्दी चिट्ठा हलचल (भाग- 9)

अब हम जिस ब्लॉग की चर्चा करने जा रहे हैं उसका नाम है “ प्राइमरी का मास्टर “ जी हाँ मास्टर साहब हैं उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के प्रवीण त्रिवे...

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11:32 am

वर्ष-2008 : हिन्दी चिट्ठा हलचल (भाग- 8) वर्ष-2008 : हिन्दी चिट्ठा हलचल (भाग- 8)

आज मैं जिन चिट्ठों की चर्चा करने जा रहा हूँ, वह चिट्ठा है तो विषय आधारित हीं, मगर मुझे उन चि...

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6:04 pm

वर्ष-2008 : हिन्दी चिट्ठा हलचल (भाग- 7) वर्ष-2008 : हिन्दी चिट्ठा हलचल (भाग- 7)

किसी ने खूब ही कहा है- "हँसना रवि की प्रथम किरण सा, कानन मेंनवजात शिशु सा ।" हमारा ...

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1:41 pm

वर्ष-2008 : हिन्दी चिट्ठा हलचल (भाग- 6 ) वर्ष-2008 : हिन्दी चिट्ठा हलचल (भाग- 6 )

हिन्दी का एक और वेहद महत्वपूर्ण ब्लॉग है “ रचनाकार “ । यह वरिष्ठ चिट्ठाकार और सृजन शिल्पी श्री रवि रतलामी जी का ब्लॉग है , यह केवल ब्लॉग नही...

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4:34 pm

वर्ष-2008 : हिन्दी चिट्ठा हलचल (भाग- 5 ) वर्ष-2008 : हिन्दी चिट्ठा हलचल (भाग- 5 )

"आज लहू का कतरा कतरा स्याई बना है,और ये जख्मी दिल ही खत की लिखाई बना है. " ये पंक्तियाँ हैं सीमा गुप्ता की , जिनका ब्लॉग है "...

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1:24 pm

वर्ष-2008 : हिन्दी चिट्ठा हलचल (भाग- 4 ) वर्ष-2008 : हिन्दी चिट्ठा हलचल (भाग- 4 )

“यूँ न रह-रह के हमें तरसायिये, आईये, आ जाईये , आजायिये ,फ़िर वही दानिश्ता ठोकर खाईये, फ़िर मेरे आगोश में गिर जाईये,मेरी दुनिया मुन्तजिर है आप...

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6:44 pm

वर्ष-2008 : हिन्दी चिट्ठा हलचल ( भाग- 3 ) वर्ष-2008 : हिन्दी चिट्ठा हलचल ( भाग- 3 )

सबसे पहले परिकल्पना के समस्त सुधि पाठकों , शुभ चिंतकों को - नव वर्ष-२००९ की मंगलकामनाएं ! ----------------------------------------------...

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6:37 pm
 
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