अचंभित हो गीत नया गाता हूँ जब अपनी यात्रा से कुछ विशेष लिए आता हूँ .... अचंभित हो गीत नया गाता हूँ जब अपनी यात्रा से कुछ विशेष लिए आता हूँ ....

उत्सव के लिए द्वार द्वार घूमते घूमते मैंने देखा - ' आत्मा अमर है ' मैं विस्मित मिलता रहा , नए शरीर में पुरानी आत्मा से . कभी दिनक...

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1:03 pm

सीधी माँग ... सीधी माँग ...

सीधी माँग . ... और उसमें भरा सिंदूर ! क्या क्या जतन होते थे , शादी से पहले शादी के दिन .... जतन से सीधी माँग और दुल्हन का सुकून , सीधा दूल...

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10:31 am

सच के रूप अलग अलग होते हैं सच के रूप अलग अलग होते हैं

सच के रूप अलग अलग होते हैं , रख दो खुलकर तो कई एहसास थरथरा उठते हैं .... माँ, तुलसी के गले का रोआं सिहरता है क्या...! मां जब तुम थोड़ा डर...

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1:39 pm
 
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