![आदाब से अदब तक, यही है लखनऊ मेरी जान !](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi7PMTLNRzC2xlXXgUsOkUOqEpYx8d2hXMhpjQ7WpCwtBxKiMpdbRELXkCNeIHE-DVd9NbObAdC49XTU-VAtfliugEIcPmFsVUZBm-YGLSpaTj_w_nrXXPESrXmkaeogQpanRgdSeVEI6w/s72-c/lucknow+foto.jpg)
लोग कहते हैं कि जहाँ अदब करवट ले वही अवध है , यानी वही लखनऊ है ....सूरज में एक अलग प्रकार की लाली महसूस करता हुआ शहर.....फिजाओं में तहजीब क...
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लोग कहते हैं कि जहाँ अदब करवट ले वही अवध है , यानी वही लखनऊ है ....सूरज में एक अलग प्रकार की लाली महसूस करता हुआ शहर.....फिजाओं में तहजीब क...
विगत दिनों मुझे लगभग एक साल बाद अपने गाँव जाने का सुयोग प्राप्त हुआ , मेरे घर से थोडी ही दूरी पर है डोमवा घरारी । उस गाँव में डोम जाति के लो...
चार हिन्दी की गज़लें - (एक ) शब्द-शब्द अनमोल परिंदे ! सुन्दर बोली बोल परिंदे !! जीवन -जीवन भूलभुलैया - दुनिया गोलम- गोल परिंदे !! छोटा म...
हमारे एक मित्र हैं रामाकांत पांडे , दिल्ली में रहते हैं , पेशे से पुरोहित हैं . धोती -कुर्ता और ललाट पर त्रिपुंड चंदन . बातें करेंगे तो विल...
पिछले दिनों मियाँ मुसर्रफ के द्वारा पाकिस्तान में आपात स्थिति लगाने की खूब चर्चा रही . लोगों ने मियाँ मुसर्रफ के किसी भी हद तक जाने की बात क...
पिछले इतवार की शाम , मेरी जुवां सेयकायक निकला - हे राम ! दुनिया के ग़मों से गुरेज होकर , मेरा मन पूर्णत: निश्तेज़ होकर, मेरे अस्तित्व को शू...