नव वर्ष की मंगलकामनायें नव वर्ष की मंगलकामनायें

स्मृति वर्ष-2007 में तय किये आपने नई उपलब्धियों के नए मुकाम , देकर प्रगतिशीलता को नूतन आयाम । वर्ष -2008 के आगमन पर , मेरी शुभकामना है कि...

और जानिएं »
7:06 pm

हिन्दी चिट्ठाकार विश्लेषण -2007 (भाग-3) हिन्दी चिट्ठाकार विश्लेषण -2007 (भाग-3)

बडे ढोल म पोल बड़ी , यही मुकद्दस बात ! जिसका दिल जितना बड़ा , वही "चकल्लस " गात !! नीरव की यह "वाटिका " देती है सन्देश !...

और जानिएं »
3:56 pm

हिन्दी चिट्ठाकार विश्लेषण -2007 ( भाग -2 ) हिन्दी चिट्ठाकार विश्लेषण -2007 ( भाग -2 )

गूँज रहा है " रेडियो " " ई-मिरची " के संग ! "बाल किशन" का ब्लोग भी , खूब दिखाया रंग !! "शब्द लेख" ...

और जानिएं »
8:25 pm

हिन्दी चिट्ठाकार विश्लेषण -2007 हिन्दी चिट्ठाकार विश्लेषण -2007

विश्लेषण- 2007 कुछ खट्टा - कुछ मीठा है , ब्लॉगजगत का हाल ! आओ तुम्हें सुनाएँ , कैसे बीता साल !! कहीं राड़- तकरार था , कहीं प्यार - इजहार ! ...

और जानिएं »
8:03 pm

सर्दी के बहाने कुछ मतलब की बातें ग़ज़ल के माध्यम से सर्दी के बहाने कुछ मतलब की बातें ग़ज़ल के माध्यम से

ओस के कतरे बदन को धो गए आशा , आंच दे कुछ सर्द मौसम हो गए आशा ! देखना धीरे से आना पास मेरे तुम , रेत के थे फर्श फिशलन हो गए आशा ! हो गयी इत...

और जानिएं »
7:23 pm

जिसमें साहस विवेक और आत्मबल व्याप्त होता है , उसीको बेटिकट सफर का सौभाग्य प्राप्त होता है ! जिसमें साहस विवेक और आत्मबल व्याप्त होता है , उसीको बेटिकट सफर का सौभाग्य प्राप्त होता है !

आज की युवा पीढी जिसे एम जनरेसन की संज्ञा दी जाती है ,जो नि:संदेह हमारे देश को प्रगति की राह पर ले जाने में पूरी तरह सक्षम है .मगर कुछ पुराने...

और जानिएं »
8:26 pm

!! मोगैम्बो खुश हुआ  !! !! मोगैम्बो खुश हुआ !!

बिक गया स्वाभिमान सस्ते में, मोगैम्बो खुश हुआ ! देश और सम्मान सस्ते में, मोगैम्बो खुश हुआ !! ऐसी लड़ी है आंख पश्चिम से कि देखो खो गयी- मनमोह...

और जानिएं »
7:34 pm

मज़हवी उन्माद और हम ......! मज़हवी उन्माद और हम ......!

आये दिन कहीं -न - कहीं ऐसा सुनने को मिल ही जाता है , कि फलां जगह आतंकवादियों ने ब्लास्ट करके जान माल की हानि करदी । भाई मेरे , यदि मज़हब को ढ...

और जानिएं »
7:35 pm

करे जारी सभी फतबा उसी पर क्यों , कि जिसके हाँथ में खंज़र नहीं दिखता ? करे जारी सभी फतबा उसी पर क्यों , कि जिसके हाँथ में खंज़र नहीं दिखता ?

एक गजल तसलीमा के बहाने प्रसंगवश - कहीं आँगन , कहीं छप्पर नहीं दिखता । कोई सदभाव सा मंज़र नहीं दिखता ।। यहाँ हैवानियत का है घना कोहरा - कि ज...

और जानिएं »
9:07 pm
 
Top