जोहोर बहरू (मलेशिया ): वैश्विक स्तर पर ब्लॉगरों को एकजुट कर साहित्यिक, सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों को प्राणवायु देने के उद्देश्य से संस्थापित संस्था परिकल्पना के तत्वावधान में विगत 21 जून 2017 और 25 जून 2017 के बीच सिंगापुर और मलेशिया के जोहोर बहरू तथा कुवलालम्पुर में आठवाँ अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स सम्मेलन उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व नगर विकास मंत्री श्री नकुल दुबे, उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस अधिकारी श्रीमती सत्या सिंह "हुमैन", हिन्दी विकिपीडिया की प्रबन्धक श्रीमती माला चौबे तथा उत्तराखंड के वरिष्ठ साहित्यकार श्री नीरज कुमार "नैथानी" की गरिमामयी उपस्थिती में सम्पन्न हुआ।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjyhElqecHFDKxHl4IPWEFY7tRp3K5n8SVhAu2FmIQH8VAYcJoE_gWFUGzpJ4rpr299zh03_YP3h0TqPcXNs_hT5Uuxh9BrSCX80_huJjmq5kWUdUoZpNPZhRAYPNWq7tbc54aq0-84db8/s320/hanuman.JPG)
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व नगर विकास मंत्री श्री नकुल दुबे ने कहा कि आज जहां पूरा विश्व विकास और प्रगति की अंधी दौड़ में इस कदर भाग रही है कि मनुष्य का आंतरिक और भावनात्मक पहलू गौण होता जा रहा है। ऐसे में लखनऊ के एक ब्लॉगर रवीन्द्र प्रभात के द्वारा अपनों को अपनों के साथ मिलन कराने तथा भारतीय महाद्वीप की साहित्यिक-सांस्कृतिक विरासत को पूरी दुनिया में फैलाने की दिशा में कार्य करना गर्व महसूस कराता है। परिकल्पना को मेरी शुभकामनायें और भारतीय ब्लॉगरों को बहुत-बहुत बधाइयाँ।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEilTicVwNu-PGKwdOMHhaZzCKevW1ZmRg8qyEUmshdmNNOPUHe5mmz5-zPU-tD9KvKFZ5hT_4WM-OaMPMtfmnIFbflpVZX16Ib3muCHp9KEH7Dp9zw-4IIZVjC8OgWyK983LEwJ-6gL-8k/s200/prabhat.JPG)
उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस अधिकारी श्रीमती सत्या सिंह "हुमैन" ने कहा कि मैं अभिभूत हूँ कि हमारे भारतवासी पूरी दुनिया में घूम घूमकर ब्लोगिंग के माध्यम से हिन्दी और भारतीय भाषाओं को प्रमोट कर रहे हैं। यह परंपरा बनाए रखने की जरूरत है।
इस अवसर पर परिकल्पना समय पत्रिका के मुख्य संपादक श्री रवीन्द्र प्रभात ने कहा कि "ब्लॉगिंग वुद्धिजीवियों का एक प्रमुख आहार है, क्योंकि ब्लॉगिंग ने हमारे हाथ में ऐसा हथियार दिया है जिससे हम दुनिया के किसी भी कोने में पलक झपकते पहुँच सकते हैं।”
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhSbMaT8p6StODitxf6sJBpjZYlZrcHQfySlT86jGGoNAMVHPYpY_mBAaN0JKh80PWhAc4ecDhRw20P7YtijuwIufPe74cUG4DwwBXXwMNvWTqeJcL1RQhfXM6UGU23bYKYwqVFsPD5Im0/s320/lokarpan.JPG)
इसके अतिरिक्त, श्री हरीशंकर श्रीवास्तव शलभ द्वारा रचित पुस्तक 'सिंहेश्वर स्थानक सम्पूर्ण इतिहास' तथा श्रीमती कुसुम वर्मा की सद्य; प्रसारित ऑडियो सीडी "जय श्री हनुमान" का लोकार्पण भी माननीय श्री नकुल दुबे द्वारा सम्पन हुआ। इस अवसर पर श्री जय कृष्ण माटी एवं श्रीमती कुसुम वर्मा की मिश्रित कला प्रदर्शिनी भी आयोजित की गई, जिसमें ग्रामीण कला और भारतीय परंपरा का बड़ा ही मनोरम चित्र प्रस्तुत किया गया। उसके पश्चात् भारत से आये प्रसिद्ध कवियोंं ने अपनी कविताओं के माध्यम से सभा को मंत्र मुग्ध किया।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjN46B2wRczo_W-bMFpmvKHRskCgJY8mki68saz99wIOZJTG6m-DETvKi1JQ56Uo2LyMe0-il73TD4HqvfJcLdlQzT9VoTDLzQOrxE4UrUhVxh-_ZCelwSkHnNWalKqnKogfboSKEcoVw4/s320/kalakritui2.JPG)
इस अवसर पर बिहार के प्रगतिशील कवि श्री अरविंद श्रीवास्तव को अविनाश वाचस्पति स्मृति परिकल्पना सम्मान से अलंकृत और विभूषित किया गया। इस विशेष सम्मान के अंतर्गत उन्हें स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र और 11 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की गयी। इस अवसर पर अवधि की प्रसिद्ध लोकगायिका कुसुम वर्मा द्वारा लोकगायन और नृत्य भी प्रस्तुत किया गया।
23 जून 2017 को मलेशिया के जोहोर बहरू में योजित आठवें अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में उत्तराखंड के वरिष्ठ साहित्यकार श्री नीरज कुमार नैथानी, श्री जय कृष्ण पैन्यूली, श्री धीरेन्द्र सिंह रांगढ, रेवान्त पत्रिका की संपादक डॉ अनीता श्रीवास्तव, लोक गायिका कुसुम वर्मा, पुरातत्वविद डॉ रमाकांत कुशवाहा ‘कुशाग्र‘, शिक्षाविद डॉ विजय प्रताप श्रीवास्तव, श्री उमेश पटेल श्रीश, सचिंद्रनाथ मिश्र और अंकिता सिंह आदि भी सम्मानित किए गए।
इस अवसर पर भारतीय सभ्यता-संस्कृति को आयामित करती लोक कला प्रदर्शनी, नृत्य, गीत के साथ-साथ परिकल्पना की स्मारिका का भी लोकार्पण भी संपन्न हुआ।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhZGeqmTlHQpCO_6G6_BE8GLuhCbF5UaZgiFtkg3XzHMHcVzehtn2XkW5m5gyGpXuotn0TVHEo2fl7uH_gzE-XgB5SBIWX_VkhohdLC8FBW-z0gWiAHUuC-rKY9SD0_L2EBUXuXI6P65r0/s320/ibc3.JPG)
परिचर्चा सत्र के दौरान अपने उद्वोधन के क्रम में ब्लॉग के माध्यम से वैश्विक स्तर पर शांति-सद्भावना की तलाश विषय पर बोलते हुये श्री उमेश पटेल श्रीश ने कहा कि यही एक माध्यम है जो पूरी तरह वैश्विक है। आपके विचार चंद मिनटो में पूरी तरह वैश्विक हो जाती है और उस पर प्रतिक्रियाएँ भी आनी शुरू हो जाती है। यदि ब्लॉगर चाहे तो अपने सुदृढ़ विचारों के बल पर पूरी दुनिया में शांति-सद्भावना को स्थापित कर सकता है। आज जरूरत इसी बात की है। इस परिचर्चा में लगभग आधा दर्जन ब्लॉगरों ने हिस्सा लिया।
इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का भी आयोजन हुआ, कार्यक्रम का संचालन लखनऊ की श्रीमती कुसुम वर्मा और गोरखपुर के श्री उमेश पटेल श्रीश ने किया।
(जोहोर बहरू से सांस्कृतिक संबाददाता की रपट)