कहते हैं , नदी की मानिंद होती हैं बेटियाँ, जिसके चुलबुले कदमों के प्रवाह मे समाहित होती है पिता की छोटी-छोटी खुशियाँ। पर जब अचानक चुलबुले कदमों का प्रवाह सधे हुये कदमों में बदल जाये और मिलने वाली इस खुशी को सँजोने में पिता का दामन ही छोटा पड़ जाये, तो क्या कहेंगे आप ?
चुलबुले कदमों के प्रवाह को सधे हुये कदमों में बदलने की तैयारी का पहला पड़ाव
यानि विगत 13 जुलाई को मेरी सुपुत्री ऊर्विजा की अभिनेता आलोक भारद्वाज के साथ सगाई (रिंग सिरोमनी) सम्पन्न हुयी ।
पूरे परिवार को इस मंगल अवसर पर मेरी ओर से हार्दिक बधाइयाँ और मंगलकमनायें !
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंमेरी ओर से बेटी ऊर्विजा और आलोक भारद्वाज जी को हार्दिक बधाइयाँ और मंगलकमनायें !
जवाब देंहटाएंRECENT POST : अभी भी आशा है,
बच्चों की नई जिंदगी के लिए शुभआशीष और शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाइयाँ
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई और शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई..
जवाब देंहटाएंवाह बहुत बहुत हरदिल बधाई दोनों बच्चे खुश रहे :)
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई और शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंसभी परिवार जनों को हार्दिक बधाई.
जवाब देंहटाएंआपको और परिवार को बहुत बहुत बधाई ...
जवाब देंहटाएंबधाईयाँ व शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंMy blessings!
जवाब देंहटाएंमुबारकबाद एवं बिटिया को शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंshubhkamnayen....
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाइयां !
जवाब देंहटाएंआपको आपके परिवार को - विशेषकर उरविजा बेटी और चिरंजीवी आलोक भारद्वाज को ढेर सारी बधाई
जवाब देंहटाएंसच कहा आपने नदी की मानिंद होती हैं बेटियाँ, जिसके चुलबुले कदमों के प्रवाह मे समाहित होती है पिता की छोटी-छोटी खुशियाँ।
जवाब देंहटाएं..बेटियां पिता का गौरव हैं ..
इस ख़ुशी पर मेरी और से आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें!