कहते हैं , नदी की मानिंद होती हैं बेटियाँ, जिसके चुलबुले कदमों के प्रवाह मे समाहित होती है पिता की छोटी-छोटी खुशियाँ। पर जब अचानक चुलबुले कदमों का प्रवाह सधे हुये कदमों में बदल जाये और मिलने वाली इस खुशी को सँजोने में पिता का दामन ही छोटा पड़ जाये, तो क्या कहेंगे आप ? 

चुलबुले कदमों के प्रवाह को सधे हुये कदमों में बदलने की तैयारी का पहला पड़ाव 
यानि विगत 13 जुलाई को मेरी सुपुत्री ऊर्विजा की अभिनेता आलोक भारद्वाज के साथ सगाई (रिंग सिरोमनी)  सम्पन्न हुयी ।


18 comments:

  1. पूरे परिवार को इस मंगल अवसर पर मेरी ओर से हार्दिक बधाइयाँ और मंगलकमनायें !

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  2. मेरी ओर से बेटी ऊर्विजा और आलोक भारद्वाज जी को हार्दिक बधाइयाँ और मंगलकमनायें !
    RECENT POST : अभी भी आशा है,

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  3. बच्चों की नई जिंदगी के लिए शुभआशीष और शुभकामनाएँ

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  4. वाह बहुत बहुत हरदिल बधाई दोनों बच्चे खुश रहे :)

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  5. हार्दिक बधाई और शुभकामनायें

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  6. सभी परिवार जनों को हार्दिक बधाई.

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  7. आपको और परिवार को बहुत बहुत बधाई ...

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  8. मुबारकबाद एवं बिटिया को शुभकामनाएं!

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  9. आपको आपके परिवार को - विशेषकर उरविजा बेटी और चिरंजीवी आलोक भारद्वाज को ढेर सारी बधाई

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  10. सच कहा आपने नदी की मानिंद होती हैं बेटियाँ, जिसके चुलबुले कदमों के प्रवाह मे समाहित होती है पिता की छोटी-छोटी खुशियाँ।
    ..बेटियां पिता का गौरव हैं ..
    इस ख़ुशी पर मेरी और से आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें!

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