सर पे हिमालय का मुकुट चरणों में सागर है ,
ज़रा नजदीक से देखो हंसी भारत का मंजर है ।
सभी को प्यार से पानी पिलाने की मेरी तहजीब-
मेरे पुरखों का तोहफा है विरासत है धरोहर है ।
इबादत की अलग है रीत मेरे मुल्क में फ़िर भी-
सभी हिन्दू -मुसलमां-सिक्ख भाई हैं सहोदर हैं ।
सरे कश्मीर से कन्याकुमारी तक कहीं जाओ-
जितना खुशनुमा बाहर से है उतना ही अन्दर है ।
किसी शायर ने हिन्दुस्तान को जन्नत नवाजा है-
कहा है जर्रे-जर्रे में यहाँ बसते पैगंबर हैं ।
चलो अच्छा हुआ "प्रभात" इस जरखेज माटी में-
किया तूने बसेरा खुशनुमा तेरा मुकद्दर है ।
आज हमारा भारतीय गणतंत्र ६० वें वर्ष में कर गया है प्रवेश !
आईये हम सब मिलकर फ़िर एक बार कहते हैं- " मुबारक हो मेरे देश !"
गणतंत्र दिवस की शुभकामना और बधाई .
जवाब देंहटाएंआपकी अभिव्यक्ति अत्यन्त सुंदर है ,गणतंत्र दिवस की कोटिश: बधाई .
जवाब देंहटाएंआपकी ग़ज़ल का हर शेर हमारे भारतीय स्वाभिमान को आयामित कर रहा है , सचमुच हमारा भारत और हर भारतीय ऐसा ही है , आपको भी भारतीय गणतंत्र की ६० वीं सालगिरह पर बधाईयाँ और शुभकामनाएं .../
जवाब देंहटाएं"सभी को प्यार से पानी पिलाने की मेरी तहजीब-
जवाब देंहटाएंमेरे पुरखों का तोहफा है विरासत है धरोहर है । इबादत की अलग है रीत मेरे मुल्क में फ़िर भी-
सभी हिन्दू -मुसलमां-सिक्ख भाई हैं सहोदर हैं ।"
आज हमारा भारतीय गणतंत्र ६० वें वर्ष में कर गया है प्रवेश !
आईये हम सब मिलकर फ़िर एक बार कहते हैं- " मुबारक हो मेरे देश !"
अच्छी अभिव्यक्ति !
बहुत उम्दा.
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार को गणतंत्र दिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
किसी शायर ने हिन्दुस्तान को जन्नत नवाजा है-
जवाब देंहटाएंकहा है जर्रे-जर्रे में यहाँ बसते पैगंबर हैं ।
उम्दा!!!!!सुंदर और देशप्रेम से भरी ग़ज़ल की प्रस्तुति हेतु आप को प्रणाम.
गणतंत्र दिवस की बधाई
बहुत सुंदर..... आप भी बधाई स्वीकारें..
जवाब देंहटाएंउत्तम अति उत्तम .....
जवाब देंहटाएंअनिल कान्त
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
मंगलमय हो गणतन्त्र दिवस।
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !
जवाब देंहटाएंmubarak ho mere desh.
जवाब देंहटाएंaur aapko bhi ganntantra divas ki shubhkamnaaye.
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जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया साहब की आप ब्लॉग पर पधारे!
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की शुभकामना और बधाई
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