
यह मेरा पाँचवाँ उपन्यास है, जो कश्मीर के सामाजिक तानेबाने को समय के साथ ध्वस्त होने की कहानी बयान करता है। साथ ही कश्मीर के शर्मनाक और दहशतनाक ऐतिहासिक पहलूओं की गहन पड़ताल भी करता है। किस्सागोई शैली में लिखा गया यह उपन्यास आम पाठक के लिए काफी रोचक और पठनीय है। कश्मीर जैसे ज्वलंत विषय पर बिना किसी प…