हिंदी किताबों को ऑनलाइन ख़रीदने का रुझान तेज़ी से बढ़ रहा है। इसी का परिणाम है कि दिव्य प्रकाश दुबे का पहला कहानी-संग्रह ‘टर्म्स एंड कंडीशन्स अप्लाई’ केवल ऑनलाइन माध्यमों से बिककर 1 साल से भी कम समय के अंतराल में बेस्ट सेलर हुआ है। हाल ही में दिव्य प्रकाश की दूसरी किताब‘मसाला चाय’ की ऑनलाइन प्रीबुकिंग शुरू हुई है। इस किताब की प्रीबुकिंग फ्लिपकार्ट से भी की जा रही है। गौरतलब है कि फ्लिपकार्ट हिंदी साहित्यिककिताबों की प्रीबुकिंग में रुचि नहीं लेता। लेकिन दिव्य प्रकाश की पहली किताब की लोकप्रियता ने फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों का भी हिंदी किताबों की ओर ध्यान खींचा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल किताबों का 15% ऑनलाइन बाज़ार हिंदी किताबों का है। ‘मसाला चाय’ मात्र 2 हफ़्तों में ही सोशलमीडिया पर ख़ूब पॉपुलर हुई है। लोग ख़ूब प्रीबुक कर रहे हैं, इसी का नतीजा है कि यह किताब फ्लिपकार्ट पर लोकप्रियता श्रेणी में काफ़ी ऊपर पहुँच गई है। कई अंग्रेज़ी किताबों को पीछे छोड़ चुकी है। केवल फ्लिपकार्ट से ही अब तक इसकी 300 से अधिक प्रतियाँ प्रीबुक हो चुकी हैं। इंफीबीम, होमशॉप18, स्नैपडील आदि वेबसाइटों से भी प्रीबुक हुई प्रतियों को जोड़ लें तो प्रीबुक हुई कुल प्रतियों की संख्या 500 के आसपास पहुँच जाती है। यह हिंदी किताबों के लिए बिलकुल नया अनुभव है।

मसाला चायदिव्य प्रकाश दुबे की 11 कहानियों का संग्रह है। दिव्य आजकल की बोलचाल की हिंदी में कहानियाँ लिखते हैं और अंग्रेज़ी शब्दों-वाक्यों का जस-का-तस इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। युवा पाठकों में दिव्य प्रकाश की लेखनशैली ख़ासा लोकप्रिय हो रही है। उल्लेखनीय है कि दिव्य प्रकाश केपहले कहानी-संग्रह ने हिंदी को ऐसे तमाम पाठक दिए हैं, जिन्होंने इससे पहले कभी हिंदी साहित्य में रुचि नहीं ली। दिव्य प्रकाश भारी भरकम लेखन के बजाय पाठकों तक आसानी से पहुँचने वाले साहित्य-लेखन में यक़ीन रखते हैं। युवा आलोचकों का मानना है कि दिव्य प्रकाश हिंदी फिक्शन लेखन मेंमौज़ूद बहुत बड़ी ख़ाली जगह को भर रहे हैं।

6 comments:

  1. आपको यह बताते हुए हर्ष हो रहा है के आपकी यह विशेष रचना को आदर प्रदान करने हेतु हमने इसे आज के ब्लॉग बुलेटिन - आराधना पर स्थान दिया है | बहुत बहुत बधाई |

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  2. मैं तो चाय समझ कर पीने के लिये आ बैठा :)

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  3. यह अच्‍छी खबर है....प्रकाश दूबे जी को बधाई

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  4. in shriman ki pahli book T&C super bakwas thi aur wo toh snapdeal wale hindyugm ki books ka set de rahe the (3 books) so ye book bhi chipka di us set mein varna T&C ko paise kharch karke alag se mangwaaye jaise iske haal nahin.

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  5. ummeed hai Divya prakash ki MASALA CHAAY hindi jagat me vyapt APARHTA ki ko door karane me apna sarthak yogdaan degi..satyendra prakash

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