आगामी विश्व हिन्दी दिवस यानी 10 जनवरी 2018 को इंडोनेशिया की सांस्कृतिक राजधानी बाली में
अंतरराष्ट्रीय हिन्दी उत्सव का आगाज होने जा रहा है, जिसका समापन समारोह 13-14 जनवरी 2018 को इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में सम्पन्न होगा। इस आयोजन का संचालन भारत तथा इंडोनेशिया की कई सामाजिक-सांस्कृतिक संस्थाएं मिलकर कर रही है। जिसमें पहली बार एक साथ स्थान मिलेगा विश्व भर में फैले हिन्दी साहित्यकारों, पत्रकारों, नाट्यकर्मियों, चिट्ठाकारों और संस्कृतिकर्मियों को उन्हें अपना हुनर दिखाने का।
विश्व हिन्दी दिवस प्रति वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को अन्तराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है। प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था तथा पहली बार 10 जनवरी 2006 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने यह दिवस मनाया था।
इस प्रकार का उत्सव इंडोनेशिया में तीसरी बार आयोजित किया जा रहा है। इसके पूर्व दो समारोह क्रमश: 13 सितंबर 2015 तथा 15 सितंबर 2016 मे आयोजित हुये थे, किन्तु इसमें केवल इंडोनेशियाई भारतीयों की उपस्थिती का सुयोग बन पाया था। इस मायने में यह उत्सव हमारे लिए चुनौती से भरा है। यह संस्था इस मंच से साहित्य-संस्कृति- भाषा विज्ञान और नृत्य-संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले विश्व के 50 उल्लेखनीय व्यक्तियों को सम्मानित करने जा रही है। चुनाव हेतु सभी हिन्दी भाषी देशों की भिन्न-भिन्न संस्थाओं को ज़िम्मेदारी सौंपी गयी है। भारत में यह उत्तरदायित्व परिकल्पना को सौंपी गयी है।
इस आयोजन का संचालन कर रही है भारत की प्रमुख वैश्विक संस्था परिकल्पना तथा इंडोनेशिया की प्रमुख संस्था इन्डोनेशियायी इंडियन मैत्री संघ, आत्मा सेल्फ एक्स्प्रेशन, साधु वासवानी सेंटर आदि। जकार्ता स्थित आत्मा सेल्फ एक्स्प्रेशन की अध्यक्ष
सुश्री शिल्पी धीरज शर्मा ने सूचित किया है, कि इस आयोजन में जवाहरलाल नेहरू इंडियन कल्चरल सेंटर के निदेशक
श्री मकरंद शुक्ल, जकार्ता स्थित भारतीय दूतावास के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन
श्री मनीष, जकार्ता स्थित भारतीय दूतावास के सेकेंड सेक्रेटरी श्री
रोहित बब्बर, जकार्ता स्थित इंडिया क्लब के चेयर परसन
श्री राकेश जैन, इन्डोनेशियायी इंडियन मैत्री संघ की अध्यक्ष
सुश्री ऐश्वर्या सिन्हा, खुश रहो जकार्ता संस्था के
श्री तेज और साधु वासवानी सेंटर के प्रवक्ता
श्री राकेश केतन मिश्र की उपस्थिती मात्र से इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि यह आयोजन कितना भव्य और आकर्षक होगा।
साथ ही इस अवसर पर 50 भारतीय विभूतियों को यह मंच सम्मानित भी करने जा रहा है। 13 जनवरी 2018 को आयोजित समारोह में इलाहावाद की रंगकर्मी डॉ प्रतिमा वर्मा का नाट्य, लखनऊ के ओपी शर्मा का विषय आधारित एकल गायन और अवध की लोकप्रिय लोकगायिका कुसुम वर्मा के गायन और नृत्य प्रस्तुति के अतिरिक्त इण्डोनेशियाई कलाकारों का समूह गायन, समूह नृत्य, भारत नाट्यम और कुचीपुड़ी नृत्य के साथ अनेकानेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुति होगी।
अंतरराष्ट्रीय हिन्दी उत्सव में इलाहाबाद के रामायण मर्मज्ञ कवि डॉ बाल कृष्ण पांडे को "कवि योगेश्वर मानस सम्मान" से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान जकार्ता स्थित साधु वासवानी सेंटर में दिनांक 14 जनवरी 2018 को इण्डोनेशियाई इंडियन मैत्री संघ जकार्ता द्वारा प्रदान किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि भारत में जहां लोग आदिकवि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण को मानते हैं जो संस्कृत भाषा में है तथा गोस्वामी तुलसीदास कृत रामायण का अनुसरण करते हैं जो अवधी भाषा में है, वहीं इंडोनेशिया में कवि योगेश्वर द्वारा लिखित रामायण को माना जाता है जो कावी भाषा में लिखी गयी हैं । उन्ही की स्मृति में यह सम्मान डॉ पांडे को प्रदान किया जाएगा। डॉ पाण्डेय को उनकी प्रकाशित कृति "तुलसी का अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य" का चयन इस पुरस्कार के लिए किया गया है। डॉ पांडे इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अधिवक्ता हैं, उन्हें पत्रकारिता, लेखन, पर्यटन,प्रबन्धकीय एवं समसामयिक कार्यो के साथ समाजसेवा के कार्य का लंबा अनुभव है। गत 27 वर्षो से राष्ट्रीय, अखण्डता एवं विश्व शान्ति को समर्पित राष्ट्रीय रामायण मेला श्रृंगवेरपुर धाम, इलाहाबाद के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पांच दिवसीय राष्ट्रीय रामायण मेले का प्रबंधन, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं राष्ट्रीय स्तर पर आयेाजित कृषि, विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित विभिन्न सामाजिक विषयों पर आयेाजित राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित संगोठी का वे संचालन करते रहे हैं। मारीशस में आयोजित विश्व रामायण सम्मेलन में मारीशस सरकार के पर्यावरण मंत्री माननीय राज दयाल द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है। विश्व साहित्य संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली के सदस्य के रूप में अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर आयेाजित विभिन्न कार्यक्रमों में थाईलैण्ड, मारीशस, (तीन बार), डरबन, दक्षिण अफ्रीका में भारत का वे प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
इलाहाबाद की नाट्यकर्मी डॉ प्रतिमा वर्मा को "भारतेन्दु नाट्य सम्मान" से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान जकार्ता स्थित साधु वासवानी सेंटर में दिनांक 13 जनवरी 2018 को इंडो-इंडियन मैत्री संघ जकार्ता द्वारा प्रदान किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि डॉ वर्मा वर्ष 1984 से ऑल इंडिया रेडियों तथा वर्ष 1991 से दूरदर्शन में बतौर टीवी आर्टिस्ट अपनी प्रस्तुति दे रही हैं। उन्होने चार डाक्यूमेंटरी फिल्म क्रमश: आखिर कबतक, मनुमेंटल वैल्यू ऑफ चर्चेज, शॉर्ट फिल्म ऑन ब्राइल लीप तथा होली फिश में अभिनय कर चुकी हैं। अक्तूबर 1992 से दूरदर्शन के प्राइम टाइम में प्रसारित टीवी सीरियल धरती का लाल में वे शानदार अभिनय के लिए जानी जाती हैं। उन्होने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अनेक अविस्मरणीय अभिनय को मूर्तरूप दिया है।
देवरिया के शिक्षाविद डॉ विजय प्रताप श्रीवास्तव "डॉ राधाकृष्णन शिक्षा सम्मान" से सम्मानित होंगे। उल्लेखनीय है कि डॉ श्रीवास्तव उत्तरप्रदेश के देवरिया जिला अंतर्गत पथरदेवा स्थित आचार्य नरेन्द्रदेव इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य हैं।
महात्मा बुद्ध की निर्वाण स्थली कुशीनगर, के जाने माने रंगकर्मी
डॉ रमाकांत कुशवाहा "कुशाग्र" "कालीदास रंगकर्म सम्मान" से सम्मानित होंगे। डॉ कुशाग्र स्वयं के स्थापित ‘स्ट्रीट थियेटर’ के बैनर तले सैकड़ों नुक्कड़ नाटकों का मंचन करने के साथ ही साथ ‘सहमत’ नई दिल्ली द्वारा आयोजित ‘चैराहा’ और ‘दस्तक 1 एवं 2’ आदि कार्यक्रमों में सक्रिय रुप से भागीदारी निभाते रहे हैं।
रंगकर्म के साथ ही साथ डाॅ0 कुशाग्र ने ‘कुशाग्र मूवी इन्टरनेशनल’ के बैनर तले भारतीय नीति और संस्कृति पर आधारित धारावाहिक ‘संस्कार’ और एड्स जैसी लाइलाज विमारी की समस्या और निदान के साथ ही पारिवारिक संबंधों को और मजबूती देने पर आधारित धारावाहिक ‘परिवार’ तथा सामाजिक संबंधों के इर्द-गिर्द बुनी गयी कहानी पर आधारित धारावाहिक ‘मुस्कान’ का सफल निर्माण करने के साथ ही साथ उसमें मुख्य किरदार की भूमिका भी बखूबी निभाई है। भगवान बुद्ध के अस्थियों को पुरातत्व विभाग द्वारा निकाले गये स्थलों से पुनः उन स्थलों पर स्थापित करने के साथ ही बुद्ध के जीवन से जुड़े स्थलों आदि के जीर्णोद्धार के लिए डाॅ0 कुशाग्र निरन्तर सक्रिय रुप से लगे हुए हैं। उन्हें उनकी चर्चित पुस्तक ‘बुद्ध के वंशज’ के लिए उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान ने आचार्य नरेन्द्र देव पुरस्कार प्रदान किया है।
अंतरराष्ट्रीय हिन्दी उत्सव में
"महाश्वेता देवी मातृछवि सम्मान" से सम्मानित होंगी समाजसेवा और साहित्य को समर्पित लखनऊ की सुपरिचित हस्ताक्षर
सत्या सिंह हुमैन । आज सत्या सिंह हर महिला के लिए प्रेरणास्रोत हैं। बचपन में ही मां-बाप ने दुनिया छोड़ दिया, लेकिन हौसले ने मंजिल दिला दी।अपनी निजी जिंदगी में बेहद दयालु व क्षमाशील होने के बावजूद न्याय व्यवस्था के पालन में बेहद सख्त एवं निष्पक्ष सत्या सिंह हुमैन उत्तर प्रदेश की पूर्व पुलिस अधिकारी रह चुकी हैं।
पूर्व में महिला सम्मान प्रकोष्ठ की इंस्पेक्टर होते हुए अपने बेहतर कार्यों के लिए वे जानी जाती हैं। उन्होंने मेहनत व ईमानदारी के बलबूते अपने व्यक्तित्व को निखारा। उन्होंने अपने को एक लेखक, साहित्यकार और आंदोलनधर्मी के रूप में विकसित किया।अभी हाल ही में उन्हें दि संडे स्टैण्डर्ड की ओर से देवी सम्मान से समादृत और विभूषित किया गया है।
इसी क्रम में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक व
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राम बहादुर मिश्र को "प्रेमचंद साहित्य सम्मान" से
सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान जकार्ता स्थित साधु वासवानी सेंटर में
दिनांक 14 जनवरी 2018 को इंडोनेशियन-इंडियन मैत्री संघ जकार्ता द्वारा
प्रदान किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि डॉ मिश्र हिन्दी साहित्य की अनुकरणीय
सेवा के लिए देश-विदेश में सम्मानित होने के साथ-साथ उन्हें कई बार उत्तर
प्रदेश साहित्य सम्मान लखनऊ से सम्मानित किया जा चुका है। उनकी हिन्दी की
विभिन्न विधाओं में एक दर्जन से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित हैं। उनके द्वारा
स्थापित 'अवध भारती संस्थान' 1990 से लगातार अवधी भाषा, साहित्य और
संस्कृति पर अध्ययनरत है। वे अवधी के एकमात्र मासिक पत्रिका "अवध ज्योति"
के संपादक हैं।
अंतरराष्ट्रीय हिन्दी उत्सव में
सुप्रसिद्ध गज़लकार डॉ अशोक गुलशन को "दुष्यंत कुमार गज़ल सम्मान" से
सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान जकार्ता स्थित साधु वासवानी सेंटर में
दिनांक 14 जनवरी 2018 को इंडोनेशियन-इंडियन मैत्री संघ जकार्ता द्वारा
प्रदान किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि डॉ गुलशन हिन्दी साहित्य की अनुकरणीय
सेवा के लिए देश-विदेश में सम्मानित किये जा चुके हैं । हिन्दी एवं अवधी
में विभिन्न विधाओं में वे लेखनरत हैं। उनकी नौ सौ से अधिक पत्र-पत्रिकाओं,
संकलनों, स्मारिकाओं आदि में रचनाएं प्रकाशित हो चुकी है । साथ ही सात
आडियो/वीडियो कैसेट्स में उनकी रचनाएँ शामिल है। गुलशन नामा, मौन वृक्ष
(दोनों ग़ज़ल/मुक्तक/शेर संग्रह), सांसों की समिधाएं (गीत संगह), मोहब्बत
दर्द है (ग़ज़ल संग्रह), अर्द्धशतक (कविता संग्रह), मेहनत कर फल, कागज के
पंख (दोनों कहानी संग्रह), मुक्तकांजलि (मुक्तक संग्रह), तहरीरे-मुक्तक
(अशआर संग्रह) तथा मेंहदी वाले हाथ (दोहा संग्रह) के साथ साथ वे 12
पुस्तकों का सम्पादन/सह-संपादन की भूमिका निभा चुके हैं । कवि सम्मेलनों
एवं मुशायरों में उनकी नियमित सहभागिता रहती है । कुछ टी.वी. व एफ.एम.
चैनलों से भी उनकी रचनाएँ प्रसारित हो चुकी है । लखनऊ वि.वि. के अधीन ‘डॉ.
अशोक ‘गुलशन’ का हिन्दी साहित्य में योगदान’ विषय पर एम.फिल स्तर का शोध
आदि उनकी सहियिक सहभागिता की उल्लेखनीय कड़ी है।
अंतरराष्ट्रीय हिन्दी उत्सव में हॉलीवूड, बॉलीवूड तथा गढ़वाली फिल्म अभिनेता एवं
वरिष्ठ रंगकर्मी श्री विमल प्रसाद बहुगुणा अपना एकल कार्यक्रम प्रस्तुत
करेंगे। इस अवसर इनका इस मंच से "दादा साहब फाल्के परिकल्पना सम्मान" प्रदान किया जाएगा। उल्लेखनीय
है कि श्री बहुगुणा गढ़वाली फिल्म दुख का कांडा, सूबेरो धाम और सुख का फूल
में शानदार अभिनय किया है । उन्होने गुलशन कुमार निर्मित फिल्म चार धाम और
शालिन शर्मा द्वारा निर्मित फिल्म नंदू का राजा में भी अभिनय किया है। साथ
ही प्रसिद्ध निर्देशक गोरण पास्कल जैविच की हॉलीवूड फिल्म में विलेज एलडर
की भी भूमिका इन्होने निभाई है। श्री बहुगुणा उत्तरखंडी पांडवानी के गायन
के साथ सोलो एक्टिंग के लिए भी जाने जाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय हिन्दी उत्सव में
अहमदावाद (गुजरात) से सुश्री अंकिता सिंह को "आर्यभट्ट युवा प्रतिभा
सम्मान" से तथा वाराणसी से श्री सचीन्द्र नाथ मिश्र को "चाणक्य युवा
उद्यमी सम्मान" से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान जकार्ता स्थित साधु
वासवानी सेंटर में दिनांक 13 जनवरी 2018 को इंडोनेशियन-इंडियन मैत्री संघ
जकार्ता द्वारा प्रदान किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि सुश्री अंकिता दुनिया की 50 इनोवेटिव टेक एचआर लीडर में
भी शुमार हो चुकी हैं और अहमदाबाद की एक बड़ी कंपनी सी आई जी एन ई एक्स
डाटामैटिक्स टेक्नोलोजी प्राइवेट लिमिटेड में वाइस प्रसिडेंट के पद पर
कार्यरत हैं। दुनिया में एक अलग मुकाम बनाकर उभर रहीं अंकिता वास्तव में
महिला सशक्तिकरण की जीवंत प्रतीक हैं। वहीं श्री सचीन्द्र नाथ
मिश्र वाराणसी स्थित सीपीसी पावर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के चीफ मैनेजिंग
डायरेक्टर हैं। उन्होने अपने उद्यम से वह मुकाम हासिल किया है जो अन्य
युवाओं के लिए प्रेरणा है। साथ ही वे कई सामाजिक आंदोलनों तथा साहित्य से
भी जुड़े हैं।
इसी क्रम में लखनऊ की लोकगायिका श्रीमती कुसुम वर्मा को "तानसेन
स्वर-संगीत सम्मान" से सम्मानित किया जाएगा। उल्लेखनीय है किअवधी लोकगीतों की सोंधी
महक को समेटे और आल्हा की तान, बिरहा का दर्द, फाग की सुरीली धुन और कजरी
की मिठास लिए अवधी लोक गायन से सजे लखनऊ दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले
'माटी के बोल' कार्यक्रम की संचालिका और नृत्यांगना कुसुम वर्मा इस अवसर पर
मनमोहक प्रस्तुति सार्वजनिक रूप से करने जा रही हैं। कुसुम वर्मा को उनके
लोकगायन, नृत्य, कला कौशल और हिन्दी साहित्य की विश्वव्यापी गतिविधियों के
समर्थन में रचनातमक सहयोग देने तथा भारतीय संस्कृति के गौरवान्वयन हेतु किए
जा रहे प्रयासों की अनुशंसा के लिए इण्डिया एक्सीलेल्स एवार्ड, गोस्वामी
तुलसीदास सम्मान, अवध रत्न सम्मान, यूथ आइकाॅन अवार्ड, सुशीला देवी सम्मान
के साथ-साथ सुर सरस्वती जैसे अन्य सम्मानों से सुशोभित कुसुम वर्मा को
न्यूजीलैण्ड (आॅकलैण्ड, हेमिल्टन, रोटोरूआ) में परिकल्पना द्वारा आयोजित
सातवें इण्टरनेशनल ब्लागर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में ‘परिकल्पना सार्क
सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
जकार्ता में आयोजित होने वाले
अंतरराष्ट्रीय हिन्दी उत्सव में "देवी अहिल्याबाई सेवा सम्मान" से सम्मानित
होंगी समाजसेवा को समर्पित लखनऊ की सुपरिचित हस्ताक्षर श्रीमती कनक लता गुप्ता।
उल्लेखनीय है कि श्रीमती गुप्ता ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक विमैन्स एसोसिएशन
लखनऊ की उपाध्यक्षा हैं। इन्होने अपनी टीम के साथ मिलकर कई जरूरतमंदों की
सहायता की हैं जिसमें प्रमुख है लखनऊ में एक घर से छुडवाई गयी युवती की
आर्यसमाज मंदिर में शादी करवाकर उन्हें मुख्यधारा में लाने की कोशिश। और भी
कई उल्लेखनीय कार्य है उनके नाम।
इसके अलावा अहमदाबाद के वरिष्ठ कवि श्री राम किशोर मेहता को "बाबा नागार्जुन परिकल्पना सम्मान", कानपुर के वरिष्ठ कवि श्री ओम प्रकाश शुक्ल को "मुक्तिबोध परिकल्पना सम्मान", लखनऊ की वरिष्ठ कवयित्री डॉ मिथिलेश दीक्षित को "महादेवी वर्मा परिकल्पना सम्मान", राय बरेली की वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती चम्पा श्रीवास्तव को "सुभद्रा कुमारी चौहान परिकल्पना सम्मान", आगरा की डॉ सुषमा सिंह, डॉ प्रभा गुप्ता, डॉ माला गुप्ता, डॉ पूनम तिवारी तथा डॉ प्रमिला उपाध्याय को क्रमश: "परिकल्पना साहित्य भूषण सम्मान", "परिकल्पना नागरिक सम्मान", "परिकल्पना काव्य सम्मान", "परिकल्पना सृजन सम्मान" तथा "परिकल्पना साहित्य सम्मान" प्रदान किया जाएगा।
साथ ही रायबरेली के वरिष्ठ साहित्यकार श्री राजेन्द्र बहादुर श्रीवास्तव को "शमशेर बहादुर परिकल्पना सम्मान", ऋषिकेश के श्री धीरेंद्र सिंह रांगढ़ को "राहुल सांकृत्यायन यायावर सम्मान" तथा लखनऊ के शिक्षाविद श्री कैलाश चन्द्र जोशी को "परिकल्पना शिक्षा सम्मान" से विभूषित और अलंकृत किया जाएगा।
.......अभी जारी है