रसूल,गुलज़ार , रहमान , तुम्हारी जय हो । मुट्ठियों में आया आसमान , तुम्हारी जय हो ।।
पहली वार हमारे गाँव आया कोई ऑस्कर , किया है पिंकी का सम्मान , तुम्हारी जय हो ।।
यह भारतीय सिनेमा के लिए वेहद गौरव का क्षण है जब ऑस्कर में हमारा कद उंचा हुआ, लेकिन स्लम डॉग मिल्र्नियर ने कई अनुतरित प्रश्न खड़े किए हैं भारतीय गरीबी से संबंधित जिसका हल हमें ढूँढना होगा मिलकर , दलीय राजनीति से ऊपर उठकर । आज चारो तरफ़ जश्न का माहौल है , किसी शायर ने कहा है, कि " राजपथ पर जब कभी जयघोष होता है , आदमी फूटपाथ का वेहोश होता है .....!" यही है भारतीय गरीबी का कड़वा सच । आईये स्लम डॉग के बहाने कुछ ऐसे ही पहलूओं पर नज़र दौडाते हैं -
स्लम डॉग गरीब , तुम्हारी जय हो ।
ऑस्कर हुआ करीब तुम्हारी जय हो ।।
बॉयल ने दिखा दिया है आईना तुम्हें -
तुम कितने बदनसीब तुम्हारी जय हो ।।
घोल करके पी रहे हो तुम हवाओं में जहर -
तेरे हिस्से में सलीब , तुम्हारी जय हो ।।
लंगोटी बाँध करके खूब खेलो फाग तुम -
यह जिंदगी अजीब , तुम्हारी जय हो ।।
मिट गयी होती हमारे देश से भी झुग्गियां -
पर वोट बदनसीब , तुम्हारी जय हो ।।
खूब उडाया विश्व में हम गरीबों का मजाक-
बनकर हमारा रकीब ,तुम्हारी जय हो ।।
() रवीन्द्र प्रभात
सचमुच स्लम डॉग मिलेनियर ने भारतीय गरीबी से संबंधित कई अनुतरित प्रश्न खड़े किए हैं , जिसका हल हमें दलीय राजनीति से ऊपर उठकर ढूँढना होगा ......!
जवाब देंहटाएंसचमुच गरीबी की ओर ध्यान आकर्षित करवा दिया है इस फिल्म ने.....आगे देखने वाली बात यह है कि इस समस्या से निजात पाने के लिए कोई उपाय किया जाएगा या नहीं।
जवाब देंहटाएंजय हो..ऑस्कर पाने की बधाई..
जवाब देंहटाएंगरीबी के लिए दिए गए सम्मान के लिए बधाई.
जवाब देंहटाएंजय हो झोपडपट्टी के कुकुर की!
जवाब देंहटाएंभाई कुकुर कहो या गरीब , बात एक ही है न !
जवाब देंहटाएंदोस्त कहो या रकीब , बात एक ही है न !!
बहुत सही चित्रण ...../
गरीबी की जय कहूं या गरीब की ......सही कहा है आपने -"मिट गयी होती हमारे देश से भी झुग्गियां -पर वोट बदनसीब , तुम्हारी जय हो ।। "
जवाब देंहटाएंजय हो जी जय हो
जवाब देंहटाएंजय हो ओस्कर की..........
जवाब देंहटाएंभारत वासियों की, आपने भी सुंदर तरीके से स्वागत किया है, जय हो आपकी भी
तुम्हारी जय हो।
जवाब देंहटाएंइस फिल्म को ऑस्कर मिलना मुझे तो अजीब लग रहा है . माना कि फ्लिम का स्क्रिप्ट और रफ़्तार काफी प्रसंशनीय है लेकिन इतना नहीं कि उसे ऑस्कर पुरूस्कार मिले!! जय हो से काफी बेहतरीन गाने कई हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के फिल्मों मैं आ चुके हैं. मुझे तो इस फिल्म को ऑस्कर देना एक षडयंत्र दीखता है क्योंकि इस माध्यम से भारतवासियों को अपनी और खींच सकता है हॉलीवुड इंडस्ट्री. ऑस्कर मिलने पर जिस तरह का पागलपन दिखने मैं आ रहा है यह काफी सबूत है. फिलहाल उत्तर अमेरिका और एउरोप मैं आर्थिक तंगी के कारण भारत एक एक्मात्र जगह है जो हॉलीवुड को मुनाफा दिखा सकता है!! अंग्रेजी मैं कहें तो यह एक "लोंग्टेर्म मार्केट पेनेट्रेशन प्लान " का पहला कदम है!!
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