निर्वाचन के घाट पे , भई नेतन की भीड़ !
जनता बन गयी द्रौपदी , खींच रहे हैं चीर !!
गदहा गाये भैरवी , तनिक न लागै लाज !
शाकाहारी बन गए , गिद्ध -गोमायु -बाज !!
पक्ष और प्रतिपक्ष में, ढूंढ रहे सब खोंच !
पांच बरस तक चोंचले, खूब लड़ाए चोंच !!
हरियाली की बात करे , सूख गए जब पात !
जनता भोली देखती , नेता का उत्पात !!
कृष्ण-दु:शासन साथ हैं , अर्जुन बेपरवाह !
कोई मसीहा आये, दिखलाये अब राह !!
() रवीन्द्र प्रभात
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bhai wah ! bahut khub.
जवाब देंहटाएंअब जो मसीहा भी आएगा न! उहो ससुरा केवल अपना उल्लू सीधा करेगा. बस.
जवाब देंहटाएंआज के परिवेश के अनुरूप अत्यंत धारदार व्यंग्य , मजा आ गया पढ़कर ...!
जवाब देंहटाएंवोट लूट के ले गई
जवाब देंहटाएंकर गई वोटर को सूट
इसलिए वोटर की
सिट्टी पिट्टी गुम रहती है।
नेताओं ने अपनी छवि ऐसी कर ली है कि कोई किसी भले आदमी को नेता कहे तो लगता है गाली दे रहा है , आपने नेताओं की सही तस्वीर खिंची है , बधाईयाँ !
जवाब देंहटाएंbadhiya ji
जवाब देंहटाएंइस घाट पर कौन मसीहा करायेगा फजीहत। :)
जवाब देंहटाएंसही बात है वैसे भी दशकों से यही होता आया है
जवाब देंहटाएंमेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
जनता खुद क्यों नहीं संगठित होकर जनतांत्रिक दल बनाती है?
जवाब देंहटाएंवाह ,अच्छी है !
जवाब देंहटाएंWaah ! Waah ! Waah !!!!
जवाब देंहटाएंAanand aa gaya.....
Vartmaan ke katu yatharth ko itne sundar shbdon me dhala aapne ki wah katu na raha...sundar kavitamayi roop aanandit kar gaya.
आज के परिवेश पर व्यंग्य अच्छा है , अब इस दिशा में जनता को ही करनी होगी पहल ....!
जवाब देंहटाएंनेता की न जात है , न कोई धर्म
जवाब देंहटाएंएक बार जीता दो , फिर लूटने में नहीं करेगे कोई शर्म .
रविंदर जी
जवाब देंहटाएंखूबसूरत rachna.........
neta जी का सही charitr kheencha है आपने
पक्ष और प्रतिपक्ष में, ढूंढ रहे सब खोंच !
जवाब देंहटाएंपांच बरस तक चोंचले, खूब लड़ाए चोंच !!
हरियाली की बात करे , सूख गए जब पात !
जनता भोली देखती , नेता का उत्पात !!
waah satik aur mazedar,badhai:)
बेहद सटीक ...
जवाब देंहटाएंbahut khoob...
जवाब देंहटाएंभली कही । :)
जवाब देंहटाएंआपने निर्ल्लज लोगो को आईना दिखाया है। आप कारवॉ जारी रखें, हम आपके साथ हैं।
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