यह पुस्तक अविनाश वाचस्पति और रवीन्द्र प्रभात के द्वारा संपादित है
मूल्य : 495/- ( डाक खर्च अलग से )
प्रकाशक : हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701
(२) पुस्तक का नाम : हिंदी ब्लॉगिंग का इतिहास
लेखक का नाम : रवीन्द्र प्रभात
मूल्य : 250 /-( डाक खर्च अलग से)
प्रकाशक : हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701
राम नवमी के अवकाश के कारण इन दोनों पुस्तकों पर विशेष छूट का लाभ प्राप्त करने का एक और मौक़ा दिया गया है प्रकाशक के द्वारा .......अब १२ नहीं १३ अप्रैल तक आप बुक करा सकते हैं .....!
विशेष सूचना : 13 अप्रैल 2011 तक बुकिंग करवाने वाले ब्लॉगरों के नाम, ब्लॉग पते और ई मेल पते पुस्तक में बिना किसी अतिरिक्त भुगतान के शामिल/ प्रकाशित किए जायेंगे।
रुपये 450/- केवल भेजने के लिए आप अपनी सुविधानुसार निम्नलिखित तीन विकल्पों में किसी एक का चयन कर सकते हैं
1. आप मनीआर्डर से सीधे हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701 के पते पर राशि भेज सकते हैं परंतु मनीआर्डर के पीछे संदेश में अपना पूरा पता, फोन नंबर ई मेल आई डी के साथ अवश्य लिखें।
2. तकनीक का लाभ उठाते हुए आप बैंक ऑफ बड़ौदा, बिजनौर के नाम हिन्दी साहित्य निकेतन के खाता संख्या 27090100001455 में नकद जमा करवा सकते हैं। इस सुविधा का लाभ उठाने के बाद जमा पर्ची का स्कैन चित्र मेल पर अपनी पूरी जानकारी के साथ अवश्य भिजवायें।
3. आप यह राशि हिन्दी साहित्य निकेतन के नाम ड्राफ्ट के द्वारा भी डाक अथवा कूरियर के जरिए भेज सकते हैं। चैक सिर्फ सी बी एस शाखाओं के ही स्वीकार्य होंगे।
आप जिस भी विकल्प का चयन करें, उसका उपयोग करने के बाद इन ई मेल पर सूचना भी अवश्य भेजने का कष्ट कीजिएगा
giriraj3100@gmail.com, ravindra.prabhat@gmail.com & nukkadh@gmail.com पर जरूर भेजिएगा।
ज्ञातव्य हो कि उपरोक्त दोनों पुस्तकों का सम्मिलित मूल्य है रुपये. 745/- किन्तु लोकार्पण से पूर्व यानी दिनांक २५.०४.२०११ तक संयुक्त रूप से दोनों पुस्तकों की खरीद पर डाक खर्च सहित रू. 450/- ही देने होंगे !
ऑर्डर सीधे प्रकाशक : हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701 के नाम भेजना है !
किसी प्रकार की शंका होने पर ई मेल भेजने अथवा फोन से बात करने पर हिचकिचाएं मत।
विशेष सूचना : 13 अप्रैल 2011 तक बुकिंग करवाने वाले ब्लॉगरों के नाम, ब्लॉग पते और ई मेल पते पुस्तक में बिना किसी अतिरिक्त भुगतान के शामिल/ प्रकाशित किए जायेंगे।
इस सूचना को ब्लॉगहित में सबके साथ साझा कीजिए।
हम तो कल ही बुकिंग करवा चुके ... बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंबधाइयां और शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंप्रिय प्रवीण शाह जी ने एक बार हमारे गुरू जी आदरणीय जनाब उमर कैरानवी साहब की पोस्ट पर कहा था कि
जवाब देंहटाएं'जब कभी हिंदी ब्लॉगिंग का इतिहास लिखा जाएगा तो आपका ज़िक्र ज़रूर होगा।'
क्या उनका ज़िक्र इस इतिहास में किया गया है ?
जानकारी देने की कृपा करें ।
"बंधी मुट्ठी लाख की ... और खुली जो प्यारे ख़ाक की ..."
जवाब देंहटाएंमहाराज किताब बाज़ार में आ जाए तब ही कुछ बोलियेगा ... वैसे मुझे पूरा भरोसा है आपने हिंदी ब्लोगिंग के लिए किये गए किसी के भी सार्थक योगदान को नज़रंदाज़ नहीं किया होगा ! एक बार फिर हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
अनवर भाई,
जवाब देंहटाएंपुस्तक तो अभी गर्भ में है फिर ये क्या पूछ दिया आपने ? मैं कुछ कहूं इससे पहले शिवम् जी ने सबकुछ बयान कर दिया, अवसर का लाभ उठायें और अपनी प्रतियां बुक कराएं फिर जी भरकर हम बतियांगे और आप सभी के साथ मिलकर आगे की रणनीति बनायेंगे ....!
गुरु जी, मेरी भी प्रतियां बुक करा दें मैं कल ४५०/- प्रकाशक के बैंक अकाऊंट में डलवा दूंगा !
जवाब देंहटाएंहम तो कल ही बुकिंग करवा चुके ... बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंप्रभात भाई,
जवाब देंहटाएंमेरी प्रतियां बुक करा दें मैं कल ४५०/- प्रकाशक के बैंक अकाऊंट में डलवा दूंगा !
मनोज जी और गीतेश जी,
जवाब देंहटाएंआप दोनों की प्रतियां की अग्रिम बुकिंग करा दी गयी है अपना पत्राचार का पता प्रकाशक को मेल कर दें !
रविंद्र भाई मैं अपनी प्रति के लिए पहले ही अविनाश भाई को कह चुका हूं । शाम को दीपक मशाल ने भी आग्रह किया है कि उनकी प्रति भी सुरक्षित करा ली जाए । आप सुरक्षित करवा लें उसका भुगतान भी मैं ही करूंगा अविनाश भाई को । आप बुक करवा दें । आभार
जवाब देंहटाएंबधाइयाँ जी बहुत-बहुत बधाइयाँ!!
जवाब देंहटाएंइन महत्वपूर्ण पुस्तकों के लिए आप बधाई के पात्र हैं।
जवाब देंहटाएं............
ब्लॉगिंग को प्रोत्साहन चाहिए?
लिंग से पत्थर उठाने का हठयोग।
अजय जी आपकी और दीपक मशाल की प्रतियां बुक करा दी है आप चाहे तो यह धनराशि अविनाश जी को भी हस्तगत करा सकते हैं!
जवाब देंहटाएंआदरणीय रविन्द्र प्रभात जी
जवाब देंहटाएंइस उपलब्धि के लिए आपको हार्दिक बधाई ..मेरे लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है ...अपनी प्रतियों के विषय में आपको शीघ्र ही सूचित करूँगा .....!
रविन्द्र जी,
जवाब देंहटाएंआपको तथा अविनाश जी को पुस्तकों के लिए बधाई तथा शुक्रिया |
आपके "अपना ब्लॉग" अकाउंट में कुल 1326 अंक हैं, आप इस इवेंट तथा पुस्तकों के लिए 1226 रु. के एड मुफ्त में दे सकते हैं, यह सही मौका है आप "अपना ब्लॉग" द्वारा दी जा रही इस सुविधा का लाभ उठायें|
इस लिंक को देखें तथा और जानकारी के लिए info@apnablog.co.in पर संपर्क करें
योगेन्द्र जी,
जवाब देंहटाएंआपका आभार , इस सन्दर्भ में मैं शीघ्र आपसे संपर्क करूंगा !
रश्मि प्रभा जी ने दस प्रतियों की बुकिंग की है और ये धनराशि हिंदी साहित्य निकेतन को भेजी जा चुकी है, सूचनार्थ !
जवाब देंहटाएंहमका कुछ समझ नहीं...... कैसे बुकिंग करवानी है और कैसे पैसा देना है.......... बाकि आप मालिक लोग है.........
जवाब देंहटाएंहमारी बुकिंग पक्की
जवाब देंहटाएंपुस्तक में नाम/यु आर एल आदि के प्रकाशन की योजना आज समाप्त हो गयी है, किन्तु पुस्तक पर मिलाने वाली छूट दिनांक २५.०४.२०११ तक जारी रहेगी !
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