आपके सहयोग से आप स्‍वयं एक नए कीर्तिमान की ओर अग्रसर हैं, यह हिंदी ब्लॉगिंग में ही नहीं, हिंदी साहित्य में भी पहली घटना है कि प्रकाशन में जाने से पूर्व ही एक हिंदी किताब की १५० प्रतियां बिक गयी हैं.....बुकिंग का यह क्रम लगातार जारी है............. पढ़ने में नए पैदा होते  इस रुझान  से अब आप देखते रहिए, पाठकों का ही भला होता रहेगा ... जल्दी कीजिए एक और सुनहरा ऑफर आपके समक्ष है ....

मैं बड़ी हूँ पहले आऊंगी ......................मैं छोटी हूँ बाद में गाऊंगी
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विगत दिनों "हिंदी ब्लॉगिंग का इतिहास" पुस्तक में नाम को लेकर हिंदी ब्लॉग जगत में अनेकानेक  स्‍थलों पर भय-भ्रम और भ्रान्ति की स्थिति देखी गयी, कई लोगों ने फेसबुक/ट्विटर और ब्लॉग इत्‍यादि स्‍थलो पर परस्पर पक्ष और विपक्ष में काफी टिप्पणियाँ कीं, आप पहले मुख्य बिन्दुओं ध्‍यान दीजिएगा :

(१) पैसे लेकर इतिहास में नाम दर्ज नहीं किया गया है, वर्तमान में लगभग 30000 ब्लॉगर हैं और सबके नाम का अलग से उल्लेख संभव नहीं है, क्योंकि प्रकाशन की अपनी एक लक्ष्‍मण रेखा होती है और लक्ष्मण  रेखा के भीतर रहकर ही लेखक और प्रकाशक को अपने दायित्व का निर्वहन करना होता है ! क्‍योंकि हिंदी का लेखक राम की सीता है।

(२) किताबें प्रकाशित होती है बेचने के लिए, न कि मुफ्त में बांटकर घर फूंक तमाशा देखने के लिए.... किताबें बेचने के लिए दुकानदार को कमीशन देना होता है ....यदि वह कमीशन रूपी  मलाई  पाठकों को मिल जाए तो इसे हिंदी का सौभाग्‍य समझने में कोई बुराई नहीं है। छूट रूपी  मलाई मिल रही है, देश भर में  सभी हिंदी  पाठकों को।  इसी का सुखद परिणाम है कि  ( ७४५/- मूल्य की किताबें ४५०/- में बेचकर ) हम तो गुनाह कर रहे हैं ? पर सभी चाहेंगे  कि यह गुनाह बार बार हर बार लगातार हो।

(३) आपको  आश्चर्य होगा कि प्रतिक्रिया स्वरूप हिंदी ब्‍लॉगिंग के जिन सेनानियों द्वारा इस आलाप का सस्‍वर पाठ किया जा रहा था। उन्ही लोगों ने किताब भी बुक कराई है ताकि उनके नाम किताब में अंकित हो सकें और हुआ भी है.....? जब आप पुस्‍तक की वह सूची देखेंगे जो विवादास्‍पद हो गई है, वही संवाद बनाने में भी कामयाब होगी।

(४) हालांकि यह छूट लोकार्पण तक यानी ३० अप्रैल तक जारी है, किन्तु अवधि बीत जाने के कारण केवल 17 अप्रैल २०११ तक बुक कराये गए ब्लॉगरों के ही नाम ही "हिंदी ब्लॉगिंग : अभिव्यक्ति की नई क्रान्ति "  में दर्ज हो सके हैं और ऐसे ब्लॉगरों  की संख्या को जानने के लिए एक प्रति आप भी आज ही बुक कर लीजिए। 

जो इस मलाई के जायके का अनुभव करने से चूक गए हैं, वे यहां पर तो चौहान नहीं रहेंगे क्‍योंकि हम फिर हाजि़र हैं एक और स्‍वर्णिम अवसर के साथ   : 

(५) स्वाभाविक है 17 अप्रैल के बाद किताब बुक करने के बावजूद भी कई क्रांतिकारियों के नाम सूची में शामिल न हो पाए  हों, इसलिए बीच का रास्ता निकालते हुए " हिंदी ब्लॉगिंग का इतिहास" पुस्तक का प्रकाशन कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया है ताकि  १५ अप्रैल  से ३० अप्रैल तक बुक कराने वाले ब्लॉगरों की सूची दूसरी किताब में दर्ज हो सके ! पूरी सूची फाईनल होने के पश्चात ही दूसरी किताब आपको प्रेषित की जायेगी !

(६)  तो देर किस बात की ३० अप्रैल को हिंदी भवन, विष्णु दिगंबर मार्ग, नयी दिल्ली  में आयें और अपना नाम दर्ज करा जाएँ, जो नहीं आ सकते ४५०/- प्रकाशक को  निम्नलिखित तीन विकल्पों का चयन करते हुए भेजें :

1. आप मनीआर्डर से सीधे हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्‍य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701 के पते पर राशि भेज सकते हैं परंतु मनीआर्डर के पीछे संदेश में अपना पूरा पता, फोन नंबर ई मेल आई डी के साथ अवश्‍य लिखें।

2. तकनीक का लाभ उठाते हुए आप बैंक ऑफ बड़ौदा, बिजनौर के नाम हिन्‍दी साहित्‍य निकेतन के खाता संख्‍या 27090100001455 में नकद जमा करवा सकते हैं। इस सुविधा का लाभ उठाने के बाद जमा पर्ची का स्‍कैन चित्र मेल पर अपनी पूरी जानकारी के साथ अवश्‍य भिजवायें।

3. आप यह राशि हिन्‍दी साहित्‍य निकेतन के नाम ड्राफ्ट के द्वारा भी डाक अथवा कूरियर के जरिए भेज सकते हैं। चैक सिर्फ सी बी एस शाखाओं के ही स्‍वीकार्य होंगे।

आप जिस भी विकल्‍प का चयन करें, उसका उपयोग करने के बाद इन ई मेल पर सूचना भी अवश्‍य भेजने का कष्‍ट कीजिएगा। और पुस्‍तक पढ़ने के बाद मलाई के स्‍वाद का सफर अपने ब्‍लॉग पर सबसे बांटना जारी रखिएगा। जो मलाई आपको स्‍वादिष्‍ट लग रही है, निश्चित ही वो अन्‍यों को भी लगेगी क्‍योंकि यह मलाई जिस दूध से बनाई गई है, वो दूध सिंथेटिक नहीं है। मलाई के लिए दूध खरीदते समय इन मानकों का पूरी ईमानदारी से निर्वाह किया गया है। फिर भी आपको लगता है कि मलाई में वो स्‍वाद नहीं आ पाया है तो अगली बार गाय को दिए जाने वाले चारे की गुणवत्‍ता पर विशेष ध्‍यान रखा जाएगा और एक गाय निरीक्षक की नियुक्ति आप सबकी सलाह से की जाएगी।

& nukkadh@gmail.com  पर अपनी राय पुस्‍तक की बुकिंग राशि के साथ  जरूर भेजिएगा।

12 comments:

  1. स्वाभाविक है 17 अप्रैल के बाद किताब बुक करने के बावजूद भी कई क्रांतिकारियों के नाम सूची में शामिल न हो पाए हों, इसलिए बीच का रास्ता निकालते हुए " हिंदी ब्लॉगिंग का इतिहास" पुस्तक का प्रकाशन कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया है ताकि १५ अप्रैल से ३० अप्रैल तक बुक कराने वाले ब्लॉगरों की सूची दूसरी किताब में दर्ज हो सके ! पूरी सूची फाईनल होने के पश्चात ही दूसरी किताब आपको प्रेषित की जायेगी !



    आपका यह प्रयास भी सराहनीय है ......!

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  2. आपने पूरे समूह को एक अविस्मर्णीय क्षण का साक्षी बनाने में एक बड़ी भूमिका अदा की है, अब आभार शब्द भी छोटा हो गया है आपके लिए ...बस यही कह सकता हूँ की आपकी कार्यक्षमता अतुलनीय है ...असंभव को संभव करना कोई आपसे सीखे !

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  3. रविन्द्र जी,

    आप इसका विज्ञापन "अपना ब्लॉग" पर भी दें, अधिक जानकारी के लिए आप संपर्क करें "9022419053" पर

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  4. आप चाहें तो ३० अप्रैल के कार्यक्रम का एक संक्षिप्त विज्ञापन ३ दिनों के लिए दे सकते हैं , इस पहल हेतु आपका धन्यवाद !

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  5. रविन्द्र जी,

    पुस्तक मे कुल कितने पृष्ट है और क्या दोनों पुस्तके एक साथ भेजी जाएंगी या अलग अलग

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  6. पहली पुस्तक हिंदी ब्लौगिंग अभिव्यक्ति की नयी क्रान्ति ३७४ पृष्ठों की है जो लोकार्पण के पश्चात यानी ३० अप्रैल को लोकार्पण के समय तथा उसके बाद प्रेषित की जायेगी, दूसरी पुस्तक हिंदी ब्लॉगिंग का इतिहास अगले एक महीने के भीतर क्योंकि अब उसका प्रकाशन कुछ वरिष्ठों से प्राप्त मंतव्य को आधार बनाते हुए प्रकाशित किये जायेंगे, किन्तु योजना दोंदों पुस्तकों पर एक साथ लागू है !

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  7. रविन्द्र जी
    बहुत ही लगन और मेहनत से काम को अंजाम दे रहे हैं । आपके प्रयास सराहनीय हैं और हमारा सहयोग जैसे भी बन पडेगा हम देते रहेंगे। नाम हमारा तो होना चाहिये क्योंकि बुकिंग करवा ली थी।

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  8. kuchh bhi kaha jaaye, lekin ye prayas bahut achchha hai... is prayas ke liye main hamesha sarahana karoonga...

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  9. बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ

    NAME DINESH PAREEK
    VILLAGE - BUCHAWAS
    TAHSIL TARANAGAR
    DTS. CHURU
    STATE - RAJASTHAN
    PIN. 331304
    MY BLOG LINK -http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/
    http://vangaydinesh.blogspot.com/
    http://dineshpareek19.blogspot.com/

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  10. बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ

    NAME DINESH PAREEK
    VILLAGE - BUCHAWAS
    TAHSIL TARANAGAR
    DTS. CHURU
    STATE - RAJASTHAN
    PIN. 331304
    MY BLOG LINK -http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/
    http://vangaydinesh.blogspot.com/
    http://dineshpareek19.blogspot.com/

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  11. आदरणीय रवीन्द्र जी,
    अरे ऐसा कुछ भी नहीं है भाई। कोई नाराज़गी नहीं है आपसे। आप लोगों ने अद्भुत प्रयास किया और लगातार करें और सफल भी हों। देखिये जब भी कोई अच्छा काम करता है लोग उसको गरियाते जरूर हैं। पर आप लोगों को विचलित होने की जरूरत नहीं है। पुण्य जी का कट लेना इस बात का प्रमाण है कि अब मीडिया की तबियत से बैण्ड हम ब्लॉगरों ने बजा दी है। वे घबराये हुए हैं और देखना प्रभात जी, इन लोगों को हमारी ताकत माननी ही पड़ेगी एक दिन। बशर्ते अब हम लोग आपस में कम से कम कुछ दिन एक दूसरे से टकराना छोड़ कर अहम मुद्दों पर विश्लेषण के अंदाज मे ब्लॉगिंग करें और इसे सशक्त परिवार और वार दोनों बनायें। अविनाश जी और अन्य सभी लोगों को इस सफल आयोजन की बहुत बहुत बधाई। परसों दिल्ली में होने के बावजूद समारोह में आ न सका इसका अफ्सोस है। एक बात और है सीक्रेट बताइयेगा मत किसी को। भले ही मैं ६’६" ऊँचा तगड़ा पहलवान हूँ मगर प्रभू, पिटने का डर तो मुझे भी रहता ही है ना, हा हा।
    इसे भी आप वजह मान सकते हैं न आने की। (पुण्य प्रसून की ओर इंगित) हा हा।

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