अपना काम दिल से करना ज्यादा महत्वपूर्ण है या नज़रों में आना इसका आंकलन मैं आज तक नहीं कर पाया था क्योंकि मैंने शायद मैंने इस नज़रिए से कभी सोचा ही नहीं | पर हाँ अब लगने लगा है के शायद ज़िन्दगी जीने के लिए नाम कमाना भी उतना ही ज़रूरी है जितना सांस लेना | अब आपकी बात मुझे भली भांति समझ आने लगी है | एक दम सही कहा है आपने |
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार (9-2-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
जवाब देंहटाएंसूचनार्थ!
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार (9-2-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
जवाब देंहटाएंसूचनार्थ!
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार (9-2-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
जवाब देंहटाएंसूचनार्थ!
:)
जवाब देंहटाएंएकदम सही बात कही है आपने ये क्या कर रहे हैं दामिनी के पिता जी ? आप भी जाने अफ़रोज़ ,कसाब-कॉंग्रेस के गले की फांस
जवाब देंहटाएंअपना काम दिल से करना ज्यादा महत्वपूर्ण है या नज़रों में आना इसका आंकलन मैं आज तक नहीं कर पाया था क्योंकि मैंने शायद मैंने इस नज़रिए से कभी सोचा ही नहीं | पर हाँ अब लगने लगा है के शायद ज़िन्दगी जीने के लिए नाम कमाना भी उतना ही ज़रूरी है जितना सांस लेना | अब आपकी बात मुझे भली भांति समझ आने लगी है | एक दम सही कहा है आपने |
जवाब देंहटाएंTamasha-E-Zindagi
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जवाब देंहटाएंसौरव राय " भागीरथ " युवा कवि है, मेरी हार्दिक शुभकामनाएं !
Latest post हे माँ वीणा वादिनी शारदे !