internet-underseizeतानाशाही (डिक्टेटरशिप) अमूमन उस शासन-प्रणाली को कहते हैं जिसमें कोई व्यक्ति विद्यमान नियमों की अनदेखी करते हुए डंडे के बल से शासन करता है। पर जब शासन-प्रशासन से अलग तानाशाही की बात चलती है तो एक ऐसे व्यक्ति का चेहरा हमारी आँखों के आगे प्रतिबिंबित होने लगता है, जिसे ठेठ देसी भाषा मे खुड़श कहते हैं कुछ लोग घनचक्कर भी कहते हैं, जिसे न संस्कृति के सामान्य नियम से मतलब होता है और न सामाजिकता से और वह व्‍यक्ति अगर कलम का प्रयोग करता हो, तब इस पर विचार करना और भी अधिक जरूरी हो गया है। 

ऐसी कोई मिसाल मुझे पूरे साहित्यिक-सामाजिक इतिहास में खोजने से भी नहीं मिली है। कभी ऐसा रहा हो, जिससे प्रेरित होकर एक कलमकार तानाशाह बन गया हो। कलम का उपयोग करने वाला शाह अवश्‍य होता है। इसे तो आप भी मानेंगे। सामाजिकता से मतलब न रखने वाला यदि कोई ब्लॉगर सामुदायिक ब्लॉग को अपनी संपत्ति मानकर बंद कर दे और सोशल मीडिया नेटवर्क फेसबुक पर विचारों का फेस चमकाने की बात करे तो यह सामाजिकता, साहित्यिक, संस्‍कृति और नैतिकता के लिहाज से दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा।

जी हाँ, आप बिल्‍कुल सही समझे हैं, मैं बात कर रहा हूँ सामुदायिक ब्लॉग नुक्कड़ के मॉडरेटर श्री श्री 108 श्री अविनाश वाचस्पति की। जिन्होने नुक्‍कड़ को बिना लेखकों/उससे जुड़े असंख्‍या पाठकों की राय लिए बंद कर दिया और मनमाना आचरण करते हुए सीधे फेसबुक पर छलांग मारी। यह भी कह रहे हैं कि वे ट्विटर,  लिंकेदिन, पिन्‍टरेस्‍ट और ऐसी ही जगहों पर डांस करेंगे। आप लिंक खोलकर देख सकते हैं। यह हरकत सिर्फ शाही नहीं हो सकती, इसे मजबूरन तानाशाही, नादिरशाही, हिटलरशाही कहने को मजबूर होना पड़ रहा है। यह भी हो सकता है कि उन्‍हें इस समय जो साथी मिले हैं, उन्‍होंने उनकी गति भ्रष्‍ट कर दी हो क्‍योंकि संगति ही व्‍यक्ति के उच्‍च और निम्‍न कर्मों के लिए उत्‍तरदायी ठहरती है।

श्री श्री 108 श्री अविनाश वाचस्‍पति को मैं उनसे अधिक जानता हूं इसीलिए उन पर भरोसा था और आजतक इस भरोसे में रंचमात्र भी दरार नहीं आई है। पर इस बार उन्‍होंने अपना निर्णय बदलने से साफ इंकार कर दिया है। ऐसे में हम हिन्‍दी ब्‍लॉगर साथियों के लिए यह और भी जरूरी हो जाता है क्‍योंकि यह वही ब्लॉगर हैं जिन्‍होंने मेरे साथ मिलकर  हिन्‍दी ब्लॉगिंग को अभिव्यक्ति की नयी क्रान्ति का उद्घोष कहा। ‘अनेक ब्‍लॉग नेक हृदय’ जैसी सारगर्भित पहचान का उपयोगी नारा दिया, एक क्रांतिकारी दिशा दिखलाई। फिर हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग में पहली पुस्‍तक को मेरे साथ मिलकर अमली जामा पहनाया और आज भी उनके ब्‍लॉगिंग के स्‍तंभ कई पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो रहे हैं। कितने ही ब्‍लॉगर सम्‍मेलनों को उन्‍होंने अपने और मेरे साथ मिलकर अंजाम तक पहुंचाया। हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग को शिखर पर लाने की उनकी भूमिका की अनदेखी नहीं की जा सकती।

आज भी उनके साथ मिलकर हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग विधा के उन्‍नयन के लिए कई प्रकाशनों की आयोजना की जा रही है। और आज वह कह रहे हैं कि हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग से उनका मोह भंग हो गया। मेरे लिए इस पर भरोसा करना मुश्किल हो रहा है। मैं स्‍तब्‍ध हूं पर मैं एक जोरदार कोशिश जरूर करूंगा कि वे अपने फैसले पर विचार कर हम सबके द्वारा सुझाया गया निर्णय स्‍वीकार करें। 

श्री श्री 108 श्री अविनाश वाचस्पति जी  ने इतना तक न सोचा कि उनके साथ जुड़े लेखकों ने उनका क्या बिगाड़ा है। जिन्‍होंने उन्‍हें नुक्कड़ पर लिखने-घूमने तक से महरूम कर दिया है। मैं इन फेमस पंक्तियों का जिक्र जरूर करूंगा कि लमहों ने खाता की और सदियों ने सजा पायी ।

ऐसा नहीं हो सकता, हम ऐसा नहीं होने देंगे। हम उनके अपने हैं कोई पड़ोसी देश के बाशिन्‍दे नहीं हैं। फिर सामूहिक ब्लॉग को बंद करने का अधिकार केवल एक लेखक को कैसे हो सकता है ?

श्री श्री 108 श्री अविनाश वाचस्पति जी की इस तानाशाही का हम पुरजोर विरोध करते हैं और उनसे निवेदन करते हैं कि वे अपने फैसले पर पुनर्विचार करते हुये अविलंब नुक्कड़ को उससे जुड़े लेखकों व अनुयायियों और ब्‍लॉगिहित मे खोलें, अन्यथा हम 25 जून से उनके दिल्ली स्थित आश्रम में घुसकर उनका अन्न-पानी ग्रहण करते हुये अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे । 

 जो हिन्‍दी ब्लॉगर मेरे इस फैसले से सहमत हैं वे भी श्री श्री 108 श्री अविनाश वाचस्पति जी के दिल्ली स्थित आश्रम सह आवास पर इकट्ठा हों 25जून को सुबह 8 बजे। जो साथी किन्‍हीं भी कारणों से व्‍यस्‍त हों या न आ पा रहे हों, वे अपनी आवाज अपने – अपने ब्‍लॉगों, अखबारों और टिप्‍पणी में अवश्‍य जाहिर करें।

 जय हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग 
जय जय हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग

15 comments:

  1. मेरे भी यही ख़्याल है कि‍ ब्‍लॉग बंद नहीं कि‍या जाना चाहि‍ए. बेहतर हो कि‍ इसे बंद करने के बजाय, इसकी देखभाल कि‍सी दूसरे ब्‍लॉगर को सौंप दी जाए. और संभव हो तो, इसके एक हि‍ससे को कम से कम एक एग्रीगेटर के रूप में परि‍वर्ति‍त कर दि‍या जाए, यह बंद करने से बेहतर वि‍कल्‍प है.

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  2. मैं आपकी बातों से सहमत हूँ काजल जी !

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    बेहतरीन व सुविचारित पब्लिसिटि स्टंट लगता है यह, रवीन्द्र प्रभात जी... इसी बहाने नुक्कड़ व अविनाश वाचस्पति जी चर्चा में रहेंगे कई दिनों तक... हिन्दी ब्लॉगिंग को भी फायदा होगा... :)


    ...

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  4. इस प्रकरण पर वाहस्पति जी का भी पक्ष सामने आता तो अच्छा होता।

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  5. हिन्दी ब्लॉगिंग का पुरोधा ही एसा करेगा तो औरों का तो उत्साह ही टूट जायेगा।
    --
    अविनाश जी को ऐसा नहीं करना चाहिए।
    --
    मेरी अपील है कि वो ब्लॉगिंग में वापिस आये।
    रही बात फेस बुक की... तो मैं नें कभी फेसबुक को गम्भीरता से नहीं लिया है।

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  6. हिन्दी ब्लॉगिंग का पुरोधा ही एसा करेगा तो औरों का तो उत्साह ही टूट जायेगा।
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    अविनाश जी को ऐसा नहीं करना चाहिए।
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    मेरी अपील है कि वो ब्लॉगिंग में वापिस आये।
    रही बात फेस बुक की... तो मैं नें कभी फेसबुक को गम्भीरता से नहीं लिया है।

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  7. हिन्दी ब्लॉगिंग का पुरोधा ही एसा करेगा तो औरों का तो उत्साह ही टूट जायेगा।
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    अविनाश जी को ऐसा नहीं करना चाहिए।
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    मेरी अपील है कि वो ब्लॉगिंग में वापिस आये।
    रही बात फेस बुक की... तो मैं नें कभी फेसबुक को गम्भीरता से नहीं लिया है।

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  8. अविनाश जी के इस कदम की हमने भी आलोचना की है पर वे माने नहीं.
    .
    .बात यहाँ किसी स्टंट की नहीं है .वे फेसबुक पर की जा रही ओछी टिप्पणियों से आहत थे,इसलिए भावनावश यह कदम उठाया ।हालाँकि किसी भी तरह से यह उचित नहीं है।
    कुछ लोग अपनी नकारात्मकता से बाज नहीं आते,उनके उकसाने पर हमें अपनी सहज वृत्ति का त्याग नहीं करना चाहिए ।
    देर-सबेर तो नुक्कड़ खुलेगा ही,पर अविनाश जी का यह तरीका सही नहीं रहा।

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  9. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार २५ /६ /१३ को चर्चा मंच में राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां हार्दिक स्वागत है ।

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  10. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार २५ /६ /१३ को चर्चा मंच में राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां हार्दिक स्वागत है ।

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  11. achchha vichar hai unka anna grahan karte hue unke aashram me anishchitkalin hadtal .lagta hai yahi karna hoga . आभार मोदी व् मीडिया -उत्तराखंड त्रासदी से भी बड़ी आपदा
    आप भी जानें संपत्ति का अधिकार -४.नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN

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  12. अविनाश जी द्वारा अपना पक्ष रखे जाने बिना कोइ भी धमकी देना अनौचित्यपूर्ण है....

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  13. ये खबर तो देखी ही नहीं!
    भूख हड़ताल कर देंगे संत नगर पहुँच कर !

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