परिकल्पना सम्मान से नवाजे गये हिंदी, नेपाली, भोजपुरी, अवधी, छतीसगढ़ी, मैथिली आदि भाषाओं के ब्लॉगर्स
नेपाल सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री - श्री अर्जुन नरसिन्ह केसी |
भारत और नेपाल नदी की दो धाराओं की भाँति हैं जिनकी धार्मिक सांस्कृतिक और साहित्यिक परम्पराएँ तथा विरासतें एक समान हैं जो दोनों देशों के मैत्री समबन्धों को प्रगाढ़ बनाती हैं। ये उद्गार नेपाल सरकार के पूर्व मंत्री तथा संविधान सभा के अध्यक्ष अर्जुन नरसिन्ह केसी ने अंतरराष्ट्रीय ब्लागर सम्मेलन के उदघाटन अवसर पर व्यक्त किये। श्री केसी परिकल्पना समय लखनऊ भारत द्वारा लेखनाथ साहित्य सदन सोरहखुटे सभागार में ब्लॉगरों के सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे।
मुख्य अतिथि केसी ने कार्यक्रम के संदर्भ में बोलते हुए आगे कहा कि आज मेरे देश नेपाल में मित्र राष्ट्र भारत से आये साहित्यकारों विद्वानों विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन के संयोजक रवींद्र प्रभात जी का मैं आभारी हूँ जिन्होंने काठमाण्डौं में कार्यक्रम आयोजित करके मुझे इसमें प्रतिभाग करने का सुअवसर प्रदान किया।
वह भवन जो इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का साक्षी बना |
इस अवसर पर सम्मेलन के संयोजक रवींद्र प्रभात ने कार्यक्रम के संदर्भ में अपना मंतव्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि परिकल्पना ब्लॉगोत्सव के अंतर्गत मनाया जाने वाला यह कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीसरी बार मनाया जा रहा है। इससे पूर्व यह समारोह भारत देश की राजधानी दिल्ली एवं प्रदेश उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सफलतापूर्वक आयोजित किया जा चुका है।
उद्घाटन सह सम्मान सत्र |
उद्घाटन सत्र के पश्चात् पाँच सद्य: प्रकाशित कृतियों का लोकार्पण किया गया। लोकार्पण मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथियों द्वारा किया गया। लोकार्पित कृतियों में हिंदी मासिक परिकल्पना समय के नेपाली हिंदी विशेषांक (सम्पादक रवींद्र प्रभात) धरती पकड़ निर्दलीय (उपन्यास) कथाकार रवींद्र प्रभात, साँसों की सरगम (हाइकू संग्रह) कवियत्री डॉ. रमा द्विवेदी, यात्रा क्रम (द्वितीय खंड) सम्पत देवी मुरारका तथा मनोज भावुक के प्रथम भोजपुरी ग़ज़ल के प्रथम भोजपुरी अलबम प्रमुख थे।
इसके पश्चात देश विदेश से आये हुए चर्चित ब्लॉगरों को परिकल्पना सम्मान 2012 से सम्मानित किया गया। ब्लॉगरों को परिकल्पना ब्लॉग गौरव सम्मान, युवा सम्मान, साहित्य सम्मान, काव्य सम्मान, ब्लॉग विभूषण सम्मान, ब्लॉग भूषण सम्मान, ब्लॉग प्रसार सम्मान, ब्लॉग विमर्श सम्मान, तकनीकी सम्मान, हिंदी भूषण सम्मान, विज्ञान भूषण सम्मान, लोक सम्मान, ब्लॉग गौरव सम्मान, बाल साहित्य सम्मान, ब्लॉग प्रतिभा सम्मान आदि से 40 ब्लॉगरों को सम्मानित किया गया।
उद्घाटन सत्र में उपस्थित विशिष्ट अतिथियों विक्रम मणि त्रिपाठी, डॉ. नमिता राकेश, डॉ. रमा द्विवेदी, कुमुद अधिकारी, के के यादव, राजी व शंकर मिश्र आदि ने ब्लॉग, फेसबुक, वेबसाइट आदि की आधुनिक तकनीक के माध्यम से साहित्य सृजन के प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राम बहादुर मिश्र ने किया। कार्यक्रम के सन्योजक रवींद्र प्रभात ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों, देश-विदेश से आये ब्लॉगरों तथा स्थानीय संयोजकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
परिकल्पना समय के नेपाली अंक का लोकार्पण |
ब्लॉगर सम्मेलन में न्यू मीडिया के सामाजिक सरोकार, साहित्य में ब्लॉगिंग की भूमिका तथा ब्लॉग निर्माण एवं ब्लॉगिंग के टूल्स - विषयों पर ब्लॉगरों तथा विद्वानों ने चर्चा की। परिचर्चा में गिरीश पंकज, इं. विनय प्रजापति डॉ. राम बहादुर मिश्र, रवींद्र प्रभात, के के यादव, राजीव शंकर मिश्र, मनोज पाण्डेय आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।
समारोह का दूसरा दिन ब्लॉग और ब्लॉगरों के परिदृश्य पर केंद्रित जो तीन सत्रों में सम्मान हुआ। पहले सत्र का विषय था - 'न्यू मीडिया के सामाजिक सरोकार' जिसकी अध्यक्षता गिरीश पंकज ने की। वक्ताओं के रूप में के के यादव, सुनीता प्रेम यादव, डॉ. रमा द्विवेदी, श्रीमती सुशीला पुरी तथा ललित शर्मा ने अपने विचार व्यक्त किये। डॉ. राम बहादुर मिश्र ने परिचर्चा का सारांश प्रस्तुत किया।
12 बजे से दूसरा सत्र प्रारम्भ हुआ जिसका विषय था 'साहित्य में ब्लॉगिंग की भूमिका' । इस सत्र की अध्यक्षता डॉ. नमिता राकेश ने की तथा डॉ. राम बहादुर मिश्र, सम्पत देवी मुरारका, मनोज भावुक, संजीव तिवारी, मुकेश सिन्हा और मुकेश तिवारी ने अपने विचार व्यक्त किये। श्रीमती आकांक्षा यादव ने परिचर्चा का सारांश प्रस्तुत किया।
नेपाली संस्कृति की संगीतमय मनमोहक प्रस्तुति |
तीसरा सत्र 3 बजे से प्रारम्भ हुआ जिसकी अध्यक्षता बी एस पाबला ने की जिसका विषय था - 'ब्लॉग निर्माण एवं इसके टूल्स' इस सत्र में इं. विनय प्रजापति, अशोक कुमार गुप्ता व अंतर सोहिल ने अपने विचार व्यक्त किये। इस सत्र के सारांशक थे शैलेश भारतवासी। समापन सत्र की अध्यक्षता रवींद्र प्रभात ने की थी। इस सत्र में सभी सत्रों की समीक्षा प्रस्तुत की गयी।
सांस्कृतिक संध्या में मुम्बई फ़िल्म इंडस्ट्री से पधारे संगीतकार सरोज सुमन की प्रस्तुति ने समाँ बाँध दिया।
नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान के सचिव सनत रेग्मी के सान्निध्य में कवि सम्मेलन |
द्वितीय दिवस का समापन सर्वभाषा कवि सम्मेलन से हुआ जिसके मुख्य अतिथि थे प्रज्ञा प्रतिष्ठान के सदस्य सचिव सनत रेग्मी। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता की तथा संचालन डॉ. राम बहादुर मिश्र ने किया। कवि सम्मेलन में विनय प्रजापति, सुशीला पुरी (लखनऊ), सुनीता यादव (औरंगाबाद), सम्पत देवी मुरारका (हैदराबाद), मुकेश कुमार सिन्हा (दिल्ली), मनोज कुमार तिवारी (इंदौर), मनोज भावुक (दिल्ली), डॉ. नमिता राकेश (फ़रीदाबाद), डॉ. रमा द्विवेदी (हैदराबाद), गिरीश पंकज (छतीसगढ़), आदि ने काव्य पाठ किया। इस कार्यक्रम में हिंदी, नेपाली, उर्दू, उड़िया, भोजपुरी, मैथिली, अवधी, छतीसगढ़ी, पंजाबी, मराठी आदि भाषाओं में काव्य पाठ किया गया।
तीसरे दिन काठमाण्डौं, ललितपुर और भक्तपुर में स्थित धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया गया।
अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में भारत से आये साहित्यकारों और नेपाली साहित्यकारों का एक विचार विनिमय कार्यक्रम नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान के सभागार में चल रहा है। अगली रिपोर्ट एक विराम के बाद।
(काठमांडौ से डॉ राम बहादुर मिश्र)
nice
जवाब देंहटाएंjankar achcha laga.......
जवाब देंहटाएंबधाई।
जवाब देंहटाएंअफसोस कि हम अपरिहार्य कारणों से पहुँच न पाए।
बधाई।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबधाई सभी ब्लॉगर साथियों को ....
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंढेरों बधाई.
"डॉ. अरविंद मिश्र ने परिचर्चा का सारांश प्रस्तुत किया।" हयं ! मुझे तो लगा था कि डॉ. साहब गए ही नहीं.
वो दूसरे हैं।
हटाएंA grand show,congrats! This report was eagerly awaited!
जवाब देंहटाएंपता नहीं रवींद्र प्रभात जी कितने धैर्यवान हैं जो संयोजकत्व जैसा जोखिम भरे काम को अंज़ाम देते हैं वो भी सरलता से . प्रभू उन पर सदा कृपा बनाए रखें
जवाब देंहटाएंनेपाल की राजधानी में प्रभात जी ने ब्लोगिंग के सूर्य का परचम लहरा दिया। मन से बधाई
जवाब देंहटाएंअंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन के सफल प्रबंधन के लिए बहुत-बहुत मुबारकबाद!!! कामना है यह सफ़र यूँ ही सफलता के साथ आगे बढ़ता रहे...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा - सोमवार - 16/09/2013 को
जवाब देंहटाएंकानून और दंड - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः19 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी पधारें, सादर .... Darshan jangra
कार्यक्रम की सफलता के लिये बहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंblog jagat se jude isa karyakram kee sapahlatapurvak sayojan aur sanchalan ke liye aap badhai ke patra hain.
जवाब देंहटाएंरविन्द्र जी , अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन के सफल प्रबंधन के लिए बहुत-बहुत बधाई अब तो यही कामना है कि यह सफ़र यूँ ही सफलता के साथ आगे बढ़ता रहे... आप निश्चिंत रूप से बहुत अच्छा कामं कर रहे है . बधाई
जवाब देंहटाएंmujhe khushi hai ki main is karyakram me shamil tha.....
जवाब देंहटाएंNepal me is antar-raashtriey bloggars sammelan ke safaltapoorvak aayojan k liye Ravindra Prabhat ji evam samast team ko badhai....mujhe khushi hai ki mai is samaroh ka ek hissa thee.
जवाब देंहटाएंभाई सभी लोग यदि अपनी थकान से मुक्त हो चुके हों तो कृपया मुझे फ़ोटोज़ भेज दें। सधन्यवाद!
जवाब देंहटाएंवाह सबको बहुत बहुत बधाई !!
जवाब देंहटाएंसफल आयोजन के लिए सभी को बधाई व अग्रिम आयोजन हेतु शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंसफल आयोजन के लिए सभी को बधाई.
जवाब देंहटाएंरविन्द्र प्रभात जी एवं उनकी समस्त टीम को ,तृतीय अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मलेन ,काठमांडू ,के सफल आयोजन के लिए ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएँ …… इस सम्मलेन में प्रतिभागी बनना बहुत सुखद एवं स्मरणीय रहा.….
जवाब देंहटाएंsafal ayojan ke liye badhai ...
जवाब देंहटाएंhardik badhai
जवाब देंहटाएंआपके इस प्रयास को इतिहास याद रखेगा ....हार्दिक बधाई रविन्द्र प्रभात जी को ...
जवाब देंहटाएंकार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंकार्यक्रम के सफलतापूर्वक समापन पर ... सभी को बहुत -बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंपरिकल्पना टीम को इस आयोजन के लिये बहुत-बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंपूरा कार्यक्रम वास्तविक तौर पर बहुत ही अच्छा था। परिकल्पना और इस आयोजन से जुडे लोगों की मेहनत सराहनीय है।
इस पोस्ट में 2-3 प्वायंट पर लगता है कि रिपोर्ट पूर्वनियोजित कार्यक्रम को ध्यान में रखकर लिखी गई है, बजाय वास्तव में जो प्रोग्राम हुआ। बडे-बडे आयोजनों में फेरबदल हो जाना सामान्य बात है। रिपोर्ट को वास्तविक ही रखा जाना चाहिये।
प्रणाम स्वीकार करें
वो तो रपट लिखने वाले से कभी-कभी चूक हो ही जाती है, किन्तु कुल मिलाकर देखा जाये तो वाकई बहुत बड़ा और श्रेष्ठ आयोजन था । इस आयोजन की सफलता के लिए बहुत-बहुत बधाइयाँ ।
जवाब देंहटाएंइस महत्वपूर्ण पल का साक्षी बनने पर मुझे गर्व है । रवीद्र प्रभात जी की जितनी तारीफ की जाये कम होगी।
जवाब देंहटाएंपरिकल्पना और इस आयोजन से जुडे लोगों की मेहनत सराहनीय है। बहुत-बहुत बधाइयाँ और शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंकार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंसफल आयोजन के लियें आप सभी को बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंसुन्दर सफल आयोजन के लिए हृदय से बधाई ........
जवाब देंहटाएंcongratulation...!! & very very thanks for this successful programme..
जवाब देंहटाएंplease follow me on TWITTER @ ashokalok09@gmail.com
जैसे ही दिल्ली में विधान सभा चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हुई "आप-तक" पे युगपुरुष कचरावाल पे विशेष दिखाए जाने लग गए, कचरावाल को फिर से क्रन्तिकारी साबित करना शुरू कर दिया है....कहीं नवीन जिंदल और फोर्ड फाउंडेशन का काला धन "आप-तक" में तो नहीं आ रहा?? वैसे बहुत रिएक्शन आ रहा होगा आज कल।
जवाब देंहटाएं