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परिवार से बढ़ कर कुछ नहीं ... परिवार से बढ़ कर कुछ नहीं ...

अनीता अग्रवाल अपने शब्दों में = एक साधारण महिला, जो जियो और जीने दो में विश्वास रखती है. रिश्ते-नाते व मित्रता का महत्व जानती है. ...

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3:00 pm

अतीत में वर्तमान जीता है अतीत में वर्तमान जीता है

अतीत में वर्तमान जीता है भविष्य के सपने संजोये .... ज़िन्दगी यूँ न बसर हो तो सवेरा सवेरा सा नहीं लगता . ... मेरी कलम मेरे जज़्बात...

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1:00 pm

एक पैसे का सुख एक पैसे का सुख

समय बदल जाते है, मौसम बदल जाते हैं मगर यादें अमिट छाप छोड़ जाती है वक़्त की आती -जाती रफ्तार पर । उत्सव के दो दिन बीत चुके हैं और आज है तीस...

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10:00 am
 
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